क्या अमेरिका और चीन के बीच होगा ट्रेड वॉर? देखें दोनों देशों में से कौन कितना ताकतवर
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 10 फीसदी टैरिफ लगाने का एलान किया, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 10 से 15 फीसदी टैरिफ लगाने का एलान किया. इसके बाद अब दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर होने की आशंका प्रबल हो गई है. आइए, जानते हैं कि अमेरिका और चीन में कौन कितना ताकतवार है....;
US China Trade War: अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया है. दोनों देशों ने एक-दूसरे पर नए टैरिफ लगाए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 10 से 15 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया है. साथ ही, उसने कहा है कि वह हर प्रकार के युद्ध के लिए तैयार है और अंत तक लड़ेगा. इससे दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर का खतरा बढ़ गया है.
अमेरिका में चीनी दूतावास ने एक पोस्ट कर कहा, चाहे टैरिफ वॉर हो या ट्रेड वॉर... अगर अमेरिका जंग चाहता है तो ठीक है. हम इसके अंजाम तक जंग लड़ने को तैयार हैं. ऐसे में आइए, हम आपको बताते हैं कि अमेरिका औऱ चीन में, कौन कितना ताकतवर है...
अमेरिका का रक्षा बजट सबसे ज्यादा
बता दें कि ग्लोबल फायरपावर की 2025 की सूची में अमेरिका पहले स्थान पर है, जबकि चीन तीसरे स्थान पर है. अमेरिका का रक्षा बजट लगभग 877 बिलियन डॉलर है, जो चीन के 292 बिलियन डॉलर के बजट से लगभग तीन गुना अधिक है. हालांकि, चीन के पास सक्रिय सैनिकों की संख्या ज्यादा है. वहीं, अमेरिका को उसकी उच्च तकनीकी क्षमताओं और वैश्विक सैन्य उपस्थिति के लिए जाना जाता है.
अमेरिका और चीन दोनों ही वैश्विक महाशक्तियां हैं, लेकिन जब ताकत की बात आती है तो यह कई पहलुओं पर निर्भर करता है. जैसे- सैन्य शक्ति, अर्थव्यवस्था, तकनीक, कूटनीति और वैश्विक प्रभाव. आइए, इन दोनों देशों की तुलना करते हैं.
परमाणु हथियार
- बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के पास 5428 परमाणु हथियार, जबकि चीन के पास केवल 350 परमाणु हथियार हैं.
- चीन का रक्षा बजट 245 अरब डॉलर है, जबकि अमेरिका का रक्षा बजट 886 अरब डॉलर है.
- अमेरिका के मुकाबले चीन का रक्षा बजट एक तिहाई है. यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रक्षा बजट है.
- स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक, चीन अपनी सेना पर कुल जीडीपी का 1.6 फीसदी खर्च करता है, जो कि अमेरिका और रूस की तुलना में काफी कम है.
- अमेरिका का रक्षा बजट उसकी जीडीपी का 3 फीसदी है. हालांकि, अमेरिका के बाद चीन दूसरा ऐसा देश है, जो अपनी सेना पर सबसे अधिक खर्च करता है.
न्यूक्लियर हथियार
- अमेरिका ने 2023 में कहा था कि चीन के पास 500 से ज्यादा न्यूक्लियर हथियार हैं. इनमें से 350 आईसीबीएम हैं.
- अमेरिका के मुताबिक, 2030 तक चीन के पास 1000 न्यूक्लियर हथियार होंगे.
- अमेरिका और रूस के पास 5000 से ज़्यादा न्यूक्लियर हथियार हैं.
अमेरिका की सेना
- हवाई जहाज- 13,043
- फ़ाइटर जेट- 1790
- अटैक टाइप- 889
- ट्रांसपोर्ट टाइप- 918
- ट्रेनर- 2647
- टैंकर फ़्लीट- 605
- हेलीकॉप्टर- 5843
- विमानवाहक पोत- 11,
- हेलीकॉप्टर कैरियर- 9
- डिस्ट्रॉयर- 81
- सबमरीन- 70
- नौसेना की कुल क्षमता- करीब 41 लाख टन
- वायु सेना में कुल सैनिक- 7 लाख 1 हजार 319
- नौसेना में कुल सैनिक- 6 लाख 67 हजार
- थल सेना में 14 लाख सैनिक
चीन की सेना
- चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की थल सेना में 25.45 लाख, नेवी में तीन लाख 80 हज़ार और नेवी में करीब चार लाख सैनिक हैं.
- एयरफोर्स में कुल 3309 जहाज हैं. इनमें 1212 फ़ाइटर जेट, 371 अटैक टाइप, 289 ट्रंपासपोर्ट टाइप , 402 ट्रेनर ,10 टैंकर फ़्लीट और 913 हेलीकॉप्टर हैं.
- नेवी में तीन विमान वाहक पोत, चार हेलीकॉप्टर कैरियर, 47 फ्रिगेट्स, 50 डिस्ट्रॉयर, 72 कार्वेट्स और 61 सबमरीन हैं.
- नेवी की कुल क्षमता 28.6 लाख टन है.
टेक्नोलॉजी और इनोवेशन
- अमेरिका: Google, Apple, Microsoft, SpaceX जैसी कंपनियाँ टेक्नोलॉजी में लीडर हैं।
- चीन: Huawei, TikTok, Alibaba जैसी कंपनियाँ तेजी से आगे बढ़ रही हैं, AI और 5G में चीन आगे है.
- अमेरिका का टेक्नोलॉजी में दबदबा है, लेकिन चीन AI और 5G में आगे निकल रहा है.
वैश्विक प्रभाव
- अमेरिका: NATO, UN, G7, और वेस्टर्न देशों के साथ मजबूत गठजोड़.
- चीन: बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के जरिए एशिया, अफ्रीका और यूरोप में प्रभाव बढ़ा रहा है.
- अमेरिका की ग्लोबल डिप्लोमेसी मजबूत है, लेकिन चीन धीरे-धीरे अपना प्रभाव बढ़ा रहा है।
अमेरिका और चीन में कौन ताकतवर?
कुल मिलाकर सैन्य और टेक्नोलॉजी में अमेरिका आगे है. अर्थव्यवस्था में अमेरिका अभी भी नंबर 1 है, लेकिन चीन तेजी से बढ़ रहा है. वहीं, डिप्लोमेसी और सॉफ्ट पावर में अमेरिका का दबदबा है, लेकिन चीन भी प्रभाव बढ़ा रहा है. अगर चीन की अर्थव्यवस्था इसी रफ्तार से बढ़ती रही, तो आने वाले दशकों में यह अमेरिका को टक्कर दे सकता है, लेकिन फिलहाल अमेरिका नंबर 1 बना हुआ है.