Pahalgam Attack: क्या खालिस्तान के लिए पन्नू को चाहिए पाकिस्तान का साथ? कहा- चुनाव जीतने के लिए भारत ने खुद मरवाए हिंदू

एक बार फिर से खालिस्तानी समर्थक पन्नू ने भारत के खिलाफ ऐसा जहर उगला है, जिसने फिर एक बार उसकी नापाक हरकतों से पर्दा उठाया है. पन्नू ने पहलगाम हमले को भारत की साजिश बताते हुए इसे चुनाव जीतने का एक तरीका कहा है.;

( Image Source:  x-kuchnahinaata )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 28 April 2025 1:28 PM IST

गुरपतवंत सिंह पन्नू खालिस्तान आंदोलन के प्रमुख समर्थक ने हाल ही में भारत के खिलाफ पाकिस्तान का खुलकर समर्थन करने का ऐलान किया. उसने ये दावा किया कि वह पंजाब के जरिए भारत को पाकिस्तान पर हमला करने से रोकेंगे. यह बयान तब आया जब जम्मू और कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए एक आतंकवादी हमले ने दोनों देशों के रिश्तों को और भी खट्टा कर दिया.

इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी. एक ऐसे समय में जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर, तब पन्नू ने दोबारा जहर उगला है. 'सिख्स फॉर जस्टिस' (SFJ) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक खास बातचीत में आजाद डिजिटल से बात करते हुए न सिर्फ पाकिस्तान का खुला समर्थन किया, बल्कि भारत को चुनौती भी दे डाली.

पाकिस्तान के साथ है पन्नू 

पन्नू के शब्दों में सिर्फ बयान नहीं था, बल्कि एक साजिश की गूंज सुनाई दी. उसने कहा कि 'यह न 1965 है, न 1971... यह 2025 है. मैं पाकिस्तान को कहना चाहता हूं कि हम उनके साथ चट्टान की तरह खड़े हैं. भारत की सेना को पंजाब की धरती पार करने नहीं दिया जाएगा. पाकिस्तान पर हमला करना तो दूर की बात है, क्योंकि पाकिस्तान का नाम ही पवित्र है.'

चुनाव जीतने के लिए मरवाए हिंदू 

पन्नू ने न केवल पाकिस्तान का खुला समर्थन किया, बल्कि पहलगाम में मारे गए 26 हिंदुओं की मौत को एक ‘राजनीतिक चाल’ बताया. उसने यह तक कह दिया कि 'सरकार ने अपने हिंदुओं को ही मारा है. इसका मकसद चुनाव जीतना था, ताकि दुनियाभर में पाकिस्तान अलग-थलग दिखे.'

क्या खालिस्तान के लिए चाहिए पाकिस्तान का साथ?

पन्नू ने अपने बयानों में यह भी कहा कि सिखों को समझ आ गया है और अब वक्त है कि पाकिस्तान इस बात को समझे. पन्नू ने यह साफ कर दिया कि खालिस्तान को पाकिस्तान को समर्थन देना होगा. पन्नू का मकसद सिर्फ खालिस्तान नहीं, भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचाना भी है. पाकिस्तान के पक्ष में बोलकर वह भारत को कूटनीतिक रूप से कमजोर दिखाना चाहता है. 



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