अमेरिका के खिलाफ बड़ा खेल? गलवान के बाद Modi-Xi साथ, ट्रंप को दिया करारा संदेश- भारत और चीन पार्टनर हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तियानजिन में SCO शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की. दोनों नेताओं ने कहा कि भारत-चीन संबंधों को किसी तीसरे देश (जैसे अमेरिका) की नज़र से नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने आतंकवाद, निष्पक्ष व्यापार और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया. सीमा विवाद पर 'शांति और स्थिरता' बनाए रखने तथा मतभेदों को विवाद में न बदलने की आवश्यकता दोहराई गई. मोदी ने शी को 2026 में भारत में होने वाले BRICS शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया.;

By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 31 Aug 2025 4:57 PM IST

PM Modi Xi Jinping Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (31 अगस्त) को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद कहा कि भारत-चीन संबंधों को किसी तीसरे देश के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए. उनका इशारा साफ तौर पर अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों की ओर था.

यह मुलाकात तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान हुई. सात साल बाद हुई मोदी की चीन यात्रा ऐसे समय में आई है. जब गलवान विवाद के बाद दोनों देशों के रिश्ते लंबे समय तक तनावपूर्ण रहे.

'दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं की स्थिरता वैश्विक व्यापार के लिए बेहद अहम है'

भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) के मुताबिक, मोदी और जिनपिंग ने इस बात पर जोर दिया कि मतभेद विवाद में न बदलें और सीमा विवाद का 'न्यायसंगत, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान' निकाला जाए. उन्होंने माना कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं की स्थिरता वैश्विक व्यापार के लिए बेहद अहम है.

'दोनों देश विकास भागीदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं'

MEA ने बताया कि मोदी और शी ने भारत-चीन संबंधों में हाल में आई सकारात्मक प्रगति का स्वागत किया और कहा कि दोनों देश विकास भागीदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं. प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की अहमियत को रेखांकित किया और कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली जैसे पीपुल-टू-पीपुल कनेक्ट को सकारात्मक कदम बताया.

'भारत-चीन के रिश्ते को तीसरे देश के नजरिये से नहीं आंका जाना चाहिए'

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन दोनों 'स्ट्रैटेजिक ऑटोनॉमी' (रणनीतिक स्वायत्तता) का पालन करते हैं और उनके रिश्तों को किसी तीसरे देश के नजरिये से नहीं आंका जाना चाहिए. प्रधानमंत्री ने शी जिनपिंग को 2026 में भारत में होने वाले BRICS शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित भी किया, जिसे शी ने स्वीकार करते हुए भारत की अध्यक्षता को पूरा समर्थन देने की बात कही.

शी जिनपिंग ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, " चीन और भारत पूर्व में दो प्राचीन सभ्यताएं हैं. हम दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं, और हम ग्लोबल साउथ के महत्वपूर्ण सदस्य भी हैं. हम दोनों अपने लोगों की भलाई में सुधार लाने, विकासशील देशों की एकजुटता और कायाकल्प को बढ़ावा देने और मानव समाज की प्रगति को बढ़ावा देने की ऐतिहासिक जिम्मेदारी निभाते हैं."

जिनपिंग ने कहा कि दोनों देशों के लिए यह सही विकल्प है कि वे ऐसे मित्र बनें जिनके बीच अच्छे पड़ोसी और सौहार्दपूर्ण संबंध हों, ऐसे साझेदार बनें जो एक-दूसरे की सफलता को सक्षम बनाएं और ड्रैगन-हाथी को एक साथ लाएं. 

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