बकवास बंद करो! इस्लामाबाद में हुए हमले को लेकर 'ना- पाक' ने भारत को ठहराया कसूरवार तो विदेश मंत्रालय ने लगाई लताड़
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा इस्लामाबाद आतंकी हमले में भारत का नाम घसीटने पर भारत सरकार ने मंगलवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के इन आरोपों को “निराधार और हास्यास्पद” बताते हुए कहा कि भारत का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है.;
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा इस्लामाबाद आतंकी हमले में भारत का नाम घसीटने पर भारत सरकार ने मंगलवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के इन आरोपों को “निराधार और हास्यास्पद” बताते हुए कहा कि भारत का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है.
जायसवाल ने अपने बयान में कहा, “भारत पाकिस्तान के नेतृत्व द्वारा लगाए गए झूठे और बेमतलब के आरोपों को पूरी तरह से खारिज करता है. यह पाकिस्तान की पुरानी आदत है कि अपने अंदरूनी राजनीतिक और सैन्य संकटों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए भारत पर झूठे आरोप लगाए जाएं.”
पाकिस्तान पर भारत का कड़ा हमला
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार और उसकी सेना इस समय संविधानिक संकट और सत्ता संघर्ष में उलझी हुई है. ऐसे में यह झूठे आरोप केवल देश के भीतर उठते असंतोष को दबाने की कोशिश हैं. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान की इन चालों को अच्छी तरह समझता है और उसके “डाइवर्जनरी प्लॉय” यानी ध्यान भटकाने की साजिशों से गुमराह नहीं होगा.
क्या था शहबाज शरीफ का आरोप
दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत पर आरोप लगाया था कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर हुए आत्मघाती हमले और वाना में कैडेट कॉलेज पर हुए हमले के पीछे “भारतीय प्रायोजित आतंकवादी” शामिल हैं. इन दोनों हमलों में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई थी. शरीफ ने कहा कि ये हमले “भारत द्वारा पाकिस्तान को अस्थिर करने की साजिश” का हिस्सा हैं.
दिल्ली में भी हुआ था धमाका
गौरतलब है कि सोमवार को नई दिल्ली के लाल किले के पास भी कार ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी. जांच एजेंसियों के अनुसार, यह हमला पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े मॉड्यूल द्वारा अंजाम दिया गया था. भारत सरकार ने दोहराया है कि पाकिस्तान को पहले अपने भीतर पल रहे आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करनी चाहिए, न कि दुनिया को गुमराह करने के लिए झूठे आरोप लगाने चाहिए.