जिंदा है या मारा गया हमास चीफ मोहम्मद सिनवार? नेतन्याहू ने 'सटीक वार' का किया दावा

इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने दावा किया कि हमास के टॉप कमांडर मोहम्मद सिनवार मारे जा चुके हैं. इस बीच ऑपरेशन गिदोन चैरिएट्स से गाजा में सैन्य नियंत्रण तेज हुआ है. मानवीय संकट गहराया है और संयुक्त राष्ट्र ने मदद रुकने पर चिंता जताई है. नेतन्याहू ने अस्थायी युद्धविराम की पेशकश की है ताकि बंधकों की वापसी संभव हो सके.;

Curated By :  नवनीत कुमार
Updated On : 22 May 2025 10:19 AM IST

इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को संकेत दिया कि गाजा में एक हवाई हमले में हमास नेता मोहम्मद सिनवार "संभवतः" मारे जा चुके हैं. सिनवार हमास की सैन्य शाखा का प्रमुख चेहरा माने जाते थे. हालांकि, उनकी मौत को लेकर अब तक न तो इज़राइल और न ही हमास की ओर से आधिकारिक पुष्टि की गई है. वे इस महीने गाजा के एक अस्पताल में भर्ती थे, जिससे उनके स्वास्थ्य को लेकर पहले से अटकलें लगाई जा रही थीं.

मोहम्मद सिनवार के बड़े भाई याह्या सिनवार को 7 अक्टूबर 2023 के हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था, जिन्हें पिछले साल इज़राइली ऑपरेशन में मार गिराया गया था. मोहम्मद की संभावित मौत को उसी अभियान का अगला चरण माना जा रहा है. लेकिन इस रणनीति से इज़रायल की "टार्गेटेड किलिंग" नीति पर सवाल उठने लगे हैं. क्या यह स्थायी समाधान है या और हिंसा को जन्म देगा?

अस्थायी युद्धविराम की पेशकश

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इज़राइल एक अस्थायी युद्धविराम के लिए तैयार है, बशर्ते इससे बंधकों की वापसी संभव हो. उन्होंने यह भी पुष्टि की कि करीब 20 इजरायली बंधक अब भी "निश्चित रूप से जीवित" हैं. यह बयान संकेत देता है कि इज़राइली प्रशासन अब कूटनीतिक रास्ते को भी अपनाने के लिए तैयार हो रहा है.

कौन है हमास चीफ मोहम्मद सिनवार?

मोहम्मद सिनवार हमास की सैन्य शाखा इज्ज़ अल-दीन अल-क़सम ब्रिगेड का एक शीर्ष कमांडर था, जिसे गुप्त अभियानों और सुरंग युद्ध रणनीति में माहिर माना जाता था. उसका जन्म गाजा के खान यूनिस में हुआ था और वह 1990 के दशक की शुरुआत में हमास से जुड़ा. 2006 में इजराइली सैनिक गिलाद शालित के अपहरण में उसकी भूमिका के बाद वह हमास के भीतर और अधिक प्रभावशाली हो गया. याह्या सिनवार के मारे जाने के बाद उसने हमास की सैन्य कमान संभाली और हाल ही में एक इजरायली हवाई हमले में उसकी मौत की आशंका जताई गई है.

गाजा पर पूर्ण नियंत्रण की योजना

इज़राइली सेना ने अपने नवीनतम सैन्य अभियान को “ऑपरेशन गिदोन चैरिएट्स” नाम दिया है, जिसका उद्देश्य गाजा के प्रमुख क्षेत्रों पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करना है. नेतन्याहू का दावा है कि अभियान की समाप्ति तक गाजा से हमास का प्रभुत्व समाप्त कर दिया जाएगा. परंतु यह योजना मानवीय संकट को और गहरा कर सकती है, खासकर तब जब सीमाओं पर कड़ी नाकेबंदी लागू है.

गाजा में मानवीय संकट गंभीर

संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता स्टेफन दुजारिक ने खुलासा किया कि गाजा में सीमित आपूर्ति बहाल होने के बावजूद कोई मानवीय सहायता वितरित नहीं हो सकी है. लूटपाट और सुरक्षा खतरों की वजह से करम अबू सलेम सीमा से आपूर्ति बाहर नहीं जा पा रही. इज़रायली सेना केवल उन्हीं इलाकों में राहत पहुंचने दे रही है जिन्हें वे "असुरक्षित" मानते हैं, जिससे मानवीय संगठनों के काम पर गहरा असर पड़ा है.

सहयोगी देशों से बढ़ रहा तनाव

11 सप्ताह की मदद रोकने और गाजा पर सख्त सैन्य नीति के कारण इज़रायल के अपने पारंपरिक सहयोगियों के साथ भी रिश्तों में तनाव बढ़ रहा है. अमेरिका और यूरोपीय देशों ने अब तक इज़रायल की रणनीति पर सवाल नहीं उठाया था, लेकिन हालिया घटनाओं के बाद ये समर्थन डगमगाता दिखाई दे रहा है. अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी अब इज़रायल से अपेक्षा कर रही है कि वह टकराव के बजाय समाधान की ओर बढ़े.

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