कितने खतरनाक होते हैं क्‍लस्‍टर बम? दुनिया भर में युद्ध अपराध माना जाता है इसका इस्‍तेमाल

ईरान ने इज़रायल के घनी आबादी वाले Or Yehuda क्षेत्र में क्लस्टर बम से हमला कर दुनिया को चौंका दिया. हवा में फटने वाले इन बमों से दर्जनों छोटे बम फैलते हैं, जिनमें कई सालों तक बिना फटे नागरिकों के लिए खतरा बने रहते हैं. 2008 में इन पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाया गया था, मगर ईरान और इज़रायल इस संधि में शामिल नहीं हैं.;

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Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 21 Jun 2025 12:51 PM IST

कल्पना कीजिए, आप अपने घर की छत पर बैठे हों और अचानक आकाश से बरसने लगे छोटे-छोटे बम, जो न सिर्फ तत्काल धमाका करें, बल्कि कुछ ऐसे भी हों जो जमीन पर गिरने के बाद चुपचाप पड़े रहें - हफ्तों, महीनों या सालों बाद फटने के लिए. यही है क्लस्टर बम की असली दहशत. ये बम हवा में फटकर दर्जनों सबम्यूनिशन चारों ओर फैला देते हैं, जो बिना भेदभाव के बच्चों, किसानों, स्कूलों और अस्पतालों को भी अपना निशाना बना सकते हैं. इनमें से कई बम फटते ही नहीं, और वर्षों तक निर्दोष नागरिकों के लिए मौत का जाल बने रहते हैं.

गुरुवार को ईरान ने इज़राइल के भीड़भाड़ वाले इलाके में ऐसे ही बमों का इस्तेमाल किया, जो न केवल अंतरराष्ट्रीय नियमों का खुला उल्लंघन है, बल्कि एक ऐसा कृत्य है जिसे दुनिया ‘युद्ध अपराध’ मानती है. ईरान ने इज़रायल के घनी आबादी वाले इलाके Or Yehuda पर क्लस्टर बम युक्त मिसाइल से हमला कर पूरी दुनिया को चौंका दिया. यह वही हथियार है जिसे 2008 के अंतरराष्ट्रीय संधि में ‘युद्ध अपराध’ की श्रेणी में रखा गया है, और 111 देश इसके खिलाफ हैं, लेकिन न ईरान और न ही इज़राइल इस संधि का हिस्सा हैं.

क्लस्टर बम होता क्या है?

Cluster Bomb (क्लस्टर बम) एक ऐसा विस्फोटक हथियार है जिसे हवाई मिसाइल या बम के रूप में छोड़ा जाता है और यह हवा में फटकर दर्जनों से सैकड़ों छोटे-छोटे बम (submunitions) चारों ओर फैला देता है. ये सबम्यूनिशन कई किलोमीटर तक फैलते हैं और एक बहुत बड़े क्षेत्र को प्रभावित करते हैं, दुश्मन के सैन्य के साथ आम नागरिकों को भी निशाना बनाते हैं. और सबसे ख़तरनाक बात - इनमें से कई बम तुरंत फटते नहीं और सालों बाद भी फट सकते हैं.

ईरान ने कैसे किया हमला?

इज़रायली सेना के मुताबिक, गुरुवार को ईरानी सेना ने एक क्लस्टर वॉरहेड युक्त मिसाइल दागी, जो हवा में 7 किलोमीटर की ऊंचाई पर फट गई और करीब 20 सबम्यूनिशन पूरे 8 किलोमीटर के क्षेत्र में फैल गए. इनमें से कुछ ने Azor और Or Yehuda जैसे रिहायशी इलाकों में घरों को क्षति पहुंचाई. हालांकि, किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन सेना ने चेतावनी दी है कि अस्फोटित बम अब भी वहां मौजूद हो सकते हैं, जो आम नागरिकों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं.

इन वजहों से लगाया गया था प्रतिबंध

  • विस्फोट न होना (Unexploded Ordnance)- बोनबलेट्स का एक बड़ा हिस्सा विनाशक रूप से सक्रिय नहीं होता, जिससे युद्ध के वर्षों बाद भी यह जमीन में घातक रह जाता है.
  • व्यापक प्रभाव - ये बम फुटबॉल मैदान जितनी चौड़ी जगह में फैलते हैं, जिससे लक्षित सैनिकों के साथ-साथ आम नागरिक भी प्रभावित होते हैं
  • लंबे समय तक रहता है खतरा - बिना फटे बम बच्चों और ग्रामीणों के लिए ऐसे खतरनाक साबित होते हैं जैसे जाल बिछे हों, जिससे रोजमर्रा के काम भी जोखिम भरे हो जाते हैं
  • अंतररष्‍ट्रीय प्रतिबंध - 120 से अधिक देश कन्वेंशन ऑफ क्लस्टर म्यूनिशन्स के तहत 2008 में इन हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाले पहले समझौते में शामिल हुए, जबकि अमेरिका, रूस, भारत और चीन शामिल नहीं हैं

युद्ध अपराध क्यों माना जाता है क्लस्टर बम?

  • सटीकता नहीं होती: ये हथियार सैनिक और नागरिक में भेद नहीं कर पाते
  • दीर्घकालिक खतरा: जो सबम्यूनिशन नहीं फटते, वे वर्षों तक खेतों, स्कूलों, बाजारों में पड़े रहते हैं - बच्चों और आम लोगों के लिए घातक बन जाते हैं
  • नैतिक और कानूनी प्रतिबंध: 2008 की Convention on Cluster Munitions के तहत इनका प्रयोग, भंडारण और निर्माण प्रतिबंधित है

अब तक कौन-कौन कर चुका है इसका इस्तेमाल?

  • रूस ने यूक्रेन पर कई बार क्लस्टर बम का प्रयोग किया
  • अमेरिका ने 2023 में यूक्रेन को ये बम दिए
  • ईरान ने अब इज़राइल पर इस्तेमाल किया है
  • इज़रायल और ईरान दोनों ने इस बैन संधि पर दस्तखत नहीं किए हैं

इज़राइल की प्रतिक्रिया

इज़रायली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा, "ईरान का यह हमला सीधे आम नागरिकों को निशाना बनाने वाला आतंक है. उन्होंने जानबूझकर बड़े पैमाने पर नुकसान करने वाले हथियारों का इस्तेमाल किया है." क्लस्टर बम का इस्तेमाल युद्ध को सिर्फ और सिर्फ विनाश की ओर ले जाता है. यह हमला दिखाता है कि ईरान-इज़राइल युद्ध अब नैतिक सीमाओं को लांघ चुका है. आने वाले दिनों में इस हथियार के इस्तेमाल से संघर्ष और भी गहराने की आशंका है.

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