जल रहा लॉस एंजेल्स! दंगाइयों को कुचलने के लिए उतारे 2000 नेशनल गार्ड्स; जानें किस बात को लेकर शुरू हुआ बवाल
लॉस एंजेल्स में इमिग्रेशन रेड को लेकर शुरू हुआ विरोध अब संघीय और राज्य सरकारों के बीच सीधा टकराव बन चुका है. राष्ट्रपति ट्रंप ने 2,000 नेशनल गार्ड्स तैनात किए, तो गवर्नर न्यूसॉम ने इसे संविधान पर हमला बताया. मामला अब कानून व्यवस्था से आगे बढ़कर अमेरिकी संघीय ढांचे की परीक्षा बन चुका है.;
लॉस एंजेल्स अब इमिग्रेशन नीति पर सिर्फ नाराज जनता का प्रदर्शन स्थल नहीं रह गया है, बल्कि यह संघीय बनाम राज्य अधिकारों की खुली लड़ाई में बदल चुका है. ट्रंप प्रशासन की आक्रामक इमिग्रेशन रेड के खिलाफ शुरू हुआ विरोध अब प्रशासनिक नियंत्रण और संवैधानिक सीमाओं पर गंभीर सवाल उठा रहा है. जैसे-जैसे प्रदर्शन बढ़ते गए, राष्ट्रपति ट्रंप ने 2,000 नेशनल गार्ड्स की तैनाती का ऐलान कर दिया. एक कदम जिसने पूरे विवाद को उबलते राजनीतिक संकट में बदल दिया है.
शनिवार को जब प्रदर्शनकारी ICE (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट) रेड के विरोध में सड़कों पर उतरे, तो यह केवल एक नीतिगत असहमति नहीं थी. लोगों ने मैक्सिकन झंडे के साथ नारे लगाए, हिरासतों की निंदा की और इसे सैन्य दमन करार दिया. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, गिरफ्तारियों के बाद भीड़ और उग्र हो गई. रक्षा सचिव पीट हेग्सेथ ने इन्हें “हिंसक भीड़” बताया, लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह असहमति को देशद्रोह साबित करने की रणनीति है.
राज्य सरकार की खुली नाराजगी
कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसॉम ने ट्रंप के फैसलों की तीखी आलोचना की और उन्हें “जानबूझकर भड़काऊ” बताया. उन्होंने कहा कि संघीय एजेंसियों की अति सक्रियता न केवल संविधान के संघीय ढांचे को ठेस पहुंचा रही है, बल्कि राज्य की प्रशासनिक स्वायत्तता पर सीधा हमला है. उनके अनुसार, "ट्रंप की अराजकता भरोसे को तोड़ रही है और अमेरिका की आर्थिक रीढ़ अप्रवासी श्रमिकों को तबाह कर रही है."
व्हाइट हाउस ने क्या कहा?
ट्रंप प्रशासन ने इसे एक कानून व्यवस्था का मुद्दा बताया है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि "अवैध अपराधियों के आक्रमण को रोकने के लिए" नेशनल गार्ड्स की तैनाती जरूरी है. उन्होंने राज्य सरकार पर “अराजकता को प्रोत्साहित” करने का आरोप लगाया. यह रुख दर्शाता है कि संघीय सत्ता अब राज्य प्रशासन को दरकिनार कर सीधे हस्तक्षेप के लिए तैयार बैठी है.
ट्रंप ने क्या कहा?
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रूथ सोशल' पर लिखा कि अगर गवर्नर गेविन न्यूसॉम और लॉस एंजेल्स की मेयर करेन बैस हालात को नहीं संभाल पाते, तो "संघीय सरकार दंगाइयों और लुटेरों से वैसे ही निपटेगी, जैसे उन्हें निपटाया जाना चाहिए." यह बयान न केवल राजनीतिक भाषा की सीमा पार करता है, बल्कि एक लोकतांत्रिक संघीय ढांचे को धमकी देने जैसा भी देखा जा रहा है.
संघीय हस्तक्षेप या चुनावी दांव?
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह कदम 2024 चुनावों के मद्देनजर अपनी "कानून और व्यवस्था" वाली छवि को मजबूत करने की कोशिश है. लेकिन यह सवाल भी उठता है कि क्या संघीय हस्तक्षेप, जो राज्य सरकार की सहमति के बिना हो रहा है, संविधानिक व्यवस्था की अनदेखी नहीं है? लॉस एंजेल्स की सड़कों पर उठ रही आवाज़ अब सिर्फ अवैध हिरासतों के खिलाफ नहीं, बल्कि संघीय सत्ता के दमनकारी प्रयोगों के विरोध में बदल चुकी है.