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हिंदू राष्ट्र की मांग, राजशाही नेता समेत 100 गिरफ्तार, काठमांडू में कर्फ्यू हटा... राजतंत्र की मांग में कितना जला नेपाल?
Nepal Protest: अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को 2 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 112 लोग घायल हो गए, जिनमें 77 सुरक्षा अधिकारी शामिल हैं. राजशाही समर्थक 100 से अधिक प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किया गया है.

Nepal Protest
Nepal Protest: नेपाल में शुक्रवार को हुए भारी प्रदर्शन के दौरान कई जगहों पर आगजनी देखने को मिली, जिसमें 5,000 से अधिक राजशाही समर्थक सड़क पर उतर आए थे और भारी प्रदर्शन किया. जिसके बाद सरकार ने काठमांडू में कई जगहों पर कर्फ्यू लगा दिया था.
नेपाल में राजतंत्र की मांग को लेकर हुए प्रोटेस्ट से 10 UPDATE-
- नेपाल में राजशाही की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों की शुक्रवार को राजधानी काठमांडू में पुलिस के साथ झड़प में 2 लोग मारे गए और 112 लोग घायल हो गए.
- हिंसक प्रदर्शन में राजशाही समर्थकों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए और अधिकारियों पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया.
- राजशाही समर्थकों के उपद्रव के जवाब में पुलिस ने भीड़ पर आंसू गैस के गोले दागे और हवा में रबर की गोलियां और जिंदा कारतूस दागे.
- राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों ने घरों और दुकानों में तोड़फोड़ शुरू कर दी और बिल्डिंग्स में आग लगा दी. कई राजनीतिक दलों के मुख्यालयों में भी तोड़फोड़ की गई.
- नेपाल में हो रहे इस विरोध प्रदर्शन के बाद राजशाही नेता समेत 105 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार लोगों में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के महासचिव धवल शमशेर राणा और पार्टी के केंद्रीय सदस्य रवींद्र मिश्रा भी शामिल थे.
- सरकार ने काठमांडू के इलाकों में कर्फ्यू घोषित कर दिया था, लेकिन अब स्थिति सामान्य होने के बाद कई इलाकों से इसे हटा लिया गया है.
- पुलिस के अनुसार शुक्रवार की घटना में 53 पुलिसकर्मी, 22 सशस्त्र पुलिस बल के जवान और 35 प्रदर्शनकारी घायल हुए.
- अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने घरों, दुकानों, एक अस्पताल, एक राजनीतिक पार्टी कार्यालय, वाहनों और एक शॉपिंग मॉल में तोड़फोड़ की तथा पुलिस से हथियार छीन लिए.
- नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने कहा, 'नेपाली लोग अतीत की ओर नहीं लौटेंगे. यह स्पष्ट हो गया है कि इसके पीछे पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह (नेपाल के अंतिम शासक) का हाथ है. सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए जांच की जानी चाहिए, और ज्ञानेंद्र शाह को बख्शा नहीं जा सकता है.'
- नेपाल में साल 2008 में एक विशेष रूप से निर्वाचित विधानसभा ने एक समझौते के तहत 239 वर्ष पुरानी राजशाही को समाप्त कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप माओवादी विद्रोह समाप्त हो गया था, जिसने 1996-2006 में 17,000 लोगों की जान ले ली थी, तथा नेपाल को एक हिंदू राज्य से एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय गणराज्य में बदल दिया था.