आतंक की खेती कबूलने वाले कौन हैं बिलावल अली भुट्टो, कभी शिवलिंग पर चढ़ाया था जल; कब- कब जागा 'हिंदुस्तान प्रेम'?

बिलावल भुट्टो ज़रदारी एक बार फिर चर्चा में हैं, इस बार उनके उस बयान को लेकर जिसमें उन्होंने पहली बार खुले तौर पर स्वीकार किया है कि पाकिस्तान की धरती पर आतंकवाद की जड़ें पुरानी और गहरी हैं. हाल ही में कराची में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान बिलावल ने कहा, 'हमें यह मानना होगा कि पाकिस्तान में दशकों से चरमपंथ और आतंकवाद को पनाह दी गई है, जिसकी कीमत आज पूरी दुनिया और खासकर हमारे पड़ोसी देशों ने चुकाई है.';

Edited By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 2 May 2025 4:52 PM IST

बिलावल भुट्टो ज़रदारी पाकिस्तान के एक प्रमुख राजनीतिक नेता हैं और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष रह चुके हैं. वे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी के बेटे हैं. 2022 में, वे पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी बने. पाकिस्तान के युवा नेताओं में उनकी गिनती होती है, लेकिन अक्सर अपने विवादित बयानों की वजह से अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में रहते हैं. खासकर भारत के खिलाफ दिए गए बयानों के कारण.

हाल ही में बिलावल ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया कि पाकिस्तान की धरती पर दशकों से आतंकवाद पनपा है और यह समस्या अब खुद पाकिस्तान के लिए भी खतरा बन चुकी है. यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने ऐसे संकेत दिए हों कि पाकिस्तान की नीति और आतंकवाद का गहरा रिश्ता रहा है.

भारत के खिलाफ बिलावल भुट्टो के विवादित बयान

दिसंबर 2022 (UN में भारत पर हमला)

बिलावल ने संयुक्त राष्ट्र में भारत को निशाना बनाते हुए कहा था कि 'गुजरात के कसाई" (नरेंद्र मोदी का इशारा करते हुए) भारत पर राज कर रहे हैं और भारत अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार कर रहा है. भारत ने इसे बेहद आपत्तिजनक और व्यक्तिगत हमला बताया.

पुलवामा हमले के बाद (2019)

पुलवामा आतंकी हमले के बाद जब भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी, तब बिलावल ने भारत पर आरोप लगाया कि 'भारत पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है और यह युद्ध की तरफ ले जा सकता है. उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों पर कार्रवाई से बचने के बजाय उल्टा भारत को ही आक्रामक ठहराया.

कश्मीर मुद्दा (लगातार बयान)

बिलावल कई बार खुलेआम कश्मीर को 'विवादित क्षेत्र' बताकर भारत को आक्रोशित कर चुके हैं. उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा बताया और भारत द्वारा अनुच्छेद 370 हटाने को 'अवैध क़दम' करार दिया.

अगस्त 2020 (UNGA में बयान)

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में बिलावल ने भारत पर कश्मीर में 'मानवाधिकार हनन' का आरोप लगाया और भारतीय सेना पर अत्याचारों की झूठी कहानियां गढ़ीं, जिसे भारत ने झूठा और बेबुनियाद बताया.

बिलावल भुट्टो का जन्म

बिलावल भुट्टो ज़रदारी का जन्म 21 सितंबर 1988 को कराची, पाकिस्तान में हुआ था. उनके माता का नाम बेनजीर भुट्टो (पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री) पिता आसिफ अली ज़रदारी (पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति). बिलावल पाकिस्तान के सबसे प्रतिष्ठित और प्रभावशाली राजनीतिक परिवार - भुट्टो परिवार - से ताल्लुक रखते हैं.

बिलावल भुट्टो ज़रदारी एक बार फिर चर्चा में हैं, इस बार उनके उस बयान को लेकर जिसमें उन्होंने पहली बार खुले तौर पर स्वीकार किया है कि पाकिस्तान की धरती पर आतंकवाद की जड़ें पुरानी और गहरी हैं. हाल ही में कराची में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान बिलावल ने कहा, 'हमें यह मानना होगा कि पाकिस्तान में दशकों से चरमपंथ और आतंकवाद को पनाह दी गई है, जिसकी कीमत आज पूरी दुनिया और खासकर हमारे पड़ोसी देशों ने चुकाई है.'

बिलावल का यह बयान ऐसे समय आया है जब पहलगाम (भारत) में हुए आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पर एक बार फिर दबाव बढ़ रहा है कि वह अपनी जमीन से संचालित हो रहे आतंकी नेटवर्क पर लगाम लगाए. बिलावल ने माना कि पाकिस्तान को अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने होंगे.

शिव मंदिर में की थी पूजा

गौरतलब है कि इससे पहले बिलावल भारत-पाकिस्तान रिश्तों में नरमी लाने के पक्षधर माने जाते रहे हैं. 2016 में उन्होंने कराची के शिव मंदिर में पूजा कर अल्पसंख्यकों के साथ एकजुटता दिखाई थी. 2012 में भारत दौरे पर आकर राहुल गांधी से मुलाकात की थी और अजमेर शरीफ दरगाह भी गए थे. 2023 में गोवा में हुई SCO बैठक में भी उन्होंने भारत-पाक संबंधों में संवाद की बात कही थी.

हालांकि, शांति की इन पहल के बावजूद दिसंबर 2022 में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी, जिससे दोनों देशों में काफी कड़वाहट फैल गई थी. लेकिन अब उनका नया बयान पाकिस्तान की नीति में संभावित बदलाव के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान बिलावल का कूटनीतिक संतुलन साधने की कोशिश हो सकता है- एक ओर भारत और वैश्विक बिरादरी को आश्वस्त करने की और दूसरी ओर पाकिस्तान में आंतरिक राजनीति को साधने की.

Similar News