यूरोप में एक ही स्पर्म डोनर से पैदा हुए 67 बच्चों में मिला खतरनाक TP53 जीन, 10 बच्चों को हुआ कैंसर
Europe News: यूरोप में एक आदमी ने 67 स्पर्न को डोनेट किया था. अब उसके स्पर्म से पैदा हुए 10 बच्चे कैंसर का शिकार हो गए हैं. यह मामला तब सामने आया जब दो परिवारों ने अपने बच्चों में कैंसर के लक्षण पाए और जांच के बाद यूरोपीय शुक्राणु बैंक ने पुष्टि की कि डोनर के स्पर्म में यह हानिकारक बदलाव मौजूद था.;
Europe News: यूरोप से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पर एक स्पर्म डोनर के स्पर्म से 67 बच्चों को गर्भ धारण करने के लिए इस्तेमाल किया गया. अब मेडिकल जांच में खुलासा हुआ कि इससे पैदा हुए 10 बच्चे कैंसर का शिकार हो गए हैं. इस खबर ने सभी को हैरान कर दिया है और बाकी माता-पिता डरे हुए हैं.
जानकारी के अनुसार, कैंसर से पीड़ित इन बच्चों का जन्म 2008 से 2015 के बीच 8 यूरोपीय देशों में हुआ था. इन बच्चों में से 23 में TP53 जीन में बदलाव देखने को मिला, जो कैंसर के खतरे से जुड़ा हुआ है. इस वजह से बच्चों में ल्यूकेमिया और नॉन-हॉजकिन लिंफोमा जैसे कैंसर विकसित हुए हैं.
कैसे पता चला बच्चों में कैंसर?
यह मामला तब सामने आया जब दो परिवारों ने अपने बच्चों में कैंसर के लक्षण पाए और जांच के बाद यूरोपीय शुक्राणु बैंक ने पुष्टि की कि डोनर के स्पर्म में यह हानिकारक बदलाव मौजूद था. स्पर्म डोनेट के समय इसके बारे में पता नहीं चल पाया था और मेडिकल टेस्ट में भी कैंसर से जुड़े कोई लक्षण को पहचाना नहीं जा सकता था.
हेल्थ एक्सपर्ट ने दी सलाह
इस मामले पर हेल्थ एक्सपर्ट का कहा है कि TP53 परिवर्तन वाले बच्चों को डॉक्टर की निगरानी में रखने की आवश्यकता है, जिसमें पूरे-शरीर MRI, मस्तिष्क और स्तन स्कैन, और पेट के अल्ट्रासाउंड शामिल हैं, ताकि कैंसर का शीघ्र पता चल सके. इसके अलावा कई मेडिकल टेस्ट किए जाएंगे.
इस घटना ने यूरोप में स्पर्म डोनर के लिए जन्मों की संख्या पर सीमा निर्धारित करने की आवश्यकता को उजागर किया है, क्योंकि वर्तमान में इस पर कोई अंतरराष्ट्रीय पैमाना नहीं है. विशेषज्ञों का कहना है कि डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया को और सख्त किया जाना चाहिए और डोनर के लिए पारदर्शिता बढ़ाई जानी चाहिए.
यूरोपीय स्पर्म बैंक का बयान
इस मामले पर यूरोपीय स्पर्म बैंक की प्रवक्ता जूली पाउली बुड्ज़ ने संगठन की ओर से एक बयान जारी किया है. बुड्ज़ ने कहा, हम इस मामले से प्रभावित हैं. डोनर का अच्छी तरह से सारे टेस्ट किए गए थे. उन्होंने बताया कि अगर आप नहीं जानते कि आप क्या खोज रहे हैं, तो किसी व्यक्ति के जीन पूल में रोग पैदा करने वाले बदलाव का पता लगाना वैज्ञानिक रूप से संभव नहीं है.
क्या है TP53 जीन?
ट्यूमर सप्रेसर जीन: TP53 जीन को आमतौर पर "guardian of the genome" कहा जाता है क्योंकि यह कोशिकाओं में डीएनए क्षति का पता लगाकर ट्यूमर बनने से रोकता है.
p53 प्रोटीन का निर्माण: यह जीन p53 नामक प्रोटीन बनाता है, जो कोशिका विभाजन को नियंत्रित करता है और क्षतिग्रस्त डीएनए वाली कोशिकाओं को मरने (apoptosis) के लिए प्रेरित करता है.
म्यूटेशन से कैंसर का खतरा: TP53 जीन में उत्परिवर्तन (mutation) होने पर p53 प्रोटीन सही से काम नहीं करता, जिससे कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
लि-फ्राउमेनी सिंड्रोम: TP53 जीन में जन्मजात म्यूटेशन वाले लोगों में Li-Fraumeni Syndrome नामक दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी होती है, जिससे जीवनभर विभिन्न प्रकार के कैंसर (जैसे ल्यूकेमिया, ब्रेन ट्यूमर, ब्रेस्ट कैंसर आदि) का उच्च जोखिम रहता है.