मस्क के वर्चस्व को खत्म करने के लिए चीन ने जैक मा को क्यों किया आगे? जानिए क्या है मास्टर प्लान

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की ताकत बढ़ गई है. वे टेस्ला और स्टारलिंक का लगातार विस्तार करने में जुटे हुए हैं. मस्क की बढ़ती ताकत को देखते हुए चीन घबरा गया है. उसने अब अली बाबा के फाउंडर जैक मा को आगे किया है. वह जैक के जरिए इंटरनेट के क्षेत्र में मस्क के दबदबे को खत्म करना चाहता है.;

Jack Ma Elon Musk: डोनाल्ड ट्रंप जब से अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए हैं, तब से टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के अच्छे दिन आ गए हैं. ट्रंप ने मस्क को व्हाइट हाउस में बड़ी जिम्मेदारी दी है. उन्हें DOGE का प्रमुख बनाया गया. इसके बाद से मस्क स्टारलिंक और टेस्ला का विस्तार करने में जुट गए हैं. वे भारत में भी टेस्ला को लॉन्च करने की तैयारी में लगे हुए हैं. इस बीच चीन उन्हें रोकने की तैयारी में जुट गया है. इसकी कमान दी गई है- जैक मा को.

जैक मा, ई- कॉमर्स कंपनी अली बाबा के फाउंडर हैं. उन्हें पिछले दिनों 5 साल के बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ देखा गया. कहा जा रहा है कि चीन जैक मा के जरिए इंटरनेट के क्षेत्र में मस्क के दबदबे को खत्म करना चाहता है. जिनपिंग ने इसे लेकर पिछले दिनों टेक्नोलॉजी से जुड़े सभी उद्योगपतियों के साथ बैठक की थी.

जैक मा का क्या है प्लान?

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, जैक मा अगले 3 साल में 55 बिलियन डॉलर यानी करीब 47 अरब रुपये का निवेश करेंगे. ये सभी निवेश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में करेंगे, ताकि चीन का दबदबा में AI में बना रहे.

2019 से गायब थे जैक मा

बता दें कि जैक मा 2019 के बाद से गायब थे. उन्हें साइड लाइन कर दिया गया था. हालांकि, जैसे ही ट्रंप दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बने, उन्हें वापस लाया गया.

2030 तक 43 हजार एलईओ सेटेलाइट लॉन्च करेगा चीन

मस्क के स्टारलिंक की बादशाहत को खत्म करने के लिए चीन ने अपने स्पेससेल को मजबूत करना शुरू कर दिया है. वह आने वाले सालों में 43 हजार एलईओ सेटेलाइट लॉन्च करने का प्लान बना रहा है. चीन की नजर उन देशों पर है, जहां चीन का ज्यादा प्रभाव नहीं है. इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और यूरोप के अन्य देश शामिल हैं.

चीन की कोशिश 2030 तक स्पेससेल को सबसे मजबूत इंटरनेट माध्यम बनाने की है. वह 2030 तक 43 हजार एलईओ सेटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी में है, जबकि स्टारलिंग केवल 40 हजार सेटेलाइट ही ल़ॉन्च कर पाएगा.  

Similar News