अब LAC पर शिवाजी महाराज करेंगे चीन से भारत की रक्षा! आखिर क्या है ये माजरा?
भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के तट पर मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को स्थापित किया है. यह जगह चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास है. इस प्रतिमा के साथ में मराठा साम्राज्य का ध्वज भी है.;
भारतीय सेना ने 14,300 फुट की ऊंचाई पर पैंगोंग झील के तट पर मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की है. बता दें कि चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास है. शिवाजी की प्रतीमा पर ध्वज भी है.
वहीं इस प्रतिमा को लेकर सेना का कहना है कि शिवाजी की ये प्रतीमा वीरता, दूरदर्शिता और अटूट न्याय का बड़ा प्रतीक है,जो उन्हे बहुत प्रेरित करेगा. इस प्रतीमा का अनारण भारत चीन के बीच टकराव वाली दो जगाहें डेमचोक और देपसांग पर सैनिकों की वापिसी की प्रक्रिया के कुछ समय के बाद किया गया है.
सम्मान देने के लिए लगाई प्रतिमा
वहीं बात करें इस 30 फीट से ज्यादा ऊंची वाली मराठा योद्धा की प्रतिमा को उन्हें सम्मान देने के लिए स्थापित की गई है. उनकी सैन्य शक्ति, प्रशासनिक कौशल और न्यायपूर्व को बढ़ावा देने के उनके प्रयास को सम्मान देने के लिए प्रतीमा लगाई गई. सोशल मीडिया पर कोर ने कहा कि प्रतीमा का अनावरण लेफ्टिनेंट जनरल हितेश भल्ला ने किया है.
जिस दौरान प्रतीमा का अनावरण किया जा रहा था. उस दौरान का वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है. इस वीडियो में छत्रपति शिवाजी महाराज घोडे़ पर सवार हुए नजर आए. उनके हाथों में तलवार और पीछे मराठा समराज्य का झंडा भी लगा हुआ दिखाई दिया. वीडियो में देखा गया कि इस दौरान सेना के कई जवान भी मौके पर मौजूद थे.
सेना की वापसी पूरी हुई
डेमचोक और देपसांग पर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है. इसी के कुछ हफ्तों के बाद शिवाजी महाराज की प्रतीमा स्थापित करने का फैसला लिया गया है. आपको बता दें कि पैंगोंग झील क्षेत्र पर हुई हिंसक झड़प के बाद ही मई 2020 में लद्दाख सीमा पर दोनो देशों के बीच गतिरोध शुरू हुआ था. हालांकि दोनों पक्षों के बीच हुई कई बातचीत के बाद सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है.