'भारत ने तीसरे पक्ष की भूमिका ठुकराई', पाक के कबूलनामे से खुली ट्रंप की पोल, इशाक डार ने क्या- क्या बताया?
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने स्वीकार किया कि भारत ने कभी भी पाकिस्तान के साथ उठने वाले मुद्दों पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को मंजूरी नहीं दी. यह ट्रंप के दावे की पोल खोलता है कि उन्हें कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए कहा गया था. डार ने कहा कि भारत लगातार कहता रहा कि यह द्विपक्षीय मामला है. उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका ने सीजफायर का प्रस्ताव दिया था, लेकिन भारत ने इसे ठुकरा दिया, जबकि पाकिस्तान अभी भी वार्ता के लिए तैयार है.;
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत ने कभी भी पाकिस्तान के साथ उठने वाले मुद्दों पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को मंजूरी नहीं दी. यह कबूलनामा पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को चुनौती देता है कि उन्हें कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए कहा गया था. डार ने कहा कि जब इस्लामाबाद ने ट्रंप के मध्यस्थता दावे को अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो के सामने रखा, तो अमेरिका ने स्पष्ट किया कि भारत हमेशा यह कहता रहा कि पाकिस्तान के साथ सभी मसले “सख्ती से द्विपक्षीय” हैं.
डार ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के खिलाफ नहीं है, लेकिन भारत की तरफ से स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह मामला केवल द्विपक्षीय बातचीत का विषय है. उन्होंने यह भी कहा कि संवाद में आतंकवाद, व्यापार, अर्थव्यवस्था, जम्मू-कश्मीर समेत सभी मुद्दों को शामिल किया जाना चाहिए.
ट्रंप के दावे पर पाक की प्रतिक्रिया
इशाक डार ने बताया कि पाकिस्तान ने ट्रंप के मध्यस्थता दावे पर अमेरिका के सामने चर्चा की थी. उन्होंने कहा, “हम तीसरे पक्ष के शामिल होने से आपत्ति नहीं करते, लेकिन भारत लगातार कह रहा है कि यह द्विपक्षीय मामला है. हम द्विपक्षीय वार्ता के पक्षधर हैं, लेकिन संवाद व्यापक होना चाहिए – आतंकवाद, व्यापार, अर्थव्यवस्था, जम्मू-कश्मीर सहित सभी विषयों पर.”
भारत ने सीजफायर प्रस्ताव को ठुकराया
डार ने आगे कहा कि मई में अमेरिका ने पाकिस्तान को सीजफायर का प्रस्ताव दिया था, जिसमें भारत-पाकिस्तान की बातचीत के लिए तटस्थ स्थल तय करने की बात कही गई थी. लेकिन 25 जुलाई को रुबियो के साथ बैठक में उन्हें बताया गया कि भारत ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया.
पाकिस्तान की शांति की पहल
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा, “भारत कहता है कि यह द्विपक्षीय मुद्दा है. हम किसी से भीख नहीं मांग रहे. हम शांति प्रिय देश हैं और मानते हैं कि संवाद ही आगे बढ़ने का रास्ता है; लेकिन इसके लिए दोनों पक्षों का सहयोग जरूरी है.” उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान अभी भी वार्ता के लिए तैयार है, यदि भारत सकारात्मक प्रतिक्रिया देता है.