भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानें फिर शुरू, 5 साल बाद इस दिन से खुल जाएगा हवाई रास्ता, जानें MEA के बयान में क्या

भारत और चीन के रिश्तों में एक बड़ी प्रगति सामने आई है. दोनों देशों के बीच सीधी यात्री उड़ानें अक्टूबर 2025 के अंत तक शुरू होने जा रही हैं. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इसकी आधिकारिक पुष्टि की. कोविड-19 महामारी और सीमा तनाव के बाद यह फैसला दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.;

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By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 2 Oct 2025 8:08 PM IST

भारत और चीन के रिश्तों में एक बड़ी प्रगति सामने आई है. दोनों देशों के बीच सीधी यात्री उड़ानें अक्टूबर 2025 के अंत तक शुरू होने जा रही हैं. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इसकी आधिकारिक पुष्टि की. कोविड-19 महामारी और सीमा तनाव के बाद यह फैसला दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.

विदेश मंत्रालय (MEA) की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस साल की शुरुआत से ही दोनों देशों के बीच तकनीकी स्तर पर चर्चाएं चल रही थीं. अब सहमति बनी है कि भारत और चीन के निर्धारित बिंदुओं को जोड़ने वाली सीधी हवाई सेवाएं अक्टूबर 2025 के अंत तक शुरू की जा सकेंगी. यह फैसला सर्दियों के शेड्यूल को ध्यान में रखते हुए लिया गया है और इसका क्रियान्वयन दोनों देशों की एयरलाइंस के व्यावसायिक निर्णय और सभी परिचालन मानकों की पूर्ति पर निर्भर करेगा.

तकनीकी स्तर पर चल रही थीं बातचीत

MEA के बयान में कहा गया कि "इन चर्चाओं के बाद अब यह सहमति बनी है कि भारत और चीन के निर्धारित बिंदुओं को जोड़ने वाली सीधी हवाई सेवाएं अक्टूबर 2025 के अंत तक, सर्दियों के शेड्यूल के अनुरूप, फिर से शुरू की जा सकती हैं. हालांकि, यह दोनों देशों की नामित एयरलाइंस के व्यावसायिक निर्णय और सभी परिचालन मानकों की पूर्ति पर निर्भर करेगा. यानी, लंबे समय से चल रही चर्चाओं के बाद अब औपचारिक सहमति बन चुकी है.

द्विपक्षीय रिश्तों में सामान्यीकरण की ओर कदम

विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह समझौता दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों के बीच संपर्क (people-to-people contact) बढ़ाने में मदद करेगा. MEA ने कहा कि 'नागरिक उड्डयन प्राधिकरणों का यह समझौता भारत और चीन के बीच लोगों के आपसी संपर्क को और अधिक सुगम बनाएगा, जिससे द्विपक्षीय आदान-प्रदान के धीरे-धीरे सामान्यीकरण में मदद मिलेगी.'

द्विपक्षीय संबंधों पर सकारात्मक असर

विशेषज्ञ मानते हैं कि सीधी उड़ानों की बहाली से न केवल कारोबारियों और छात्रों को फायदा होगा, बल्कि दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और रिश्तों को सामान्य करने की प्रक्रिया भी तेज होगी. यह कदम लंबे समय से रुकी यात्राओं और संपर्कों को फिर से गति देने वाला साबित हो सकता है.

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