काठमांडू एयरपोर्ट बंद, सड़कों पर लगा कर्फ्यू... आखिर नेपाल में क्यों मचा है बवाल?

नेपाल से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. राजशाही समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़प को देखते हुए काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इमरजेंसी बैठक बुलाई है. राजशाही समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद काठमांडू की सड़कों पर नेपाली सेना को तैनात किया जा रहा है. तिनकुने, सिनामंगल और कोटेश्वर इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है.;

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By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 28 March 2025 7:44 PM IST

Nepal Protests Demand for Monarchy: नेपाल में हाल ही में राजशाही की बहाली और देश को पुनः हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग को लेकर व्यापक प्रदर्शन हुए हैं. राजधानी काठमांडू में शुक्रवार को पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं, जिसके परिणामस्वरूप प्रशासन को कुछ क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाना पड़ा. इसके साथ ही, राजशाही समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़प को देखते हुए काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है. वहीं, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इमरजेंसी बैठक बुलाई है. 

प्रदर्शनकारियों ने 'राजा आओ, देश बचाओ' और 'हमें राजतंत्र वापस चाहिए' जैसे नारे लगाए, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस, रबर की गोलियां और पानी की बौछारों का उपयोग किया. इस दौरान कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हुए, और कुछ इमारतों और वाहनों में आगजनी की घटनाएं भी हुईं.

क्यों हो रहे विरोध प्रदर्शन?

इन प्रदर्शनों के पीछे नेपाल में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार के आरोप और आर्थिक चुनौतियों के प्रति जनता की नाराजगी मानी जा रही है. राजशाही समर्थक समूहों का दावा है कि वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था देश की समस्याओं का समाधान करने में विफल रही है. इसलिए वे राजशाही और हिंदू राष्ट्र की पुनर्स्थापना की मांग कर रहे हैं.

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हालांकि, नेपाल की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां और सिविल सोसायटी के कई सदस्य इन मांगों का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि लोकतांत्रिक प्रणाली में 'रिवर्स गियर' नहीं होता, और राजशाही की वापसी की कोई संभावना नहीं है. साथ ही, कुछ कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को भारत के कुछ कट्टरपंथी समूहों का समर्थन प्राप्त है, जो नेपाल की संप्रभुता के लिए खतरा हो सकता है.

काठमांडू के कई इलाकों में लगा कर्फ्यू

राजशाही समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद काठमांडू की सड़कों पर नेपाली सेना को तैनात किया जा रहा है. तिनकुने, सिनामंगल और कोटेश्वर इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने कहा कि अब समय आ गया है. मैं तिनकुने जाऊंगा. अगर हमें देश को बचाना और बनाना है तो राजशाही के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.

राजशाही समर्थकों ने पुलिस पर किया पथराव

नेपाली टाइम्स के मुताबिक, राजशाही समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया. इसके साथ ही, उन्होंने समाचार पत्रों के कार्यालयों और पार्टी बिल्डिंग पर भी हमला बोला.  बीबीसी न्यूज के मुताबिक, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग भी किया. झड़प के दौरान एक शख्स की मौत होन की जानकारी सामने आई है.

नेपाल में वर्तमान स्थिति जटिल और संवेदनशील 

कुल  मिलाकर, नेपाल में वर्तमान स्थिति जटिल और संवेदनशील है. देश के भीतर विभिन्न विचारधाराओं के बीच टकराव और असंतोष बढ़ रहा है, जिससे राजनीतिक स्थिरता पर प्रश्नचिह्न लग रहा है. आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि नेपाल की सरकार और समाज इन चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं और देश को स्थिरता की ओर कैसे ले जाते हैं. 

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