आतंकवाद पर पाक का ढोंग बेनकाब, जनरल-मंत्री और पुलिस ने ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए लश्कर आतंकी की कब्र पर चढ़ाए फूल
पाकिस्तान के आतंकी संबंध एक बार फिर बेनकाब हुए हैं, जब पाकिस्तान आर्मी के वरिष्ठ अधिकारी और सरकारी अफसर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मुदस्सिर अहमद की कब्र पर पहुंचे, जिसे हाल ही में भारत के ऑपरेशन सिंदूर में मार गिराया गया था. मुदस्सिर का संबंध 1999 के आईसी-814 विमान अपहरण और 2019 के पुलवामा हमले से था. उसकी अंतिम यात्रा में अमेरिकी प्रतिबंधित आतंकी अब्दुल रऊफ ने नमाज-ए-जनाज़ा पढ़ाई. यह घटना पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी दावों और उसके जमीनी हकीकत के बीच के बड़े अंतर को उजागर करती है.;
Pakistan double standards: एक बार फिर पाकिस्तान के आतंकवाद से गहरे रिश्ते का पर्दाफाश हुआ है. पाकिस्तान आर्मी के वरिष्ठ अफसरों और टॉप सिविलियन अधिकारियों को खुलेआम लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के उस आतंकी की कब्र पर श्रद्धांजलि देते देखा गया, जिसे भारत की हालिया ऑपरेशन सिंदूर में मार गिराया गया था.
14 अगस्त को पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर, GOC लाहौर डिवीजन मेजर जनरल राव इमरान सरताज, फेडरल मिनिस्टर मलिक राशिद अहमद खान, डिस्ट्रिक्ट पुलिस ऑफिसर कसूर मुहम्मद ईसा खान और डेप्युटी कमिश्नर इमरान अली ने लाहौर के मुरिदके में मुदस्सिर अहमद की कब्र पर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी.
कौन था मुदस्सिर अहमद ?
मुदस्सिर अहमद एक हाई-वैल्यू LeT ऑपरेटिव था, जिसका नाम 1999 IC-814 विमान अपहरण और 2019 पुलवामा आतंकी हमले से जुड़ा था. वह उन आतंकियों में शामिल था जिन्हें भारतीय सुरक्षा बलों ने मारकज़ तैयबा (LeT मुख्यालय) पर हमले में ढेर किया था. इस स्ट्राइक में लंबे समय से वांछित आतंकी यूसुफ अज़हर और अब्दुल मलिक रऊफ भी मारे गए थे, जो भारत के खिलाफ कई बड़े हमलों की साजिश में शामिल थे.
आतंकी ने पढ़ाई जनाज़े की नमाज़
मुदस्सिर का जनाज़ा 7 मई को मुरिदके में निकाला गया, जिसकी अगुवाई LeT कमांडर अब्दुल रऊफ ने की, जो कि अमेरिका के ट्रेजरी विभाग की वैश्विक आतंकियों की लिस्ट में शामिल है. इसमें पाकिस्तानी आर्मी के वरिष्ठ अधिकारी और पंजाब के आईजी पुलिस को भी LeT कैडर्स के साथ नमाज़ अदा करते देखा गया.
पाक का दोहरा चेहरा
इन विज़ुअल्स ने एक बार फिर पाकिस्तान की दोहरी नीति को उजागर कर दिया- एक ओर दुनिया के सामने आतंकवाद से लड़ने का दावा, तो दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका की सूची में शामिल आतंकियों को राजकीय स्तर पर सम्मान देना. फूल बरसाने से लेकर गार्ड ऑफ ऑनर देने तक, पाकिस्तान की सत्ता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उसका आतंकवादियों के प्रति संरक्षण अटूट है.