Operation Sindoor का मुरीद हुआ यह अमेरिकी डिफेंस एक्‍सपर्ट, कहा- टारगेट से कहीं आगे निकल गया भारत का यह...

अमेरिकी सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी और शहरी युद्ध विशेषज्ञ जॉन डब्ल्यू स्पेंसर ने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' को आधुनिक युद्ध में एक निर्णायक जीत बताया है. उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल अपने रणनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल रहा, बल्कि उसने भारत की सैन्य श्रेष्ठता और नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को भी उजागर किया. स्पेंसर ने ऑपरेशन सिंदूर को एक नई 'रेड लाइन' की स्थापना बताया, जिसके तहत अब पाकिस्तान से होने वाले किसी भी आतंकी हमले का जवाब सैन्य कार्रवाई से दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन से भारत को टारगेट से कहीं ज्यादा मिला है.;

Operation Sindoor: अमेरिकी सेना के पूर्व अधिकारी और डिफेंस एक्सपर्ट जॉन डब्ल्यू स्पेंसर ने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' को एक अत्यंत सफल और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सैन्य अभियान बताया है. उन्होंने इसे पाकिस्तान के खिलाफ एक निर्णायक कार्रवाई के रूप में सराहा, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति को दर्शाता है. स्पेंसर ने कहा कि आज का भारत तत्काल और सटीक जवाब देता है, जबकि 2008 का भारत हमले झेलता था और प्रतिक्रिया के लिए इंतजार करता था.

स्पेंसर, जो एक लेखक और शहरी युद्ध के शोधकर्ता भी हैं, ने X पर एक लंबे पोस्ट में कहा कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ विशाल जीत हासिल की है. स्पेंसर के मुताबिक, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने अपने रणनीतिक उद्देश्यों को न केवल पूरा किया, बल्कि उससे कहीं अधिक हासिल किया, जिसमें आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना, सैन्य श्रेष्ठता का प्रदर्शन करना, प्रतिरोध बहाल करना और नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को सामने लाना शामिल है.

"भारत ने एक निर्णायक जीत हासिल की"

अमेरिकी एक्सपर्ट ने कहा, "भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अभी तक पूरी तरह समाप्त घोषित नहीं किया है. जो स्थिति अभी बनी है, वह एक संवेदनशील विराम है. कुछ लोग इसे युद्धविराम कह सकते हैं, लेकिन सैन्य नेताओं ने जानबूझकर इस शब्द से परहेज किया है. यह केवल विराम नहीं है, यह एक रणनीतिक पकड़ है, जो एक दुर्लभ और स्पष्ट सैन्य जीत के बाद आई है." उन्होंने कहा, "सिर्फ चार दिनों के सटीक सैन्य अभियान के बाद निष्कर्ष स्पष्ट है- भारत ने एक निर्णायक जीत हासिल की है.

'आतंकी हमले का बदला लेकर रहता है भारत'

स्पेंसर ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली थी, जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का ही एक संगठन है. उन्होंने लिखा, "भारत पर हमला किया गया. यह हमला पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI द्वारा प्रायोजित समूह ने किया था, लेकिन इस बार भारत ने न तो इंतजार किया, न ही अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की मांग की, और न ही सिर्फ कूटनीतिक विरोध दर्ज कराया. इस बार भारत ने सीधे युद्धक विमान भेजे."

ऑपरेशन सिंदूर को चार चरणों में अंजाम दिया गया

अमेरिकी सेना के पूर्व अधिकारी ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर को चार चरणों में अंजाम दिया गया:

  • 7 मई: पाकिस्तान के भीतर नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए, जिनमें बहावलपुर, मुरिदके, मुजफ्फराबाद आदि में मौजूद आतंकी कैंप और लॉजिस्टिक हब शामिल थे.
  • 8 मई: पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पश्चिमी भारत में ड्रोन हमलों का सहारा लिया, लेकिन भारत के बहु-स्तरीय एयर डिफेंस सिस्टम ने लगभग सभी ड्रोन नष्ट कर दिए.
  • 9 मई: भारत ने पाकिस्तान के छह सैन्य एयरबेस और UAV समन्वय केंद्रों पर और हमले किए.
  • 10 मई: एक अस्थायी 'गोलीबारी विराम' की घोषणा हुई, जिसे भारत ने 'सीज़फायर' कहने से जानबूझकर परहेज किया. इसे 'गोलीबारी की रुकावट' बताया.

स्पेंसर के मुताबिक यह सिर्फ एक सामरिक सफलता नहीं थी, बल्कि 'लाइव फायर के तहत रणनीतिक सिद्धांत का निष्पादन' था.

रणनीतिक परिणाम जो हासिल हुए:

  • नई ‘रेड लाइन’ खींची गई और उसे लागू भी किया गया. अब पाकिस्तान से होने वाले आतंकी हमले सीधे सैन्य प्रतिक्रिया को न्योता देंगे.
  • भारत ने दिखा दिया कि वह पाकिस्तान में कहीं भी हमला कर सकता है, और पाकिस्तान भारत की रक्षा प्रणालियों को भेद भी नहीं सका।
  • भारत ने सीमित लेकिन निर्णायक कार्रवाई की, जिससे यह स्पष्ट संकेत गया कि भारत अब प्रतिक्रिया देगा और वह तय करेगा कि प्रतिक्रिया कितनी होगी.
  • भारत ने यह संकट पूरी तरह अपनी शर्तों पर और बिना किसी बाहरी मध्यस्थता के संभाला.

स्पेंसर ने लिखा, "ऑपरेशन सिंदूर किसी बदले की भावना से नहीं, बल्कि 'डिटरेंस' यानी प्रतिरोध स्थापित करने के लिए था और यह काम कर गया. भारत का संयम कमजोरी नहीं है, यह परिपक्वता है. भारत ने अब रणनीतिक समीकरण बदल दिया है." उन्होंने यह भी कहा, "जहां आज के समय के युद्ध लंबे समय तक चलने वाले और राजनीतिक भ्रम में डूबे रहते हैं, वहीं ऑपरेशन सिंदूर एक सीमित लेकिन स्पष्ट लक्ष्यों वाला युद्ध था. भारत ने न केवल हमले का जवाब दिया, बल्कि अपनी रणनीतिक पहल को बरकरार रखते हुए जीत हासिल की."

2008 बनाम 2025 का भारत

स्पेंसर ने लिखा, "2008 का भारत हमले सहता था और इंतजार करता था। आज का भारत तुरंत, सटीक और स्पष्ट प्रतिक्रिया देता है." उन्होंने पीएम मोदी की नीति की सराहना करते हुए कहा कि मोदी की रणनीति, भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता, और उसकी सेना का पेशेवर रवैया यह संकेत देता है कि भारत अब पिछले युद्ध के लिए नहीं, बल्कि भविष्य के युद्धों के लिए तैयारी कर रहा है.

स्पेंसर ने कहा, "यह केवल जवाबी हमला नहीं था, यह एक नई रणनीति का उद्घाटन था. ऑपरेशन सिंदूर वह मॉडल है जिसे हर देश को अध्ययन करना चाहिए जो राज्य प्रायोजित आतंकवाद का सामना कर रहा है. यह एक सीमित, लक्षित और रणनीतिक दृष्टि से सफल युद्ध था और भारत की निर्णायक जीत भी."

'किसी भी उकसावे का जवाब भारत पूरी ताकत से देगा'

इससे पहले, 13 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदमपुर एयरबेस से पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि भारत की सैन्य कार्रवाई केवल पाकिस्तान की अपील पर अस्थायी रूप से रोकी गई है. उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में किसी भी उकसावे का जवाब भारत पूरी ताकत से देगा.

ऑपरेशन सिंदूर क्या है?

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए. इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के मुख्यालयों को निशाना बनाया गया. भारत सरकार के अनुसार, यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे. इस ऑपरेशन के दौरान भारत ने पहली बार 'गाइडेड माइक्रो मिसाइल्स' और 'माइक्रो रॉकेट्स' का उपयोग किया, जो ड्रोन झुंड जैसे खतरों से निपटने में सक्षम हैं. यह तकनीकी प्रगति भारत की रक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण कदम है.

अमेरिकी लेखक जॉन स्पेंसर ने भारत की इस कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक मिसाल बताया है. उन्होंने कहा कि भारत ने यह साबित कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा. भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं होगा और वह किसी भी स्थिति में अपने नागरिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा. ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की रक्षा नीति में एक नया अध्याय जोड़ा है, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ सख्त और निर्णायक कार्रवाई को प्राथमिकता दी गई है.

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