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इस्लामाबाद में कोर्ट के पास आत्मघाती हमला: 12 की मौत, 20 से अधिक घायल - पाकिस्‍तान की राजधानी में दहशत

Islamabad Blast: इस्लामाबाद की जिला अदालत के पास एक संदिग्ध आत्मघाती धमाके में 12 लोगों की मौत और 20 से अधिक घायल हुए, जिनमें ज़्यादातर वकील थे. दोपहर 12:30 बजे हुए विस्फोट ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी. पुलिस इसे आत्मघाती हमला मान रही है. यह धमाका तब हुआ जब पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने वज़ीरिस्तान में टीटीपी हमले को नाकाम किया था.

इस्लामाबाद में कोर्ट के पास आत्मघाती हमला: 12 की मौत, 20 से अधिक घायल - पाकिस्‍तान की राजधानी में दहशत
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( Image Source:  X/@sardarsammadkh1 )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 11 Nov 2025 3:28 PM IST

Islamabad Blast: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद मंगलवार दोपहर जोरदार धमाके से दहल उठी. इस्लामाबाद जिला न्यायालय परिसर के पास हुए इस विस्फोट में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें ज्यादातर वकील और न्यायिक कर्मचारी शामिल हैं. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह आत्मघाती हमला हो सकता है, हालांकि शुरुआती जांच में गैस सिलेंडर फटने की आशंका भी जताई जा रही है.

धमाका दोपहर करीब 12:30 बजे हुआ, जब अदालत परिसर में भारी भीड़ थी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाका इतना भीषण था कि उसकी आवाज़ छह किलोमीटर दूर तक सुनाई दी. सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में आग की लपटें और घना धुआं उठता हुआ दिख रहा है, जबकि आसपास खड़ी कई गाड़ियां जलकर खाक हो गईं.

एक वकील रुस्तम मलिक ने बताया, “मैंने अपनी गाड़ी पार्क की ही थी कि अचानक गेट के पास तेज धमाका हुआ. जब भागकर बाहर आया तो दो शव पड़े थे और कई गाड़ियां जल रही थीं.”

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि “ऐसे कायराना हमले देश को कमजोर नहीं कर सकते.”

इस हमले से कुछ घंटे पहले ही दक्षिण वज़ीरिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों द्वारा कैडेट कॉलेज वाना पर किए गए हमले को सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया था, जिसमें दो आतंकी मारे गए. हालांकि, TTP ने इस हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है.

इस्लामाबाद धमाके ने एक बार फिर 2014 के पेशावर स्कूल हमले की याद ताज़ा कर दी, जिसमें 154 लोगों की मौत हुई थी. पाकिस्तान में पिछले कुछ वर्षों में TTP के आतंकी हमलों में तेज़ी आई है, खासकर अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद. विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव की एक बड़ी वजह यही है कि इस्लामाबाद लगातार काबुल पर TTP को शरण देने का आरोप लगाता रहा है.

दिलचस्प बात यह है कि यह विस्फोट उस समय हुआ जब भारत की राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास एक दिन पहले ही कार ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 10 लोगों की मौत हुई थी. इसी दिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान-आधारित जैश-ए-मोहम्मद और अंसर गजवात-उल-हिंद से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल को ध्वस्त किया था और लगभग 2,900 किलो IED बनाने की सामग्री बरामद की थी.

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