नेपाल में हिंसक प्रदर्शन से लेकर सुशीला कार्की के अंतरिम प्रधानमंत्री बनने तक... जानें पूरी टाइमलाइन, कब क्या हुआ?
नेपाल में सरकार गिरने और हिंसक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया. राजधानी काठमांडू में छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन के दौरान संसद और सरकारी इमारतों पर हमला हुआ, जिसमें सैकड़ों लोग घायल हुए, जबकि 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई. राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने संवैधानिक ढांचे में समाधान खोजने और शांति बनाए रखने की अपील की. अंततः पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया, जो देश में स्थिरता लाने और अगले चुनाव कराए जाने की जिम्मेदारी संभालेंगी.;
Nepal political crisis, Sushila Karki interim PM: नेपाल की संसद को भंग कर दिया गया है. पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले ली हैं. संसद भंग होने के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने संवैधानिक प्रक्रिया के तहत इस कदम को उठाया. सुशीला कार्की को देश में वर्तमान गतिरोध और हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच अंतरिम शासन संभालने के लिए चुना गया है.
कार्की नेपाल की पहली महिला अंतरिम पीएम हैं. उन्हें राष्ट्रपति पौडेल ने शपथ दिलाई. उनकी अंतरिम कैबिनेट में किसी मंत्री को शामिल नहीं किया गया.
नियुक्ति का उद्देश्य देश में स्थिरता लाना और अगले निर्धारित समय में नए चुनाव सुनिश्चित करना है. विभिन्न राजनीतिक दलों और जनरेशन-ज़ी नेताओं के बीच जारी वार्ताओं के बाद यह निर्णय लिया गया.
जन सुरक्षा बनाए रखने की जिम्मेदारी अब नए अंतरिम प्रधानमंत्री के कंधों पर
आर्थिक और प्रशासनिक मुद्दों के साथ-साथ जन सुरक्षा बनाए रखने की जिम्मेदारी अब नए अंतरिम प्रधानमंत्री के कंधों पर होगी. सुशीला कार्की की शपथ आज संविधान और कानून के अनुसार संपन्न होगी, जिससे नेपाल में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली की दिशा में कदम बढ़ेगा.
9 सितंबर को केपी शर्मा ओली ने दिया इस्तीफा
नेपाल में सरकार गिरने और हिंसक प्रदर्शन शुरू होने के बाद देश राजनीतिक संकट में फंस गया. मंगलवार (9 सितंबर) को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने छात्र-नेतृत्व वाले हिंसक आंदोलन के दबाव में इस्तीफा दे दिया. इसके तुरंत बाद राजधानी काठमांडू में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए, जिसमें छात्रों ने संसद और सिंगहा दरबार सहित सरकारी इमारतों पर धावा बोला और आगजनी की, जिसमें अब तक 51 लोग हताहत हुए हैं और लगभग 1,400 लोग घायल हैं.
इस बीच राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने संवैधानिक ढांचे के भीतर समाधान खोजने और लोकतंत्र की रक्षा करने का वचन दिया. उन्होंने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की और विभिन्न राजनीतिक दलों तथा सेना के साथ बैठकें शुरू कीं. जनरेशन-ज़ी आंदोलन के नेताओं ने नए अंतरिम प्रधानमंत्री के चयन पर जोर दिया, जिसमें कई नाम चर्चा में रहे, जैसे पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की, नेपाल पावर बोर्ड के पूर्व प्रमुख कुलमान घिसिंग, और काठमांडू के मेयर बालेन्द्र शाह.
सुशीला कार्की आज लेंगी अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ
पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंततः अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए चुना गया. उनका मकसद देश में स्थिरता लाना और तय समयसीमा में नए चुनाव सुनिश्चित करना है. सरकार का काम केवल प्रशासनिक संचालन नहीं होगा, बल्कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना और हिंसा की घटनाओं को रोकना भी होगा.
नेपाल में बदल गया राजनीतिक परिदृश्य
इस पूरे घटनाक्रम ने नेपाल में राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है. देश की जनता और छात्र समूह अब संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतर्क हैं. नए अंतरिम प्रधानमंत्री की नियुक्ति, संसद के भंग होने और हिंसा की घटनाओं के बीच, नेपाल की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.
नेपाल में राजनीतिक संकट: पूरी टाइमलाइन
- प्रदर्शन की शुरुआत: नेपाल में Gen-Z छात्रों और नागरिकों ने सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन शुरू किया. राजधानी काठमांडू में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए.
- सिंघा दरबार और संसद पर हमला - प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों, संसद और सिंगहा दरबार पर धावा बोला और आगजनी की. इस हिंसा में 50 से ज्यादा लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए.
- प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का इस्तीफा- हिंसक प्रदर्शन और राजनीतिक दबाव के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया.
- राष्ट्रपति का हस्तक्षेप- राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने संवैधानिक ढांचे में समाधान खोजने की कोशिश शुरू की और नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की.
- अंतरिम पीएम पर चर्चा- विभिन्न राजनीतिक दल और जनरेशन-ज़ी नेताओं ने नए अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए नामों पर चर्चा शुरू की. चर्चित नाम थे: पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की, नेपाल पावर बोर्ड के पूर्व प्रमुख कुलमान घिसिंग और काठमांडू के मेयर बालेन्द्र शाह.
- सुशीला कार्की का चयन - अंततः पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया.
- शपथ ग्रहण और जिम्मेदारियां- सुशीला कार्की आज अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगी. उनका मुख्य काम देश में स्थिरता लाना और तय समयसीमा में नए चुनाव कराना होगा.
- लोकतंत्र और कानून-व्यवस्था बहाली- अंतरिम सरकार को हिंसा रोकने और नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी मिली.
- जनता की प्रतिक्रिया – छात्र और नागरिक अभी भी संवैधानिक अधिकारों और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतर्क हैं.
- नेपाल में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली- सुशीला कार्की की नियुक्ति एक महत्वपूर्ण कदम है, जो नेपाल में लोकतांत्रिक व्यवस्था को पुनर्स्थापित करने की दिशा में लिया गया.