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कौन हैं अनिल अंबानी की कंपनी के पूर्व CFO अशोक कुमार पाल? फर्जी बैंक गारंटी केस में ED ने किया है गिरफ्तार

ED ने रिलायंस पावर के CFO और Executive Director अशोक कुमार पाल को गिरफ्तार किया है. उन पर फर्जी बैंक गारंटी और फर्जी इनवॉइसिंग के मामले में गंभीर आरोप हैं, जिसमें SECI BESS टेंडर के तहत 68 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी गारंटी शामिल है. पाल पर आरोप है कि उन्होंने फंड डायवर्ट करने, दस्तावेज़ तैयार करने और फर्जी बैंक डोमेन का इस्तेमाल करने में प्रमुख भूमिका निभाई. ED ने कहा कि यह धोखाधड़ी जनता और निवेशकों के हितों को प्रभावित करती है.

कौन हैं अनिल अंबानी की कंपनी के पूर्व CFO अशोक कुमार पाल? फर्जी बैंक गारंटी केस में ED ने किया है गिरफ्तार
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 11 Oct 2025 1:14 PM

रिलायंस पावर लिमिटेड (RPL) के Chief Financial Officer (CFO) और Executive Director, Ashok Kumar Pal को Enforcement Directorate (ED) ने शुक्रवार देर रात गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी का संबंध फर्जी बैंक गारंटी और फर्जी इनवॉइसिंग से जुड़ी जांच से है, जिसमें कथित तौर पर Anil Ambani समूह की कंपनियों के धन का हेरफेर किया गया.

सूत्रों के अनुसार, Pal ने इस योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके तहत सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी से करोड़ों रुपये का फंड डायवर्ट किया गया.

अशोक कुमार पाल कौन हैं?

अशोक कुमार पाल एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, जिनके पास वित्त, लेखा, कराधान और MIS (Management Information System) में 25 वर्षों का अनुभव है. वह RPL में CFO और Executive Director के रूप में कार्यरत हैं, जहां जनता के पास 75% से अधिक शेयर हैं. इस पद पर उनकी जिम्मेदारी वित्त, लेखा, कराधान, MIS और विभिन्न नियामक अनुपालनों की देखरेख करना है.

उनका करियर 2003 में L’Oréal में Accounts Officer के रूप में शुरू हुआ, जहां उन्होंने आयात यूनिट खातों, इन्वेंट्री मूल्यांकन, विदेशी मुद्रा लेन-देन और PwC द्वारा क्‍वाटरली ऑडिट जैसे काम संभाले. अगस्त 2005 में उन्होंने Reliance Industries Ltd. में Manager Accounts के रूप में काम शुरू किया, जहां उन्होंने TDS, इनकम टैक्स, सर्विस टैक्स, बैंकिंग और MIS रिपोर्टिंग संभाली.

दिसंबर 2010 में Pal ने Clearpack ज्वाइन किया, जो इंडस्ट्रीज के लिए ऑटोमेटिक पैकेजिंग समाधान प्रदान करती है. यहां उन्होंने दो कंपनियों के लिए फाइनेंस, लेखा और कराधान की जिम्मेदारी संभाली. मई 2012 में पाल Deepak Nitrite Limited में चीफ मैनेजर बने और Fine & Specialty Chemicals और बाद में Basic Chemicals के लिए Accounts, Taxation और MIS टीम का नेतृत्व किया.

कब रिलायंस पावर में आए?

फरवरी 2018 में Pal ने अनल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस पावर में डिप्‍टी जनरल मैनेजर के रूप में जॉइन किया. अप्रैल 2021 में GM, जनवरी 2023 में CFO और सितंबर 2024 में Executive Director बन गए.

ईडी ने क्या लगाए आरोप?

ED के अनुसार, पाल का नाम सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) बैटरी एनर्जी स्‍टोरेज सिस्‍टम (BESS) टेंडर से जुड़े फर्जीवाड़े में शामिल है. बोर्ड के प्रस्ताव ने पाल और अन्य अधिकारियों को टेंडर के लिए सभी दस्तावेज़ तैयार, अनुमोदित और निष्पादित करने का अधिकार दिया था. पाल पर आरोप है कि उन्होंने 68 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी बैंक गारंटी SECI को प्रस्तुत की. इसमें उनका प्रमुख योगदान योजना बनाना, सुपरविजन करना, फंडिंग और छुपाने के तरीके शामिल थे. Biswal Tradelink Pvt Ltd (BTPL) को फर्जी गारंटी देने के लिए चुना गया, जो एक छोटी कंपनी थी और बैंक गारंटी में कोई विश्वसनीय रिकॉर्ड नहीं रखती थी.

इसके अलावा, पाल कथित रूप से फर्जी ट्रांसपोर्ट इनवॉइस के माध्यम से करोड़ों रुपये डायवर्ट करने में शामिल थे. उन्होंने Telegram और WhatsApp के जरिए फंड रिलीज और पेपरवर्क को मंजूरी दी, जबकि सामान्य SAP और वेंडर मास्टर वर्कफ़्लो को बायपास किया गया.

फर्जी बैंक गारंटी का तरीका

जांच में पता चला कि पाल ने फर्जी बैंक गारंटी FirstRand Bank, Manila, Philippines की नामजाल वाली शाखा के माध्यम से बनाई. इसमें स्पूफ और लुकअलाइक डोमेन का उपयोग कर असली बैंक का ठसका देने का प्रयास किया गया. उदाहरण के लिए: sbi.17313@s-bi.co.in, lndianbank.in, lndusindbank.in, pnblndia.in, psdbank.co.in, siliguripnb.co.in, Iobbank.co.in, unionbankoflndia.co.in. इसमें "i" को "l" से बदलने या छोटे टेक्स्ट बदलाव से असली बैंक डोमेन जैसा दिखाया गया. इन फर्जी डोमेन का उद्देश्य ईमेल और पत्रों को नकली बनाकर वैध दस्तावेज़ के रूप में प्रस्तुत करना था.

ED ने क्या कहा?

ED ने कहा, “अशोक पाल ने उस धोखाधड़ी में अहम भूमिका निभाई जो जनता को प्रभावित करती है.” इस मामले ने यह उजागर किया कि सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों में वित्तीय कदाचार की कितनी गंभीर संभावना होती है, और जांच जारी है कि इसका अनिल अंबानी समूह पर व्यापक प्रभाव क्या होगा. अशोक कुमार पाल की गिरफ्तारी ने एक बार फिर यह सवाल उठाया कि सार्वजनिक कंपनियों में वित्तीय जिम्मेदारी और पारदर्शिता कितनी अहम है. CFO जैसे शीर्ष पद पर बैठे अधिकारी का इस तरह का दुरुपयोग न केवल कंपनी बल्कि पूरे निवेशक समुदाय के हितों के लिए खतरा है.

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