भूटान से दिल्ली ब्लास्ट पर पीएम मोदी की चेतावनी - 'साजिश करने वालों को...' 10 प्वाइंट में जानें सब कुछ

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर भूटान में हैं. वह आज और कल भूटान में रहेंगे. उनके इस यात्रा का उद्देश्य भारत-भूटान के संबंधों को और गहरा करना है. जानिए पीएम मोदी ने भूटान से बम ब्लास्ट के साजिशकर्ताओं को क्या दी चेतावनी?;

( Image Source:  ANI )
Curated By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 11 Nov 2025 1:58 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान के दो दिवसीय दौरे पर है. उन्होंने वहीं से दिल्ली ब्लास्ट को लेकर गहरा दुख जताया है. पीएम ने पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि वे भारी मन से भूटान आए हैं क्योंकि कल शाम (10 नवंबर) की घटना ने पूरे राष्ट्र को गहरे आघात में डाल दिया है.

साजिश रचने वालों को दी चेतावनी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि वे रातभर घटना की जांच में लगी सभी एजेंसियों के साथ संपर्क में रहे और आवश्यक निर्देश देते रहे. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस षड्यंत्र की गहराई तक पहुंचने के लिए सभी संसाधन लगाए जाएंगे और इसके पीछे के षड्यंत्रकारियों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि ब्लास्ट में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वो कोई भी क्यों न हो?प्रधानमंत्री मोदी ने वहो हुए अपने संबोधन में भूटान की प्रगति, भारत-भूटान ऊर्जा-सहयोग, सांस्कृतिक-धार्मिक संबंध तथा क्षेत्रीय सहयोग जैसे विभिन्न आयामों पर विचार साझा किए. ण एवं अर्थ प्रस्तुत किया गया है.

पीएम मोदी के स्पीच की 10 प्रमुख बातें

1. पीएम मोदी ने भारत और भूटान के बीच लंबे समय से चल रही दोस्ती का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों की नीतियां, लोगों-से-लोगों के संबंध, तथा विकास-सहयोग का एक मजबूत आधार है. यह संदेश देता है कि भारत नेवर फर्स्ट नीति को हॉलिस्टिक रूप से लागू कर रहा है.

2. उन्होंने पुनत्सांगछू‑II जलविद्युत परियोजना (1,020 मेगावाट) के उद्घाटन का भी अपने स्पीच में उल्लेख किया, जो भारत-भूटान साझेदारी का प्रतीक है. इस परियोजना से दोनों देशों के बीच ऊर्जा विनिमय, इंफ्रास्ट्रक्चर-निर्माण तथा निरंतर विकास-सहयोग को बल मिलेगा. ऊर्जा-क्षेत्र में यह साझेदारी भूटान-भारत संबंधों का आर्थिक पक्ष मजबूत करती है.

3. मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच बौद्ध धर्म एवं संस्कृति साझा धरोहर है; उन्होंने भूटान में बुद्ध के पवित्र अवशेषों के प्रदर्शन एवं पूजा को शांति-सहयोग का प्रतीक बताया. यह न केवल राजनीतिक-सहयोग है बल्कि ऐतिहासिक-सांस्कृतिक नाते भी हैं.

ऐसे संवाद से जन-भेदभाव कम होता है और द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक भावनात्मक आधार मिलता है.

4. पीएम नरेंद्र मोदी ने भूटान की विकास-यात्रा को सराहा जिसमें प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, पर्यावरण-संवेदनशील नीति तथा सामुदायिक भागीदारी शामिल है. उन्होंने कहा कि सतत विकास का मॉडल दोनों देशों के लिए प्रेरणा है.

5. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-भूटान संबंध सिर्फ सरकार-से-सरकार नहीं बल्कि लोगों के बीच के सम्बन्धों से भी जुड़े हैं. खासकर शिक्षा, अर्थव्यवस्था और श्रम-सहयोग के क्षेत्र में दोनों के बीच संबंध काफी गहरे हैं.

6. पीएम मोदी ने संकेत दिया कि भारत-भूटान दोनों मिलकर हिमालयी क्षेत्र, जलवायु-परिवर्तन, सुरक्षा-सहयोग जैसे विषयों पर सक्रिय रहेंगे. यह दर्शाता है कि द्विपक्षीय संबंध केवल अंदरूनी नहीं, बल्कि बाहरी क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य से भी मजबूत हैं.

7. मोदी ने भूटान की सामाजिक-आर्थिक प्रगति की प्रशंसा की और कहा कि भारत इस प्रगति में भागीदार बनने को उत्सुक है. उन्होंने कहा कि भूटान ने अपने प्राकृतिक संसाधनों, मान-संकल्प और रणनीतिक साझेदारी से विकास-पथ चुना है, जो सराहनीय है.

8. मोदी ने कहा कि आने वाले समय में साझेदारी के नए आयाम होंगे. डिजिटल, कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर तथा हरित ऊर्जा के क्षेत्र में कारोबार को बढ़ावा दिया जाएगा.

9. पड़ोस पहले की नीति के तहत मोदी ने इस यात्रा एवं संबोधन को भारत की “पड़ोस-प्राथमिकता” नीति के हिस्से के रूप में बताया, जिसमें भूटान को महत्वपूर्ण माना गया है.

10. पीएम मोदी ने भूटानी नेताओं को भाई और दोस्त जैसी संबोधन दी एवं भावनात्मक जुड़ाव की जरूरत पर जोर दिया.

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