US ओलंपियाड में 5 गोल्ड मेडल जीतने वाले भारतीय मूल के अगस्त्य गोयल कौन? पिता रहे हैं IIT टॉपर
पेरिस में हुए इंटरनेशनल फिजिक्स ओलंपियाड (IPhO 2025) में अमेरिका ने इतिहास रचते हुए सभी पांच गोल्ड मेडल जीत लिए. विजेता टीम में भारतीय मूल के 17 वर्षीय अगस्त्य गोयल भी शामिल रहे, जिन्होंने पहले इंटरनेशनल इंफॉर्मेटिक्स ओलंपियाड (IOI) में भी स्वर्ण पदक जीते हैं. उनके पिता आशीष गोयल IIT टॉपर और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. जानिए कौन हैं अगस्त्य गोयल और कैसे वे भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा बने.;
पेरिस में आयोजित इंटरनेशनल फिजिक्स ओलंपियाड (IPhO) 2025 इस बार अमेरिका के नाम रहा. अमेरिकी टीम ने दुनिया को चौंकाते हुए सभी पांच गोल्ड मेडल अपने नाम किए. यह जीत न सिर्फ अमेरिका के लिए गौरवपूर्ण है बल्कि भारतीय मूल के छात्रों की प्रतिभा को भी वैश्विक स्तर पर पहचान दिला रही है.
इस विजेता टीम में पांचों युवा दिमाग अगस्त्य गोयल, एलन ली, जोशुआ वांग, फियोडोर येवतुशेंको और ब्रायन झांग शामिल रहे. इनकी शानदार उपलब्धि के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस बुलाकर टीम का सम्मान किया. वहीं भारत में चर्चा सबसे ज्यादा 17 वर्षीय भारतीय मूल के छात्र अगस्त्य गोयल को लेकर है.
कौन हैं अगस्त्य गोयल?
अगस्त्य गोयल कैलिफोर्निया के पालो ऑल्टो में स्थित हेनरी एम. गन हाई स्कूल के जूनियर छात्र हैं. वह भारतीय मूल से ताल्लुक रखते हैं और 17 साल की उम्र में ही उन्होंने वैश्विक प्रतियोगिताओं में अपनी पहचान बना ली है. उनके पिता प्रोफेसर आशीष गोयल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रबंधन विज्ञान और इंजीनियरिंग के विभाग में कार्यरत हैं.
IOI में भी दिखा चुके हैं कमाल
भौतिकी में सफलता हासिल करने से पहले अगस्त्य इंटरनेशनल ओलंपियाड इन इंफॉर्मेटिक्स (IOI) में भी अपनी छाप छोड़ चुके हैं. उन्होंने इस प्रतियोगिता में लगातार दो बार स्वर्ण पदक जीता. 2024 में उन्होंने 600 में से 438.97 अंक हासिल कर पूरी दुनिया में चौथा स्थान पाया. यह उपलब्धि उनकी निरंतर मेहनत और कंप्यूटर साइंस पर गहरी पकड़ का नतीजा थी.
पिता से मिली बड़ी प्रेरणा
अगस्त्य की अकादमिक प्रतिभा अक्सर उनके पिता आशीष गोयल से जोड़ी जाती है. आशीष गोयल ने 1990 में प्रतिष्ठित IIT-JEE परीक्षा टॉप की थी. इसके बाद उन्होंने IIT कानपुर से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की और आज स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. उन्होंने एल्गोरिथम गेम थ्योरी, कम्प्यूटेशनल सोशल साइंस और कंप्यूटर नेटवर्क जैसे क्षेत्रों में अहम काम किया है.
पढ़ाई के साथ शौक भी
अगस्त्य पढ़ाई के अलावा खेल और कला में भी सक्रिय हैं. लिंक्डइन प्रोफाइल पर उन्होंने खुद को टेनिस, हाइकिंग, संगीत और स्टारगेज़िंग का शौकीन बताया है. वह गिटार और पियानो दोनों बजाते हैं और अपने स्कूल के गायन दल का हिस्सा भी रहे हैं. साथ ही वे गन हाई स्कूल की टेनिस टीम, कॉम्पिटिटिव प्रोग्रामिंग क्लब और बोर्ड गेम क्लब से भी जुड़े हैं.
फिजिक्स से कैसे जुड़ा झुकाव?
शुरुआत में अगस्त्य की दिलचस्पी कंप्यूटर साइंस में थी. लेकिन 2023 की सर्दियों में उनका आकर्षण धीरे-धीरे भौतिकी की ओर बढ़ा. पिता के साथ लंबी पैदल यात्राओं और चर्चाओं के दौरान उन्होंने इस विषय की गहराई को समझा और इसमें करियर बनाने का फैसला किया.
भारत से जुड़ी जड़ें
अगस्त्य के पिता आशीष गोयल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के निवासी हैं. भारत से अमेरिका तक का उनका सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है. यही कारण है कि अगस्त्य की उपलब्धियां भारतीय मूल के लोगों के लिए गर्व का विषय बन जाती हैं.
भारतीय मूल के छात्रों के लिए प्रेरणा
अगस्त्य गोयल ने साबित कर दिया है कि प्रतिभा की कोई सीमा नहीं होती. चाहे कंप्यूटर साइंस हो या फिजिक्स, उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं में विजेता बनाया है. उनका सफर आज दुनिया भर के उन छात्रों के लिए मिसाल है जो बड़े सपनों को हकीकत में बदलना चाहते हैं.