निज्‍जर की जगह लेने वाला खालिस्‍तानी आतंकी इंद्रजीत सिंह गोसल कौन? कनाडा में हुआ गिरफ्तार, NSA का दबाव आया काम

कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी इंद्रजीत सिंह गोसल को गिरफ्तार किया गया. वह सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के करीबी थे. भारत की NSA अजीत डोभाल के कड़े दबाव और खुफिया जानकारी के बाद कनाडाई एजेंसियों ने कार्रवाई की. गोसल पर हथियारों और हिंसक गतिविधियों के आरोप हैं. गिरफ्तारी से खालिस्तानी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा और भारत की अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की सफलता सामने आई.;

( Image Source:  X/IndicSocietee )
Edited By :  नवनीत कुमार
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कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादियों की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारत की कड़ी कार्रवाई का असर देखने को मिला है. गुरपतवंत सिंह पन्नू के करीबी और सिख फॉर जस्टिस संगठन के प्रमुख सदस्य इंद्रजीत सिंह गोसल को कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है जब भारत लगातार विदेशों में खालिस्तानी गतिविधियों पर निगरानी और दबाव बढ़ा रहा है.

इस गिरफ्तारी के पीछे भारत की कूटनीतिक सक्रियता और खुफिया जानकारी का बड़ा हाथ माना जा रहा है. इंद्रजीत सिंह गोसल लंबे समय से कनाडा में पन्नू के प्रभाव के तहत सक्रिय था और भारत विरोधी गतिविधियों में सीधे शामिल रहा. गोसल की गिरफ्तारी ने भारत और कनाडा के बीच सुरक्षा सहयोग की एक मजबूत मिसाल पेश की है.

कौन है इंद्रजीत सिंह गोसल?

36 वर्षीय इंद्रजीत सिंह गोसल को खालिस्तानी आतंकवादी और सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के कनाडा प्रमुख आयोजक के तौर पर जाना जाता है. वह पन्नू के पीएसओ यानी पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर के रूप में भी काम करता रहा है. जून 2023 में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद इंद्रजीत ने SFJ के लिए कनाडा में मुख्य संगठनात्मक जिम्मेदारी संभाली थी.

गोसल पर आरोप है कि वह कनाडा में खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह को संगठित करता रहा और हिंसक गतिविधियों में भी शामिल रहा. पिछले साल नवंबर में GTA में एक हिंदू मंदिर पर हुई हिंसक घटना में भी उसका नाम सामने आया था. हालांकि तब उसे शर्तों के साथ रिहा कर दिया गया था.

NSA अजीत डोभाल का दबाव

इंद्रजीत सिंह गोसल की गिरफ्तारी में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की रणनीतिक भूमिका रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डोभाल के नेतृत्व में भारत ने कनाडा को विस्तृत खुफिया रिपोर्ट और वित्तीय लेन-देन के सबूत उपलब्ध कराए. इन दस्तावेजों में गोसल और पन्नू के सीधे संबंधों के प्रमाण शामिल थे.

एनएसए डोभाल ने कनाडा सरकार को सख्त संदेश दिया कि खालिस्तानी आतंकवादियों को वहां पनपने नहीं दिया जाएगा. उनके दबाव और उपलब्ध कराए गए सबूतों के चलते कनाडाई एजेंसियों ने गोसल पर कार्रवाई करने का फैसला लिया.

खालिस्तानी गतिविधियों पर क्या बोला भारत?

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया का असर कनाडा में साफ नजर आया. हाल के वर्षों में कनाडा खालिस्तानी गतिविधियों के केंद्र के रूप में उभरा है, जहां भारत विरोधी प्रदर्शन और संगठनिक कामकाज बढ़ गया था. गोसल की गिरफ्तारी एक तरह से भारत की विदेश नीति और खुफिया कार्रवाई की सफलता मानी जा रही है.

गोसल की कानूनी स्थिति

इंद्रजीत सिंह गोसल को अब हथियारों से जुड़े अपराधों और हिंसक गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों के तहत हिरासत में लिया गया है. कानूनी प्रक्रिया के दौरान कनाडा की अदालतों द्वारा उसकी जिम्मेदारी और आरोपों की समीक्षा की जाएगी. यह देखना होगा कि इस बार कार्रवाई कितनी कठोर और आगे तक जाती है.

भविष्य में खालिस्तानी गतिविधियों पर नजर

गोसल की गिरफ्तारी से कनाडा में खालिस्तानी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है. भारत की ओर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार दबाव बनाए रखने की रणनीति अब और प्रभावी दिख रही है. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई अन्य चरमपंथियों को भी सोचने पर मजबूर करेगी.

भारत-विदेश सहयोग की मिसाल

इंद्रजीत सिंह गोसल की गिरफ्तारी यह दर्शाती है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की खुफिया और कूटनीतिक शक्ति लगातार मजबूत हो रही है. NSA और अन्य एजेंसियों के सहयोग से विदेशी सरकारों पर दबाव बनाने की नीति सफल हो रही है. कनाडा में इंद्रजीत सिंह गोसल की गिरफ्तारी भारत की सख्त विदेश नीति, खुफिया दबाव और सुरक्षा रणनीति का परिणाम है. यह घटना खालिस्तानी आतंकवाद पर भारत की सतर्कता और वैश्विक सहयोग की एक नई मिसाल पेश करती है. आने वाले समय में ऐसे मामलों में भारत की सक्रिय भूमिका और बढ़ने की संभावना है.

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