मैं मर चुकी थी, पर मैंने भगवान को देखा, 6 मिनट तक क्लिनिकली डेड हुई न्यूरोसाइंटिस्ट ने बताई नए जीवन की कहानी

डॉ. अन्ना स्टोन, एक न्यूरोसाइंटिस्ट, छह मिनट के लिए क्लिनिकली मृत रहीं, जिसके दौरान उन्हें आत्मा से बाहर निकलने का अनुभव हुआ. इस दौरान उन्होंने अपने बच्चों को दूर से देखा, एक दिव्य लोक का दर्शन किया और ईश्वर की उपस्थिति का अनुभव किया. इस अनुभव ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया. अब वे दूसरों की सेवा में लगी हैं और आध्यात्मिक सत्य की प्रचारक बन गई हैं.;

( Image Source:  dr anna stone )
Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 6 April 2025 8:24 AM IST

एक समय की बात है, डॉ. अन्ना स्टोन नाम की एक न्यूरोसाइंटिस्ट, जो खुद को 'नाकाम' मानती थीं, अपनी जिंदगी के सबसे भयानक और सबसे चमत्कारी अनुभव से गुज़रीं. साल 2016 में, जब वह 38 वर्ष की थीं और दो बच्चों की मां थीं, उन्हें अचानक एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी हुई, जिसके चलते वह छह मिनट के लिए क्लिनिकली मृत घोषित की गईं. लेकिन उन्हीं छह मिनटों में ऐसा कुछ घटा, जिसने उनकी पूरी जिंदगी की दिशा ही बदल दी.

डॉ. स्टोन ने बताया कि वह अपने शरीर से बाहर निकल गई थीं और ऊपर से खुद को अस्पताल के बेड पर मृत पड़ा देख रही थीं. उन्होंने देखा कि डॉक्टर उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे थे, फिर हार मानकर उन्हें 'एक पूर्व नशेड़ी' कहकर छोड़ देने की बात कर रहे थे. लेकिन उसी समय, जब उन्होंने अपने बच्चों के बारे में सोचा, तो वह अचानक 210 मील दूर अपनी बड़ी बेटी की क्लासरूम में पहुंच गईं और उसे परीक्षा देते हुए देखा.

बेटी को खेलते हुए देखा

इसके बाद उन्होंने अपनी छोटी बेटी को अस्पताल की वेटिंग एरिया में देखा, जो लेगो ब्लॉक्स से खेल रही थी. इस दौरान उन्हें ऐसा एहसास हुआ, जैसे उनका शरीर अब मौजूद ही नहीं था- वह एक ऊर्जा में परिवर्तित हो गई थीं, जो पूरे ब्रह्मांड में फैली हुई थी। उन्होंने एक सफेद, तेज रोशनी से भरे लोक का दर्शन किया, जहां उन्हें अपने ही एक सुंदर, शांत और युवा रूप से सामना हुआ. वहीं उन्हें अहसास हुआ कि ईश्वर और परलोक वास्तव में हैं, और समय रेखीय नहीं बल्कि एक साथ घटित हो रहा है.

नाभी से वापस आई

जैसे ही उन्होंने वापसी का फैसला किया, उन्होंने देखा कि एक सुरंग के ज़रिए वह अपने शरीर में लौट रही हैं और जैसे ही वह अपने नाभि से शरीर में वापस आईं, उन्हें बेहद दर्द हुआ. होश में आने के बाद उन्होंने डॉक्टर से वही बात दोहराई जो उन्होंने मरते समय सुनी थी और डॉक्टर ने स्वीकार किया कि उन्होंने वाकई ऐसा कहा था. बाद में जब उन्होंने अपनी बेटी से बात की, तो उसकी पोशाक वही थी जो उन्होंने उस अनुभव में देखी थी.

बदल गई जिंदगी

इस घटना के बाद, अन्ना स्टोन पूरी तरह बदल गईं. उन्होंने शराब और नशे से तौबा की, पढ़ाई पूरी की, पीएचडी की डिग्री हासिल की और अब एक पॉडकास्ट करती हैं. आज वह दूसरों की मदद करती हैं, खासकर उनके जैसी ट्रॉमा झेल चुके लोगों की. अब उन्हें दवाओं की ज़रूरत नहीं होती और न ही उन्हें पहले जैसी मानसिक समस्याएं होती हैं. उनके अनुसार, जिंदगी का असली मकसद अच्छा इंसान बनना, दूसरों की सेवा करना और यह समझना है कि विज्ञान से परे भी एक अदृश्य सत्य मौजूद है ईश्वर और आत्मा का.

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