कौन हैं सिंगर जेम्स जिनके कॉन्सर्ट पर बांग्लादेश में हुआ हमला? अबतक 25 लोग घायल; बॉलीवुड के कई गानों को दे चुके हैं आवाज़

बांग्लादेश के फरीदपुर में मशहूर गायक James के कॉन्सर्ट के दौरान भीड़ द्वारा किए गए हमले ने देश में बढ़ती हिंसा और सांस्कृतिक असुरक्षा को उजागर कर दिया है. ईंट-पत्थरबाजी में 25 लोग घायल हुए, जिसके बाद कार्यक्रम रद्द करना पड़ा. लेखिका Taslima Nasreen ने इसे संस्कृति पर हमला बताया है. सत्ता परिवर्तन के बाद कलाकारों, सांस्कृतिक संस्थानों और पत्रकारों पर हमले बढ़े हैं, जबकि Muhammad Yunus के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर हालात नियंत्रित न कर पाने के आरोप लग रहे हैं.;

( Image Source:  insta/nagorbaul_officialfan )
Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 27 Dec 2025 11:34 AM IST

बांग्लादेश में संगीत और संस्कृति के लिए जानी जाने वाली धरती एक बार फिर हिंसा की वजह से सुर्खियों में है. फरीदपुर में मशहूर गायक जेम्स के कॉन्सर्ट के दौरान जिस तरह भीड़ ने हमला किया, उसने सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं रोका, बल्कि देश में अभिव्यक्ति की आज़ादी और सांस्कृतिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए.

शुक्रवार रात होने वाला यह कार्यक्रम अचानक अफरातफरी में बदल गया. ईंट-पत्थरों की बरसात, घायल लोग और रद्द होता कॉन्सर्ट यह दृश्य उस डर को उजागर करता है, जिसमें आज बांग्लादेश के कलाकार और सांस्कृतिक संस्थान काम करने को मजबूर हैं.

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कौन हैं सिंगर जेम्स?

James बांग्लादेश के सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली गायकों में गिने जाते हैं. वह मशहूर रॉक बैंड Nagar Baul के मुख्य गायक और गीतकार हैं. जेम्स ने सिर्फ बांग्लादेश ही नहीं, भारत में भी अपनी पहचान बनाई है. उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों Gangster का सुपरहिट गीत “भीगी भीगी” और Life in a... Metro का “अलविदा” गाया है. रॉक, फोक और प्लेबैक तीनों में उनकी आवाज़ को खास सम्मान मिलता है, यही वजह है कि उन पर हमला होना पूरे सांस्कृतिक जगत के लिए चिंता का विषय बन गया है.

फरीदपुर में क्या हुआ उस रात?

ढाका से करीब 120 किलोमीटर दूर फरीदपुर में एक स्कूल की वर्षगांठ के मौके पर जेम्स का कॉन्सर्ट तय था. रात करीब 9 बजे अचानक एक उग्र भीड़ कार्यक्रम स्थल में घुस आई और दर्शकों पर ईंट-पत्थर फेंकने लगी. इस हमले में कम से कम 25 लोग घायल हो गए. स्थिति बेकाबू होती देख आयोजकों ने तुरंत कॉन्सर्ट रद्द करने का फैसला लिया. मौजूद छात्र और दर्शक विरोध करते रहे, लेकिन सुरक्षा के अभाव में कार्यक्रम जारी रखना संभव नहीं था. कलाकारों और आयोजकों की प्राथमिकता लोगों की जान बचाना बन गई.

संस्कृति को दबाने की कोशिश

हमले के बाद इलाके में दहशत फैल गई. स्थानीय लोगों का कहना है कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर इस तरह के हमले समाज में डर का माहौल पैदा कर रहे हैं. कई लोगों ने इसे “संस्कृति को दबाने की कोशिश” करार दिया.

तस्लीमा नसरीन ने जताई चिंता

मशहूर लेखिका Taslima Nasreen ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस घटना को लेकर चिंता जताई. उन्होंने लिखा कि हमलावरों ने सिर्फ कॉन्सर्ट नहीं रोका, बल्कि संगीत, नृत्य और लोक संस्कृति को बढ़ावा देने वाले संगठनों को भी निशाना बनाया. नसरीन के मुताबिक, कल्चरल सेंटर ‘छायानट’ और लोक-सांस्कृतिक संगठन ‘उदिची’ पर भी हमले किए गए. इससे यह साफ होता है कि यह सिर्फ एक कॉन्सर्ट पर हमला नहीं, बल्कि व्यापक सांस्कृतिक असहिष्णुता का संकेत है.

अब डर रहे कलाकार

बढ़ती हिंसा का असर अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर भी पड़ा है. मैहर घराने से जुड़े सिराज अली खान और उस्ताद राशिद खान के बेटे अरमान खान जैसे कलाकारों ने सुरक्षा कारणों से ढाका में प्रस्तुति देने से इनकार कर दिया.

सत्ता परिवर्तन के बाद बढ़ी हिंसा

पूर्व प्रधानमंत्री Sheikh Hasina के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश में भीड़ हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं. कलाकारों, पत्रकारों और अल्पसंख्यकों पर हमले लगातार सामने आ रहे हैं. नोबेल विजेता Muhammad Yunus के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर कट्टरपंथी तत्वों को नियंत्रित न कर पाने के आरोप लग रहे हैं. सरकार स्थिति संभालने के दावे तो कर रही है, लेकिन ज़मीनी हालात अलग कहानी बयां कर रहे हैं.

चुनावी माहौल में बढ़ता तनाव

12 फरवरी को होने वाले संसदीय चुनावों से पहले माहौल और तनावपूर्ण हो गया है. प्रचार के दौरान एक कट्टरपंथी युवा नेता की हत्या के बाद हिंसक घटनाओं में और तेजी आई है, जिससे सांस्कृतिक आयोजनों पर खतरा बढ़ गया है. फरीदपुर की घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बांग्लादेश में लोकतंत्र के साथ-साथ संस्कृति भी सुरक्षित है? अगर कलाकार मंच पर सुरक्षित नहीं, तो समाज की रचनात्मक आत्मा पर सीधा खतरा माना जाएगा.

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