GST 2.0 लागू तो हो गया पर क्या अब भी नहीं मिल रहा सस्ता सामान? ऐसे करें शिकायत
सरकार ने 22 सितंबर 2025 से GST 2.0 लागू कर दिया है, जिसके तहत अब केवल दो स्लैब - 5% और 18% - ही रह गए हैं. इस बदलाव के बाद लगभग 99% रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं के दाम कम हो गए हैं और उपभोक्ताओं को इससे आर्थिक राहत मिलने की उम्मीद है. हालांकि, कई लोगों ने शिकायत की है कि कुछ दुकानदार और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अब भी पुराने दाम वसूल रहे हैं, जिससे GST कटौती का लाभ सीधे ग्राहकों तक नहीं पहुंच पा रहा है.

सरकार ने 22 सितंबर 2025 से GST 2.0 लागू कर दिया है, जिसके तहत अब केवल दो स्लैब 5% और 18% ही रह गए हैं. इस बदलाव के बाद आम उपयोग की लगभग 99% वस्तुओं की कीमतों में कमी आ गई है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलने की संभावना है. फिर भी, कई ग्राहकों ने शिकायत की है कि कुछ दुकानदार और ऑनलाइन स्टोर अभी भी पुराने दाम वसूल रहे हैं और टैक्स में कटौती का लाभ सही तरीके से ग्राहकों तक नहीं पहुंचा.
इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए शिकायत दर्ज करने के आसान उपाय उपलब्ध कराए हैं. सबसे पहले, कोई भी व्यक्ति राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. इसके लिए टोल-फ्री नंबर 1915 और 1800-11-4000 जारी किए गए हैं. इसके अतिरिक्त, उपभोक्ता सीधे WhatsApp नंबर 8800001915 पर भी अपनी शिकायत भेज सकते हैं.
पोर्टल पर करें ऑनलाइन शिकायत
सिर्फ यही नहीं, सरकार ने Integrated Grievance Redressal Mechanism (INGRAM) पोर्टल भी बनाया है. इस पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है. खास बात यह है कि यह पोर्टल 17 भाषाओं में शिकायत दर्ज करने की सुविधा देता है. शिकायत दर्ज कराने के बाद उपभोक्ता को एक यूनिक डॉकेट नंबर मिलेगा, जिसके जरिए वह अपनी शिकायत की स्थिति ट्रैक कर सकता है.
सजग रहें उपभोक्ता
GST 2.0 के तहत कीमतों में कटौती का असर दैनिक जीवन की लगभग सभी वस्तुओं पर दिखना चाहिए. सरकार का कहना है कि बड़ी कंपनियों ने खुद ही कीमतें घटाने की घोषणा की है ताकि टैक्स कटौती का लाभ सीधे ग्राहकों तक पहुंचे. हालांकि, बाजार में ऐसे व्यापारी और विक्रेता भी हैं जिन्होंने अभी तक कीमतों में कटौती नहीं की. यही कारण है कि उपभोक्ताओं को सजग रहकर शिकायत करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
बाजार की हो रही निगरानी
सरकार का मानना है कि GST कटौती का फायदा सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाना आवश्यक है. इसके लिए बाजार की निगरानी तो की जा रही है, लेकिन पूरा नियंत्रण तभी संभव है जब उपभोक्ता खुद सजग रहें और गलत वसूली पर आवाज उठाएं. GST कटौती का लाभ न मिलने पर शिकायत करना न सिर्फ ग्राहक का अधिकार है, बल्कि जिम्मेदारी भी है. उपभोक्ताओं की सक्रियता से बाजार में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी.
जब कोई उपभोक्ता शिकायत दर्ज कराता है, उसे यूनिक डॉकेट नंबर मिलता है. इस नंबर के जरिए शिकायत की स्थिति ट्रैक की जा सकती है. शिकायत की जांच के बाद दोषी व्यापारी या कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. इससे केवल ग्राहक को न्याय नहीं मिलता, बल्कि अन्य व्यापारियों को यह संदेश भी जाता है कि नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
सरकार ने बार-बार कहा है कि GST कटौती का उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत देना है. यदि कोई व्यापारी या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इसका फायदा नहीं पहुंचा रहा है, तो शिकायत दर्ज कराना आवश्यक है. इससे उपभोक्ताओं को कीमतों में कटौती का पूरा लाभ मिलेगा और बाजार में निष्पक्षता भी बनी रहेगी.