Operation Hawkeye: अमेरिका को छेड़ा तो... US ने सीरिया में ISIS ठिकानों पर किया एयरस्ट्राइक, लिया 3 नागरिकों की मौत का बदला
सीरिया में तीन अमेरिकियों की मौत के बाद अमेरिका ने ISIS के खिलाफ बड़ा सैन्य कदम उठाते हुए Operation Hawkeye Strike लॉन्च किया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे आतंकियों के खिलाफ “गंभीर बदले की कार्रवाई” बताया है. इस ऑपरेशन के तहत F-15 फाइटर जेट, A-10 अटैक एयरक्राफ्ट और अपाचे हेलीकॉप्टरों से ISIS के ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए गए.;
सीरिया के रेगिस्तान में तीन अमेरिकियों की मौत के बाद अमेरिका ने सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं की, बल्कि पूरी दुनिया को एक सख्त संदेश भी दे दिया. ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक के जरिए अमेरिका ने यह साफ कर दिया कि उसके सैनिकों पर हमला अब सिर्फ सैन्य घटना नहीं, बल्कि सीधी चुनौती मानी जाएगी.
व्हाइट हाउस से लेकर पेंटागन तक एक ही लाइन दोहराई गई. यह युद्ध की शुरुआत नहीं, बल्कि “वेंजेंस” यानी बदले की कार्रवाई है. राष्ट्रपति Donald Trump और रक्षा मंत्री दोनों ने इसे अमेरिका की रेड लाइन बताया, जहां से पीछे हटने का कोई विकल्प नहीं है.
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ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक क्या है?
ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक अमेरिका की ओर से सीरिया में Islamic State (ISIS) के ठिकानों पर किया गया लक्षित हवाई हमला है. इसका मकसद ISIS के उन ठिकानों को तबाह करना था, जहां से अमेरिकी और सहयोगी बलों पर हमले की योजना बनाई जा रही थी. यह ऑपरेशन खुफिया इनपुट और रियल-टाइम निगरानी के आधार पर अंजाम दिया गया.
किन हमलों ने अमेरिका को कार्रवाई पर मजबूर किया?
13 दिसंबर को सीरिया के पूर्वी रेगिस्तान में हुए हमले में आयोवा नेशनल गार्ड के दो जवान और एक अमेरिकी सिविलियन दुभाषिया मारे गए थे. ट्रंप प्रशासन ने सीधे तौर पर इसकी जिम्मेदारी ISIS पर डाली. यह हमला ऐसे वक्त हुआ, जब अमेरिकी सेना स्थानीय सीरियाई बलों के साथ तालमेल बढ़ा रही थी.
किस तरह की ताकत उतारी गई मैदान में?
इस ऑपरेशन में अमेरिका ने अपनी सबसे खतरनाक हवाई ताकत का इस्तेमाल किया.
- F-15 ईगल फाइटर जेट
- A-10 थंडरबोल्ट अटैक एयरक्राफ्ट
- AH-64 अपाचे हेलीकॉप्टर
इन सभी प्लेटफॉर्म्स को ISIS के मजबूत ठिकानों पर सटीक हमलों के लिए तैनात किया गया.
अमेरिका को छेड़ा तो अंजाम तय: ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर साफ शब्दों में कहा कि जो भी अमेरिकी नागरिकों या सैनिकों को नुकसान पहुंचाएगा, उसे पहले से कहीं ज्यादा जोरदार जवाब मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि सीरिया की मौजूदा सरकार इस कार्रवाई के समर्थन में है और ISIS का सफाया ही क्षेत्र में स्थिरता की कुंजी है.
यह जंग नहीं, बदले की कार्रवाई
रक्षा मंत्री ने साफ किया कि यह कोई लंबा युद्ध अभियान नहीं है, बल्कि एक सीमित लेकिन बेहद कठोर जवाब है. पेंटागन का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई से ISIS की ऑपरेशनल क्षमता को गहरा नुकसान पहुंचेगा और भविष्य में हमलों की हिम्मत टूटेगी.
सीरिया और क्षेत्रीय संतुलन पर असर
सीरिया में पहले से मौजूद अमेरिकी सैनिक अब हाई अलर्ट पर हैं. यह कार्रवाई न सिर्फ ISIS के लिए चेतावनी है, बल्कि पूरे मिडिल ईस्ट में मौजूद आतंकी नेटवर्क के लिए भी संकेत है कि अमेरिका अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक मोड में है. आने वाले दिनों में इस ऑपरेशन के असर क्षेत्रीय राजनीति और सुरक्षा समीकरणों पर साफ दिख सकते हैं.