लाखों का जुर्माना, अब पासपोर्ट रद्द की नौबत! काठमांडू हिंसा को लेकर पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह पर क्यों लिया गया एक्शन?

Former Nepal King Gyanendra Shah: नेपाल में राजशाही शासन और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है, जिससे राज्यों को काफी नुकसान हुआ है. यह सब पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के कहने पर हो रहा है. अब नेपाल सकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है. सरकार ने उन पर लाखों का जुर्माना लगाया है और पासपोर्ट रद्द करने का विचार कर रही है.;

( Image Source:  @DeshGujarat )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 30 March 2025 2:00 PM IST

Former Nepal King Gyanendra Shah: नेपाल में पिछले कुछ दिनों से राजशाही शासन की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है. राजधानी काठमांडू से आगजनी और वाहनों में तोड़फोड़ के बहुत से वीडियो सामने आए हैं. इस विवाद का मास्टरमाइंड नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को माना जा रहा है. अब नेपाल सरकार ने कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ एक्शन लिया है.

नेपाल सरकार ने ज्ञानेंद्र शाह पर कार्रवाई करते हुए उनकी सुरक्षा में कटौती की है. शाह के करीबियों पर भी एक्शन लिया गया है. ये सभी देश में राजशाही की वापसी की मांग को लेकर हंगामा कर रहे हैं. अब सरकार शाह का पासपोर्ट भी रद्द करने का प्लान बना रही है.

ज्ञानेंद्र शाह पर एक्शन

काठमांडू मेट्रोपॉटियन सिटी ने पूर्व राजा ने ज्ञानेंद्र शाह के घर पर एक पत्र भेजा है, जिसमें 7,93,000 नेपाली रुपये का जुर्माना लगाने की जानकारी दी गई है. यह जुर्माना सड़कों और फुटपाथों पर कचरे के अनुचित निपटान, साथ प्राकृतिक को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाया गया है. सरकार उनका पासपोर्ट भी रद्द कर सकती है.

केएमसी ने कहा, पूर्व सम्राट के कहने पर आयोजित विरोध-प्रदर्शन से सरकारी संपत्तियों को नुकसान हुआ है. इसने काठमांडू के पर्यावरण को प्रभावित किया. इस प्रोटेस्ट दुर्गा प्रसाद ने एक दिन पहले शाह से मिलने के बाद शुरू किया था. उन्होंने ही राजशाही और हिंदू राज्य की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया और काफी हुड़दंग मचाया हुआ है.

राज्य में हो रही शाह की आलोचना

गृह मंत्री रमेश लेखक ने तिनकुने इलाके का दौरा किया, जहां प्रदर्शनकारियों ने पिछले दिन करीब एक दर्जन घरों और करीब एक दर्जन वाहनों में आग लगा दी थी. उन्होंने तोड़फोड़ के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की कसम खाई. नेपाली कांग्रेस की एक बैठक में कहा गया कि तिनकुने क्षेत्र में जो कुछ हुआ, उसकी जिम्मेदारी ज्ञानेंद्र शाह को लेनी चाहिए.

क्या है मांग?

फरवरी में नेपाल ने अपना लोकतंत्र दिवस मनाया. इसके बाद से राज्य में राजशाही समर्थक सक्रिय हो गए है. हाल ही में ज्ञानेंद्र शाह ने कहा था, समय आ गया है कि हम देश की रक्षा करने और राष्ट्रीय एकता लाने की जिम्मेदारी लें. उन्होंने काठमांडू और देश के अन्य हिस्सों में रैलियां आयोजित कीं, जिसमें 2008 में समाप्त की गई 240 साल पुरानी राजशाही को फिर से बहाल करने की मांग की गई. समर्थकों ने संयुक्त जन आंदोलन समिति का गठन किया और घोषणा किया कि अगर सरकार हमसे समझौता नहीं करती, तो वे उग्र प्रदर्शन करेंगे. समिति ने 1991 के संविधान को बहाल करने की मांग करता है.

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