नेतन्याहू को मिला ट्रंप का साथ, दो दोस्तों के बीच हो गई गुफ्तगू! अब किस देश में हमले की तैयारी?
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को पुष्टि की कि उन्होंने अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ गर्मजोशी से फोन पर बातचीत की. नेतन्याहू ने कहा कि इस बातचीत में गाजा में चल रहे युद्ध और सीरिया पर इजरायल के रुख पर चर्चा की गई.;
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को पुष्टि की कि उन्होंने अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ गर्मजोशी से फोन पर बातचीत की. नेतन्याहू ने कहा कि इस बातचीत में गाजा में चल रहे युद्ध और सीरिया पर इजरायल के रुख पर चर्चा की गई. एक वीडियो जारी करते हुए नेतन्याहू ने बताया कि उन्होंने और ट्रंप ने शनिवार शाम विभिन्न मुद्दों पर बात की, जिसमें लेबनान स्थित आतंकवादी संगठन हिज़्बुल्लाह को फिर से मजबूत होने से रोकने और अपने देश के आतंकी समूह हमास के साथ संघर्ष को जारी रखने के लिए इजरायल की प्रतिबद्धता की पुष्टि की.
7 अक्टूबर 2023 को इजरायल के खिलाफ हमास ने हमला किया था, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए और 250 से ज्यादा लोग बंधक बना लिए गए थे. यह माना जाता है कि इनमें से लगभग 100 अभी भी गाजा में बंधक हैं. इस बीच, गाजा में हमास पर इजरायल के हमले में 45,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की जान चली गई है.
नेतन्याहू और ट्रंप के बीच क्या हुई बात?
नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने गाजा से शेष बंधकों को वापस लाने की आवश्यकता पर भी चर्चा की. सीएनएन के हवाले से उन्होंने कहा, "मैंने कल रात अपने मित्र, अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ इस विषय पर फिर से बात की." उन्होंने आगे कहा, "यह एक बहुत ही मित्रवत, बहुत गर्मजोशीपूर्ण और बहुत महत्वपूर्ण बातचीत थी. हम ने इजरायल की जीत को पूरा करने की आवश्यकता के बारे में बात की और अपने बंधकों को मुक्त कराने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की.'
सीरिया पर क्या हुई बात?
नेतन्याहू ने कहा कि इज़राइल को किसी अन्य देश के संघर्ष में कोई रुचि नहीं है, लेकिन वह परिस्थितियों के अनुसार अपनी नीति में बदलाव करेंगे. सीरिया ने हाल ही में हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेतृत्व वाले विद्रोहियों द्वारा राष्ट्रपति बशर अल-असद के 24 साल लंबे शासन के पतन का अनुभव किया. विद्रोहियों ने पिछले हफ्ते दमिश्क और देश के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया, जिससे असद को सत्ता से बेदखल होना पड़ा. इस घटनाक्रम के बाद, सीरियाई नागरिक राष्ट्रपति के कथित क्रूर और दमनकारी शासन के अंत का जश्न मनाते हुए देखे गए.