ईरान के बाद अब सीरिया पर क्यों इजराइल ने किया हमला? दमिश्क में सेना मुख्यालय को किया तबाह, देखें वीडियो
इज़राइली सेना ने बुधवार को सीरिया की राजधानी दमिश्क में स्थित सेना मुख्यालय के प्रवेश द्वार को निशाना बनाकर हवाई हमला किया. यह कार्रवाई दक्षिण सीरिया के स्वैदा शहर में द्रूज़ समुदाय के खिलाफ सीरियाई शासन की कार्रवाई के विरोध में की गई. इस बीच स्वैदा में संघर्षविराम टूटने के बाद सेना और द्रूज़ लड़ाकों के बीच झड़पें फिर से तेज हो गई हैं. सीरियाई रक्षा मंत्रालय ने स्थानीय मिलिशिया पर संघर्षविराम तोड़ने का आरोप लगाया है.;
Israel Syria tensions, IDF strike in Damascus: इज़राइली सेना ने बुधवार को सीरिया की राजधानी दमिश्क में स्थित सीरियाई सेना के मुख्यालय के प्रवेश द्वार पर हमला किया. इज़राइली डिफेंस फोर्सेज़ (IDF) ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी कि यह हमला सीरियाई शासन द्वारा दक्षिणी सीरिया में द्रूज़ नागरिकों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के विरोध में किया गया है.
IDF ने बताया कि यह हमला इज़राइली राजनीतिक नेतृत्व के निर्देश पर किया गया है और सेना क्षेत्र में विभिन्न परिदृश्यों के लिए तैयार है. पोस्ट में लिखा गया, "IDF ने सीरिया के दमिश्क क्षेत्र में स्थित शासन के सैन्य मुख्यालय के प्रवेश द्वार पर हमला किया है. हम घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए हैं और द्रूज़ नागरिकों के खिलाफ हो रहे दमन पर सतर्क हैं."
कौन हैं द्रूज?
द्रूज़ एक धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय है, जिसकी उत्पत्ति इस्लाम के शिया संप्रदाय इस्माइली शाखा से 10वीं सदी में हुई थी. दुनियाभर में इनकी संख्या लगभग 10 लाख है, जिनमें से आधे से अधिक सीरिया में रहते हैं. शेष द्रूज़ लेबनान, इज़राइल और गोलान हाइट्स में बसे हुए हैं. गोलान हाइट्स को इज़राइल ने 1967 के युद्ध में सीरिया से कब्ज़ा किया था और 1981 में आधिकारिक रूप से अपना हिस्सा घोषित कर दिया.
दक्षिणी शहर स्वैदा में स्थिति और बिगड़ी
इस हमले के बीच, सीरिया के दक्षिणी शहर स्वैदा में स्थिति और बिगड़ गई है, जहां मंगलवार को हुए संघर्षविराम के टूटने के बाद सीरियाई सेना और द्रूज़ लड़ाकों के बीच झड़पें फिर शुरू हो गईं.
स्थानीय द्रूज़ मिलिशिया पर संघर्षविराम तोड़ने का आरोप
सीरियाई रक्षा मंत्रालय ने स्थानीय द्रूज़ मिलिशिया पर संघर्षविराम तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि सेना अब 'नागरिकों की सुरक्षा और विस्थापितों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करते हुए' जवाबी कार्रवाई कर रही है.
यह ताजा हिंसा उस समय हुई है, जब दिसंबर में इस्लामी विद्रोही गुटों द्वारा राष्ट्रपति बशर अल-असद को अपदस्थ कर दिया गया था, जिससे सीरिया में 14 वर्षों से चल रही गृहयुद्ध समाप्त हुआ. हालांकि, सुन्नी बहुल नए शासन को अब देशभर में नियंत्रण स्थापित करने में दिक्कतें आ रही हैं.
द्रूज़ों ने नए नेतृत्व की दिशा को लेकर जताई चिंता
अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर द्रूज़ों ने नए नेतृत्व की दिशा को लेकर चिंता जताई है. मार्च में प्रो-असद और सरकार समर्थक गुटों के बीच भड़की सांप्रदायिक हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है. अब इज़राइल की सीधी सैन्य कार्रवाई से संकेत मिल रहे हैं कि वह सीरिया में द्रूज़ समुदाय के पक्ष में हस्तक्षेप बढ़ा सकता है, जिससे क्षेत्रीय तनाव और भी अधिक गहरा सकता है.