ट्रंप ख़त्म कराएंगे रूस-यूक्रेन युद्ध! शांति समझौते को लेकर ज़ेलेंस्की से हुई तीन घंटे की बातचीत; डोनबास पर कौन कर रहा दावा?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की की अहम मुलाकात के बाद यूक्रेन युद्ध को लेकर नई उम्मीद जगी है. ट्रंप ने दावा किया कि यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी 95 फ़ीसदी तक तैयार है और शांति समझौता बेहद क़रीब है. हालांकि पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र को लेकर ज़मीन से जुड़े विवाद अब भी अनसुलझे हैं. ज़ेलेंस्की ने साफ़ कहा कि यूक्रेन अपनी ज़मीन पर कोई समझौता नहीं करेगा. वहीं ट्रंप का कहना है कि यह युद्ध कुछ हफ्तों में खत्म हो सकता है, लेकिन अंतिम फैसला अभी बाकी है.;
तीन घंटे तक बंद कमरे में चली बातचीत सिर्फ़ कूटनीति नहीं थी, वह उन लाखों यूक्रेनी परिवारों की उम्मीदों का बोझ भी थी, जो रोज़ बमों की आवाज़ के साथ जीते हैं. जब कैमरे ऑन हुए, तो शब्दों के पीछे थकान, सावधानी और डर साफ़ दिखा कि क्या यह बातचीत वाकई जंग के अंत की ओर बढ़ रही है, या फिर एक और अधूरा वादा बनने वाली है?
Donald Trump और Volodymyr Zelenskyy की यह मुलाकात इसलिए अहम थी, क्योंकि पहली बार खुले तौर पर कहा गया कि सुरक्षा गारंटी लगभग तय है. लेकिन उसी सांस में यह भी स्वीकार कर लिया गया कि ज़मीन ख़ासतौर पर पूर्वी यूक्रेन अब भी सबसे बड़ा घाव है, जो भरने को तैयार नहीं.
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तीन घंटे की बातचीत
मार-ए-लागो में हुई मुलाकात के बाद ट्रंप ने बातचीत को “बेहद उपयोगी” बताया. उनका कहना था कि दोनों पक्ष “बहुत क़रीब” पहुंच चुके हैं, लेकिन कोई तय डेडलाइन नहीं है. यह बयान अपने आप में बताता है कि प्रक्रिया आगे बढ़ी है, पर इतना भरोसा अभी नहीं कि अंतिम तारीख़ लिखी जा सके.
सुरक्षा गारंटी 95% पूरी
ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी “करीब 95 फ़ीसदी” पूरी है. बाद में उन्होंने यह भी जोड़ा कि उन्हें प्रतिशतों में बात करना पसंद नहीं. यह विरोधाभास दिखाता है कि समझौते का ढांचा तो खड़ा है, मगर आख़िरी राजनीतिक जोखिम अब भी किसी को खुलकर हाँ कहने से रोक रहा है.
20-सूत्रीय शांति योजना
ज़ेलेंस्कीय के मुताबिक 20-पॉइंट पीस प्लान 90 फ़ीसदी तक तय हो चुका है. इसमें युद्धविराम, सुरक्षा व्यवस्था और भविष्य के सहयोग जैसे मुद्दे शामिल हैं. लेकिन इतिहास गवाह है कि शांति योजनाएं तब तक काग़ज़ रहती हैं, जब तक ज़मीन से जुड़े सवाल हल न हों.
डोनबास: सबसे मुश्किल मोर्चा
पूर्वी यूक्रेन का डोनबास इलाक़ा बातचीत का सबसे संवेदनशील बिंदु है. ट्रंप ने माना कि यहां मुक्त व्यापार क्षेत्र और ज़मीनी नियंत्रण जैसे मुद्दे अब भी अनसुलझे हैं. उन्होंने इसे “करीब” बताया, लेकिन यही ‘करीब’ अब तक कई शांति प्रयासों को रोक चुका है.
ज़मीन पर कोई समझौता नहीं: ज़ेलेंस्की
डोनबास पर सवाल पूछे जाने पर ज़ेलेंस्की का लहजा साफ़ था. उन्होंने कहा कि यूक्रेन उन इलाक़ों का सम्मान करता है, जो उसके नियंत्रण में हैं, और रूस से उसका नज़रिया बिल्कुल अलग है. यह बयान केवल रणनीति नहीं, बल्कि उन सैनिकों और नागरिकों को भरोसा देने की कोशिश है जो मोर्चे पर खड़े हैं.
‘कुछ हफ़्तों’ में समाधान संभव
ट्रंप ने कहा कि युद्ध “कुछ हफ़्तों” में सुलझ सकता है, हालांकि उन्होंने यह भी माना कि इसकी कोई गारंटी नहीं. यह बयान एक तरफ़ उम्मीद जगाता है, तो दूसरी तरफ़ सभी पक्षों पर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ाता है कि अब टालमटोल की गुंजाइश कम है.
रूस के बिना शांति अधूरी
बैठक से पहले ट्रंप ने Vladimir Putin से भी बातचीत की. ट्रंप के मुताबिक पुतिन शांति चाहते हैं, लेकिन स्थायी समझौते के बिना युद्धविराम के पक्ष में नहीं हैं. इसका मतलब साफ़ है कि मॉस्को की सहमति के बिना कोई भी डील टिकाऊ नहीं होगी.
बयानबाज़ी नहीं, ठोस फ़ैसला
ट्रंप ने संकेत दिया कि वे यूक्रेन जाने को तैयार हैं, लेकिन पहले ठोस समझौता चाहते हैं. ज़ेलेंस्की के कहने पर यूक्रेनी संसद को संबोधित करने का प्रस्ताव भी रखा गया. संदेश स्पष्ट है कि अब बयानबाज़ी नहीं, ठोस फ़ैसलों का वक्त है.