SCO Family Photo में Modi–Sharif साथ, मगर बीच में 8 लीडर्स की दूरी; भारत का पाक को साफ संदेश- आतंक रुके बिना बातचीत नहीं

चीन के तियानजिन में हुए SCO समिट 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ एक ही मंच पर नजर आए, लेकिन आपसी बातचीत नहीं हुई. मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय मुलाकात की, जिसमें सीमा विवाद और आतंकवाद पर चर्चा हुई. भारत ने साफ़ किया कि पाकिस्तान से बातचीत तभी होगी जब आतंकवाद रुकेगा. समिट की 'फ़ैमिली फ़ोटो' में मोदी और शरीफ़ दोनों साथ तो दिखे, लेकिन दूरी बनी रही. इस सम्मेलन में रूस, ईरान, बेलारूस सहित 20 देशों के नेता शामिल हुए.;

( Image Source:  ANI )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 1 Sept 2025 12:10 AM IST

Modi Shehbaz SCO Summit: तिआनजिन (चीन) में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ एक ही मंच पर नज़र आए, लेकिन दोनों नेताओं के बीच किसी तरह की गर्मजोशी देखने को नहीं मिली. हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव के बाद यह दूरी अपेक्षित भी थी. हालांकि, शाम को हुए आधिकारिक स्वागत समारोह में उन्हें एक साथ 'फैमिली फोटो' में शामिल होना पड़ा.

मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात, पाकिस्तान पर चुप्पी

सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. इस मुलाकात में मोदी ने सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी कि पीएम मोदी ने साफ कहा कि आतंकवाद का असर भारत और चीन दोनों पर पड़ता है और इसे रोकने के लिए आपसी सहयोग जरूरी है. हालांकि, भारत के आधिकारिक बयान में पाकिस्तान का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया.

भारत-चीन रिश्तों में नई गर्माहट

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर भारी टैरिफ लगाने के बाद भारत और चीन के बीच रिश्तों में एक नया मोड़ आया है. पांच साल पहले गलवान की झड़प के बाद ठंडे पड़े रिश्ते अब धीरे-धीरे रीसेट होते दिख रहे हैं. दोनों देशों ने साफ किया कि सीमा विवाद अकेले उनके संबंधों को तय नहीं करेगा.

SCO ‘फैमिली फोटो’ में तस्वीरें और मुलाकातें

SCO के पहले दिन की समाप्ति पर आयोजित स्वागत समारोह में सभी नेताओं ने सामूहिक फोटो खिंचवाई. इसमें मोदी और शहबाज शरीफ फ्रंट रो में थे, लेकिन उनके बीच आठ नेताओं की दूरी थी. बीच में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खड़े थे. मोदी ने इस मौके पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू और म्यांमार के सैन्य नेता मिन आंग हलाइंग से मुलाकात की। सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों में उन्होंने भारत-नेपाल संबंधों को 'गहरे और विशेष' बताया.

भारत-पाकिस्तान रिश्तों पर सन्नाटा

मोदी और शहबाज़ शरीफ़ के बीच कोई बातचीत नहीं हुई. भारत की स्पष्ट नीति है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को नहीं रोकता, तब तक बातचीत संभव नहीं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक़ डार पहले ही कह चुके हैं कि उनका देश 'बातचीत के लिए भीख नहीं मांगेगा और किसी भी आक्रामकता का जवाब पूरी ताकत से देगा.'

अतीत की कोशिशें और वर्तमान का माहौल

गौरतलब है कि पीएम मोदी अतीत में पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की कोशिशें कर चुके हैं. 2014 में उन्होंने नवाज़ शरीफ़ को अपने शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया था और बाद में लाहौर जाकर शरीफ परिवार से मुलाकात भी की थी, लेकिन लगातार हो रहे आतंकी हमलों, हाल में हुए पहलगाम हमले सहित, ने इन कोशिशों को बेअसर कर दिया.

SCO और वैश्विक संदेश

कुल मिलाकर, यह सम्मेलन ग्लोबल साउथ की एकजुटता का मंच बनकर उभरा. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि SCO पर अब 'शांति और स्थिरता की रक्षा की बड़ी जिम्मेदारी' है. इस वर्ष चीन की अध्यक्षता में आयोजित SCO+ बैठक में 20 विदेशी नेता शामिल हुए. संगठन के स्थायी सदस्य देशों में भारत और पाकिस्तान को 2017 में शामिल किया गया था, जबकि ईरान और बेलारूस हाल ही में जुड़े हैं.

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