'भारत-पाक हमारे भाई, झगड़ा बंद करो...', इस देश ने की मध्यस्थता की पेशकश, कहा- हम सुलह कराने को तैयार

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में भारी तनाव है. हमले में 26 लोगों की जान गई, जिसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ कड़े कदम उठाए. इसी बीच ईरान ने दोनों देशों को 'भाईचारा' बताते हुए मध्यस्थता की पेशकश की है. ईरान के विदेश मंत्री ने शांति और संवाद को बढ़ावा देने की बात कही है. उन्होंने फारसी कवि सादी की पंक्तियों के ज़रिए इंसानियत और एकता का संदेश दिया. हालांकि, भारत ने अभी तक किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया है.;

Iran mediation offer, Pahalgam terror attack:  हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत और कई घायल होने के बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध और अधिक बिगड़ गए हैं. इस पृष्ठभूमि में ईरान ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है.

ईरान के विदेश मंत्री सैय्यद अब्बास अरागची ने भारत और पाकिस्तान को 'ईरान के भाईचारे वाले पड़ोसी' बताते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान हमारे सांस्कृतिक और सभ्यतागत इतिहास से जुड़े हुए हैं. हम दोनों देशों के बीच बेहतर समझ और संवाद को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं.

अरागची ने प्रसिद्ध फारसी कवि सादी शिराज़ी की एक पंक्ति उद्धृत करते हुए कहा, "मनुष्य एक ही शरीर के अंग हैं, एक ही आत्मा और सृजन के तत्व से बने हुए.... यदि एक अंग को पीड़ा होती है, तो अन्य अंग भी बेचैन हो जाते हैं."

ईरानी दूतावास ने की हमले की निंदा

इससे पहले ईरान के नई दिल्ली स्थित दूतावास ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी. उसने भारत सरकार व पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की थी.

भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव

हमले के बाद भारत ने कड़े कदम उठाए, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, इस्लामाबाद में मिशन स्टाफ में कटौती, और पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को निष्कासित करना शामिल था. इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी सभी द्विपक्षीय समझौतों और व्यापार को रोकते हुए अपने हवाई क्षेत्र को भारतीय विमानों के लिए बंद कर दिया.

पहले भी ईरान ने की मध्यस्थता की कोशिश

यह पहली बार नहीं है, जब ईरान ने मध्यस्थता की पहल की हो. 2019 में पुलवामा हमले और बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद तत्कालीन ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ ने भी ऐसे ही प्रस्ताव दिए थे. 2016 में भी कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाक की सहमति से मध्यस्थता की बात की गई थी।

भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंध

भारत और ईरान के बीच 1950 से औपचारिक राजनयिक संबंध हैं. दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, और रणनीतिक क्षेत्रों में गहरे रिश्ते हैं. 2022-23 में दोनों देशों का व्यापार 2.33 बिलियन डॉलर तक पहुंचा. भारत चाबहार बंदरगाह के विकास में भी निवेश कर रहा है, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करता है.

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