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दुनिया के सभी बमों का बाप है अमेरिका का यह गुप्‍त हथियार, GBU-57 के सामने पाताल में भी बच नहीं सकता दुश्‍मन

GBU-57 Massive Ordnance Penetrator अमेरिका का सबसे खतरनाक गैर-परमाणु बम है, जो 30,000 पाउंड वजनी है और गहरे भूमिगत बंकरों को नष्ट करने में सक्षम है. इसे खासतौर पर दुश्मनों के जमीन के नीचे बने ठिकानों को निशाना बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. मौजूदा इज़रायल-ईरान संघर्ष में यह बम निर्णायक भूमिका निभा सकता है, लेकिन इसके इस्तेमाल से क्षेत्रीय युद्ध और भी गहरा सकता है.

दुनिया के सभी बमों का बाप है अमेरिका का यह गुप्‍त हथियार, GBU-57 के सामने पाताल में भी बच नहीं सकता दुश्‍मन
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प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 20 Jun 2025 11:47 AM

इज़राइल-ईरान युद्ध के बीच अब सबकी निगाहें अमेरिका के एक गुप्त और घातक हथियार GBU-57 Massive Ordnance Penetrator (MOP) पर टिक गई हैं. यह कोई साधारण बम नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बंकर बस्टर है, जिसे खास तौर पर भूमिगत परमाणु ठिकानों को नष्ट करने के लिए तैयार किया गया है. 30,000 पाउंड (करीब 13,600 किलो) वजनी यह बम 60 मीटर मोटे कंक्रीट और चट्टानों को चीरते हुए दुश्मन की सुरंगों और न्यूक्लियर फैसिलिटीज तक पहुंच सकता है. इसे केवल अमेरिकी वायुसेना के B-2 स्टील्थ बॉम्बर से ही गिराया जा सकता है.

मौजूदा हालात में ईरान का Fordo यूरेनियम प्लांट - जो पहाड़ के भीतर गहराई में बसा है - अब भी इज़रायली हमलों से सुरक्षित है, और यही वह ठिकाना है जिसे नष्ट करने के लिए GBU-57 जैसे हथियार की जरूरत मानी जा रही है. अगर अमेरिका यह बम इज़राइल को सौंपता है या खुद इस्तेमाल करता है, तो यह मध्य पूर्व के युद्ध में बड़ा मोड़ ला सकता है.

ईरान में क्या हो रहा है?

पिछले कुछ दिनों में इज़राइली वायुसेना ने ईरान के 120 से अधिक मिसाइल लॉन्चर, दो F-14 फाइटर जेट और कई सैन्य ठिकानों को नष्ट कर दिया है. इसके साथ ही, राजधानी तेहरान से 3.3 लाख नागरिकों को हटाने का आदेश दिया गया है, जिसे जानकार बड़े हवाई हमलों की तैयारी के रूप में देख रहे हैं. इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया है कि इन हमलों ने ईरान की न्यूक्लियर क्षमताओं को 'बहुत, बहुत पीछे धकेल दिया है'. लेकिन एक बड़ा लक्ष्य अब भी इज़राइल की पकड़ से बाहर है - Fordo यूरेनियम संवर्धन केंद्र.

क्यों Fordo है सबसे मुश्किल निशाना?

Fordo को Qom के पास पहाड़ियों के भीतर 90 मीटर गहराई में बसाया गया है. इसकी कंक्रीट और ग्रेनाइट परतों को पार करना सामान्य बमों या मिसाइलों के बस की बात नहीं. यही वजह है कि इसे नष्ट करने के लिए GBU-57 जैसी "Earth-Penetrating Bomb" की जरूरत है, जो सिर्फ अमेरिका के पास है.

GBU-57: अमेरिका का ‘Zameen Phod’ बम

वजन

30,000 पाउंड (13,600 किलो)

लंबाई

6.2 मीटर

विस्फोटक क्षमता

2,500 किलो

कितनी गहराई तक भेद सकता है

60 मीटर कंक्रीट/पत्थर के नीचे

कैसे गिरता है?

सिर्फ B-2 Spirit स्टील्थ बॉम्बर से ही छोड़ा जा सकता है

निर्माता

बोइंग (Boeing)

इस बम को खासतौर पर गहराई में बने परमाणु ठिकानों और सुरंगों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है.

तकनीकी क्षमता (Operational Capability)

  • यह बम खासतौर पर गहरे भूमिगत सैन्य या परमाणु ठिकानों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है
  • इसकी लंबी, मजबूत धातु की संरचना इसे भारी-भरकम कंक्रीट और चट्टान को चीरने में सक्षम बनाती है
  • GBU-57 एक ‘काइनेटिक पेनिट्रेशन’ तकनीक पर काम करता है - यानी विस्फोट से पहले यह लक्ष्य में गहराई तक घुसकर असर करता है
  • इसे GPS से गाइड किया जाता है, जिससे यह बिल्कुल सटीकता से लक्ष्य को भेद सकता है

कब बना और किसने बनाया?

  • विकास की शुरुआत: 2004 में
  • पहली परीक्षण उड़ान: 2007
  • सेवा में शामिल (Operational Use): 2011

इसे बोइंग ने U.S. Defense Threat Reduction Agency और U.S. Air Force के साथ मिलकर विकसित किया गया था, विशेष तौर पर ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों के खिलाफ संभावित उपयोग के लिए.

GBU-57 कैसे काम करता है?

  1. इसे विशेष रूप से B-2 Spirit Stealth Bomber से छोड़ा जाता है क्योंकि यह बेहद भारी (करीब 14 टन) है. गिराने से पहले टारगेट की सटीक GPS लोकेशन फीड की जाती है.
  2. GBU-57 में बेहद सटीक GPS और इनर्शियल गाइडेंस सिस्टम होता है, जो इसे सीधे लक्ष्य की ओर ले जाता है.
  3. इसका नाक (nose) हिस्सा अत्यंत मजबूत स्टील से बना होता है ताकि यह 60 मीटर तक ज़मीन या कंक्रीट में घुस सके. यह पहले जमीन/बंकर में घुसता है, फिर अंदर जाकर विस्फोट करता है ताकि अंदर छिपे दुश्मन के हथियार, परमाणु संयंत्र या सैन्य ठिकाने ध्वस्त हो जाएं.
  4. इसमें एक 'फ्यूज सिस्टम' होता है जो यह तय करता है कि विस्फोट कहां और कब हो. ज़मीन की सतह पर नहीं, बल्कि भीतर जाकर, लक्षित गहराई पर विस्फोट होता है.
डिफेंस न्‍यूज
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