क्या 2025 में छिड़ेगा तीसरा विश्वयुद्ध, दुनिया में चल रही जंगों का अभी क्या है हाल?
इन देशों में हुए युद्ध का खीमियाजा पूरे विश्व को उठाना पड़ा. भारत में भी इसका असर दिखा. युद्ध ग्रस्त देशों में रह रहे भारतवासियों को रातों रात एयरलिफ्ट करना पड़ा और वहां से नौकरी, संपत्ति और घरों को छोड़कर अपने मुल्क में आना पड़ा. क्या 2025 में भी यह हिंसा जारी रहेगी या फिर इसका अंत हो जाएगा?;
फरवरी 2022 में शुरू हुए यूक्रेन-रूस युद्ध ने इजरायल, गाजा, सीरिया, सूडान और म्यांमार सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न कारणों से संघर्षों की एक सीरीज को जन्म दिया. इस युद्ध की वजह से लाखों लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा और हजारों लोग बेघर हो गए.
इन देशों में हुए युद्ध का खीमियाजा पूरे विश्व को उठाना पड़ा. भारत में भी इसका असर दिखा. युद्ध ग्रस्त देशों में रह रहे भारतवासियों को रातों रात एयरलिफ्ट करना पड़ा और वहां से नौकरी, संपत्ति और घरों को छोड़कर अपने मुल्क में आना पड़ा. अब नया साल आ गया है. क्या 2025 में भी यह हिंसा जारी रहेगी या फिर इसका अंत हो जाएगा?
गाजा की क्या है स्थिति?
गाजा पट्टी अक्टूबर 2023 में हिंसा का केंद्र बन गया, जब फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह हमास ने इजरायल पर हमले शुरू कर दिए, जिसमें सैकड़ों बंदूकधारी क्षेत्र में समुदायों में घुसपैठ कर रहे थे. इज़रायली आंकड़ों के अनुसार, लगभग 1200 लोग मारे गए और 250 से ज़्यादा लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले जाया गया. गाजा के हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इज़रायली सेना द्वारा जवाबी कार्रवाई में किए गए हवाई और तोपखाने हमलों में गाजा में 44,000 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं.
इज़रायली सेना ने अक्सर कहा है कि वह केवल उग्रवादियों को निशाना बनाती है और नागरिकों की मौतों के लिए हमास को दोषी ठहराती है क्योंकि उसके लड़ाके घने आवासीय क्षेत्रों में काम करते हैं. सेना ने कहा कि उसने बिना सबूत दिए 17,000 उग्रवादियों को मार गिराया है. युद्ध के कारण गाजा की 2.3 मिलियन की आबादी में से लगभग 90% लोग विस्थापित हो चुके हैं, जिनमें से कई लोग कई बार विस्थापित हुए हैं.
अमेरिका और अरब मध्यस्थों ने युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई के लिए लगभग एक साल तक प्रयास किया है, लेकिन वे प्रयास बार-बार विफल हो गए हैं. हमास ने स्थायी युद्ध विराम की मांग की है, जबकि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 'पूर्ण विजय' तक लड़ाई जारी रखने की कसम खाई है. लेकिन इस साल युद्ध खत्म होने की संभावना है. डोनाल्ड ट्रंप ने नेतन्याहू से कहा था कि वह चाहते हैं कि 20 जनवरी को व्हाइट हाउस लौटने से पहले संघर्ष खत्म हो जाए.
यूक्रेन संघर्ष को ख़त्म कर रहे पुतिन?
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के खिलाफ अपनी आक्रामकता बढ़ा सकते हैं, क्योंकि वे उन क्षेत्रों को पुनः प्राप्त करने के लिए तैयार हैं जो कभी सोवियत संघ का हिस्सा थे. 2025 तक पुतिन पोलैंड, फिनलैंड और बाल्टिक देशों सहित 1997 के बाद के नाटो देशों को कमजोर करने और गठबंधन छोड़ने के लिए मजबूर करने की अपनी रणनीतिक योजना को आगे बढ़ाएंगे.
ट्रंप ने अपने मतदाताओं से वादा किया है कि वे एक दिन के भीतर शांति समझौते पर बातचीत करके यूक्रेन युद्ध को समाप्त कर देंगे. रिपोर्ट्स बताती हैं कि उनकी यह योजना पुतिन को रोकने के बजाय उनका हौसला बढ़ा सकती है. पुतिन ने कहा था कि रूस युद्ध विराम और शांति वार्ता के लिए तभी सहमत होगा जब यूक्रेन डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज्जिया से हट जाएगा और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने के अपने लक्ष्य को अस्वीकार कर देगा. पुतिन ने यह भी मांग की है कि यूक्रेन क्रीमिया और सेवस्तोपोल को रूसी क्षेत्र के रूप में स्वीकार करे.
सीरिया में क्या है स्थिति?
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ 2011 में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों से शुरू हुआ संघर्ष गृहयुद्ध में बदल गया. ईरान, रूस और हिज़बुल्लाह ने असद का समर्थन किया, जबकि विद्रोही समूहों में अल-कायदा और ISIS जैसे चरमपंथी शामिल हुए. अमेरिका ने ISIS के खिलाफ SDF को समर्थन दिया. 2024 में विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जा कर लिया, जिससे असद का शासन कमजोर हुआ. रूस और ईरान की सीमित क्षमताओं और विद्रोहियों की तैयारी से असद की स्थिति और गंभीर हो गई. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे 'न्याय का क्षण' कहा, लेकिन क्षेत्रीय अनिश्चितता की चेतावनी दी. विशेषज्ञ 2025 में बड़े बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं. फ़िलहाल सत्ता की बागडोर विरोधी गुट के नेता अहमद अल-शरा के पास है.
2025 में कहां खड़ा होगा म्यांमार?
म्यांमार में 2021 में सेना द्वारा नागरिक सरकार को गिराने के बाद से चल रहे गृहयुद्ध में 50,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और लगभग 3 मिलियन लोग विस्थापित हुए हैं. युद्ध के पहले दो वर्षों में जुंटा और सशस्त्र प्रतिरोध समूहों के बीच लड़ाई ने गतिरोध पैदा कर दिया जबकि 2024 में सेना पीछे हट गई.
इसे लेकर म्यांमार के पड़ोसी देश तनाव में हैं. दिसंबर में थाईलैंड ने राजनीतिक संकट को हल करने के लिए वार्ता की. इस बैठक में म्यांमार के साथ-साथ लाओस, चीन, भारत, बांग्लादेश और मेजबान थाईलैंड के विदेश मंत्रियों और उच्च-स्तरीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया. विशेषज्ञों का मानना है कि इस दृष्टिकोण के सफल होने की संभावना नहीं है.