ना-पाक में चार हिंदू भाई- बहनों को अगवा कर जबरन करवाया इस्लाम कबूल, कोर्ट ने भी किडनैपर्स का ही दिया साथ

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय विशेषकर हिंदुओं को लगातार परेशान किया जाता है. जहां जबरन धर्म परिवर्तन करवाया जाता है, जिनमें अक्सर नाबालिग लड़कियां और कमजोर तबके के परिवार निशाना बनाए जाते हैं. ऐसी ही एक खबर सिंध से सामने आई है, जहां चार हिंदू भाई- बहनों को अगवा कर इस्लाम कबूल करवाया गया.;

( Image Source:  Freepik )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 21 Jun 2025 3:52 PM IST

पाकिस्तान के सिंध प्रांत से हिंदू समुदाय के लिए एक बार फिर से दर्दनाक खबर आई है. शाहदादपुर में एक मां की दुनिया उस समय उजड़ गई जब उसके चार बच्चों को अगवा कर, जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया. यह सिर्फ एक पारिवारिक त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समुदाय को झकझोर देने वाला हादसा बन गया है.

शाहदादपुर की रहने वाली एक हिंदू मां के चार बच्चों को एक दिन अचानक अगवा कर लिया गया. इनमें 22 साल की जिया बाई, 20 साल की दिया बाई, 16 साल की दिशा बाई और 13 साल की हरजीत कुमार शामिल है. बाद में पता चला कि इन बच्चों को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया.

“मेरे पास तीन बेटियां थीं”

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बच्चों की मां ने फरहान खासखेली नाम के कंप्यूटर शिक्षक पर आरोप लगाते हुए कहा कि ' मेरे पास तीन बेटियां थीं और फरहान ने सब छीन लिया. उनकी आंखों में आंसू थे और दिल में एक ही सवाल क्या मेरा 13 साल का बेटा धर्म परिवर्तन का मतलब भी समझता है? उन्होंने बिलावल भुट्टो जरदारी से अपील की कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और उनके बच्चों को वापस दिलाएं. सोशल मीडिया पर उन चारों बच्चों का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे इस्लाम स्वीकार करते नजर आ रहे हैं.

अदालत पहुंचा मामला

स्थानीय लोगों के विरोध और मां की गुहार के बाद चारों बच्चों को पुलिस ने बरामद किया और शाहदादपुर की अदालत में पेश किया. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए जिया और दिया बाई (दोनों बालिग) को कराची के एक आश्रय गृह में भेजा. वहीं, दिशा बाई (16) और हरजीत कुमार (13) को उनके माता-पिता को सौंप दिया गया.

पुलिस पर आरोप

माता-पिता के वकील ने अदालत में कहा कि बच्चों को कराची से जबरन ले जाकर धर्म बदलवाया गया. वहीं पुलिस और पाक मीडिया का दावा है कि धर्म परिवर्तन स्वेच्छा से हुआ है. परिवार का कहना है कि पुलिस की मौजूदगी में बच्चे डर के साए में बयान दे रहे हैं.

आरोपी हुए बरी

बड़ी हैरानी की बात यह रही कि फरहान खासखेली और जुल्फिकार जैसे मुख्य आरोपी, जिन पर अपहरण और बहकाने का आरोप था, उन्हें अदालत ने बरी कर दिया. बयानों के आधार पर जज ने कहा कि बच्चों ने कोई दबाव नहीं बताया. यह घटना पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ हो रहे अन्याय और धार्मिक जबरदस्ती की एक उदाहरण है. हर बार की तरह, न्याय अधूरा है और एक मां की पुकार अभी भी जवाब मांग रही है.

Similar News