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अब चेक क्लियरेंस एक ही दिन में, RBI के फैसले से ग्राहकों को मिलेगी बड़ी राहत, जानिए क्या बदलेगा

अब चेक क्लियरेंस एक ही दिन में! भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला लिया है. 4 अक्टूबर 2025 से बैंकों में चेक क्लियर होने में अब 1-2 दिन नहीं लगेंगे, बल्कि रकम उसी दिन खाते में आ जाएगी. नए नियम के तहत बैच-बेस्ड सिस्टम खत्म कर दिया गया है और अब हर चेक को लगातार प्रोसेस किया जाएगा.

अब चेक क्लियरेंस एक ही दिन में, RBI के फैसले से ग्राहकों को मिलेगी बड़ी राहत, जानिए क्या बदलेगा
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( Image Source:  Canva )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 4 Oct 2025 9:31 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों के लिए एक बड़ा बदलाव लागू कर दिया है. 4 अक्टूबर 2025 से पूरे देश में सेम डे चेक क्लियरेंस सिस्टम यानी एक ही दिन में चेक क्लियर करने की व्यवस्था शुरू हो जाएगी. यह फैसला बैंकिंग सिस्टम को तेज़, पारदर्शी और ग्राहक-हितैषी बनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है. पहले जहां चेक के पैसे क्लियर होने में एक से दो दिन लग जाते थे, वहीं अब ग्राहक को 24 घंटे के भीतर ही भुगतान मिल जाएगा.

यह नया सिस्टम दो चरणों में लागू किया जाएगा - पहला चरण 4 अक्टूबर 2025 से और दूसरा चरण 3 जनवरी 2026 से शुरू होगा. आइए विस्तार से जानते हैं कि यह बदलाव क्या है, कैसे काम करेगा और ग्राहकों को इससे क्या लाभ होंगे.

क्या है यह नया सिस्‍टम?

यह सिस्टम बैंकों को यह सुविधा देता है कि किसी ग्राहक द्वारा जमा किया गया चेक उसी दिन क्लियर कर दिया जाए. यानी अब चेक क्लियरेंस के लिए बैच या समूह प्रक्रिया की बजाय रियल टाइम या कंटीन्यूअस प्रोसेसिंग होगी. अब तक बैंक चेकों को एक निश्चित समय पर बैच के रूप में प्रोसेस करते थे, जिसके कारण भुगतान में देरी होती थी. लेकिन नए नियम के तहत जैसे ही कोई ग्राहक चेक जमा करेगा, बैंक उसी समय उसे स्कैन कर क्लियरिंग के लिए भेज देगा. इसका मतलब है कि हर चेक का निपटान उसी समय से शुरू हो जाएगा जब वह बैंक में पहुंचता है.

कैसे काम करेगा यह नया सिस्टम?

RBI ने इस सिस्टम के लिए एक सटीक टाइमलाइन तय की है. ग्राहक जब भी सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच बैंक में चेक जमा करेगा, बैंक कर्मचारी तुरंत उसे स्कैन कर डिजिटल क्लियरिंग सिस्टम में अपलोड करेंगे. इसके बाद बैंकों के बीच सेटलमेंट हर घंटे यानी 11 बजे से शुरू होकर शाम तक होता रहेगा. जिस बैंक पर चेक ड्रॉ हुआ है (पेइंग बैंक), उसे शाम 7 बजे तक उस चेक की पुष्टि करनी होगी. अगर तय समय तक बैंक की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आती, तो वह चेक ऑटो-अप्रूव माना जाएगा. इस प्रक्रिया से पूरे देश में चेक क्लियरिंग अब एक निश्चित और तेज़ समय सीमा के भीतर पूरी होगी.

ग्राहकों को क्या फायदा होगा?

यह बदलाव लाखों बैंक ग्राहकों के लिए राहत लेकर आएगा. अब उन्हें अपने चेक के क्लियर होने के लिए 1 या 2 दिन इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा. तेज़ भुगतान: पैसे 24 घंटे में खाते में आएंगे. चाहे ग्राहक दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु या कोलकाता में चेक जमा करे, भुगतान का समय समान रहेगा. लगातार और ऑटो-अप्रूव प्रक्रिया के चलते चेक रिजेक्शन और देरी की संभावनाएं घटेंगी. साथ ही छोटे व्यापारियों और कंपनियों को भी कैश फ्लो में सुविधा मिलेगी, जिससे व्यापार संचालन में तेजी आएगी.

दो चरणों में लागू होगी नई व्यवस्था

  • RBI ने इस व्यवस्था को दो चरणों में लागू करने का निर्णय लिया है ताकि बैंकिंग नेटवर्क इसे सुचारू रूप से अपना सके.
  • पहला चरण (4 अक्टूबर 2025): इस तारीख से सभी बैंक एक-दिवसीय क्लियरेंस सिस्टम लागू करेंगे.
  • दूसरा चरण (3 जनवरी 2026): अगले चरण में, RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि ग्राहक द्वारा चेक जमा करने के तीन घंटे के भीतर उसे क्लियर किया जाए. यानी भविष्य में क्लियरेंस का समय 24 घंटे से घटकर सिर्फ 3 घंटे रह जाएगा.
  • यह भविष्य की बैंकिंग के लिए एक क्रांतिकारी सुधार माना जा रहा है.

ग्राहक जागरूकता और बैंक की जिम्मेदारी

RBI ने सभी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने ग्राहकों को इस बदलाव की जानकारी समय रहते दें. बैंकों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जैसे ही चेक क्लियर हो, ग्राहक के खाते में तुरंत या एक घंटे के भीतर रकम उपलब्ध कराई जाए. ग्राहक को मोबाइल या ईमेल पर क्लियरेंस स्टेटस की सूचना दी जाए. बैंक की शाखाएं और डिजिटल प्लेटफॉर्म (जैसे नेट बैंकिंग और ऐप्स) इस प्रक्रिया के लिए तैयार हों. आरबीआई का यह कदम बैंकिंग सिस्टम में ग्राहकों का भरोसा बढ़ाने और डिजिटल प्रोसेस को अधिक कुशल बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है.

RBI का लक्ष्य और असर

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस पहल के जरिए भारतीय बैंकिंग सिस्टम को “24x7 ट्रांजैक्शन इकोसिस्टम” की ओर ले जाने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है. यह सुधार न केवल ग्राहकों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में तेज़ नकदी प्रवाह सुनिश्चित करेगा. साथ ही, यह आरबीआई की उस लंबी योजना का हिस्सा है जिसके तहत नेट बैंकिंग, UPI, RTGS और अब चेक क्लियरिंग, सभी सर्विस अधिक तेज़ बनाई जा रही हैं.

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