ब्रिटेन में कम सैलरी वालों की एंट्री बंद, Skilled Workers पर शिकंजा, नए वीजा नियम भारतीयों के लिए बड़ा झटका

ब्रिटेन की सरकार ने अपने कुशल कामगार (Skilled Worker) वीजा नियमों में भारी बदलाव कर दिया है. अब कम सैलरी या औसत कुशल नौकरियों के लिए विदेशी श्रमिकों की एंट्री पर पाबंदी लगाई गई है. भारतीयों सहित सभी देशों से आने वालों को उच्च वेतन, ग्रेजुएट-स्तरीय कौशल और नई कौशल मानदंडों को पूरा करना होगा. ये बदलाव 22 जुलाई 2025 से लागू हो गए हैं.;

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ब्रिटिश सरकार द्वारा वेतनमान में बढ़ोतरी और नए वीजा रूल्स लागू करने की वजह से अब कम सैलरी पर काम करने वालों के लिए यूके में नौकरी पाने और वहां जाने का रास्ता बंद हो गया है. ब्रिटेन अब सिर्फ ‘उच्च वेतन और उच्च कौशल’ वाले विदेशी कामगारों अपने यहां काम का मौका देगा. कम सैलरी वालों की एंट्री पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं. यदि आपने हाल ही में ब्रिटेन जाने या कुशल कामगार (Skilled Worker) के वीजा नियमों के बारे में सुना है, तो जान लीजिए कि सरकार ने नए नियम लागू कर दिए हैं. ये नियम बड़े बदलाव लेकर आए हैं, जो भारतीय टेक, इंजीनियरिंग, हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में काम करने वालों को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में जानें कि ब्रिटेन में वीजा के नए नियम क्या हैं?

1. कंपनियों का लाइसेंस रद्द करना

साल 2024-25 के दौरान लगभग 1,948 कंपनियों के sponsor licence रद्द कर दिए गए हैं. यानी ये कंपनियां अब विदेशी कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए वीजा स्पॉन्सर नहीं कर सकतीं.

2. न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी

स्किल्ड वर्क वीजा के लिए जो न्यूनतम वेतन दिया जाता है, उसे ब्रिटेन की सरकार ने बढ़ा दिया है. यदि आप “Skilled Worker” वीजा के तहत जाना चाहते हैं, तो अब आपको उस पेशे के लिए नया न्यूनतम वेतन पूरा करना होगा, जो ऊंचा हो गया है. उदाहरण के लिए अगर UK सरकार ने न्यूनतम वेतन सीमा लगभग £26,200 से बढ़ाकर £38,700 कर दिया है. सीधा मतलब है कि जो नौकरियां पहले इस सीमा के नीचे थीं, उनके लिए आपको ज्यादा सैलरी देने वाली नौकरी और कंपनियों की जरूरत पड़ेगी.

3. Care Sector की नई शर्तें

सोशल केयर (elderly या disabled care) क्षेत्र में काम करने वालों के लिए नए नियम बनाए गए हैं. अब किसी कंपनी को विदेश से कर्मचारी लाने से पहले यह दिखाना होगा कि UK के स्थानीय लोगों से नियुक्ति का प्रयास किया गया था.

2. कम वेतन वाले अवसर कम होंगे

यदि कोई नौकरी पहले से कम वेतन पर स्वीकार की जाती थी, जैसे कि care, hospitality, retail आदि क्षेत्रों में, तो नए नियमों से उन नौकरियों में विदेश से आने वालों के लिए बाधाएं बढ़ेगी, क्योंकि employee को ज्यादा वेतन देना होगा.ऐसा न करने पर वीजा नहीं मिलेगा.

3. Visa खर्च में बढ़ोतरी

ज्यादा वेतन की मांग के साथ-साथ वीजा फीस, sponsorship charges आदि खर्चे भी नए नियमों की वजह से बढ़ सकते हैं.

4. नौकरी चुनने में ज्यादा सावधानी

भारत से जाने वाला व्यक्ति अब कहेगा कि क्या मेरी स्किल और experience इस न्यूनतम वेतन मांग को पूरा करते हैं? और यदि नहीं तो नौकरी के ऑफर मिलना मुश्किल होगा. इसलिए, वेतन बढ़ाने वाले या अधिक स्किल वाले कामों की तरफ अब युवाओं का रुझान बढ़ेगा. उन लोगों को फायदा हो सकता है जो पहले से हाई क्वालिफाइड और ज्यादा सैलरी वाले हैं. यदि आप पहले से ही ऐसा काम कर रहे हैं जिसमें वेतन पर्याप्त है या आपकी स्किल set खास है (engineering, IT, health care आदि) तो हो सकता है कि आपके लिए अवसर बेहतर हों क्योंकि UK कंपनियां ऐसे लोग लेना के काम को प्राथमिकता देंगी.

 

6. भारतीय रुपये में कुशल कामगार संशोधित नए और पुराने वेतन

1. पुराना न्यूनतम वेतन (£26,200 × ₹105 ≈ ₹27.5 लाख प्रति वर्ष यानी करीब ₹2.3 लाख प्रति माह)

2. नया न्यूनतम वेतन ( £38,700 × ₹105 ≈ ₹40.6 लाख प्रति वर्ष. यानी करीब ₹3.38 लाख प्रति माह)

7. नए नियमों के संभावित खतरे

कस्टमर केयर, बुजुर्गों की देखभाल और स्वास्थ्य देखभाल सहित कई क्षेत्रों में Care Worker Visa route को बंद कर दिया गया है. साथ ही देश के बाहर से आने वाले नए आवेदन पर रोक लगा दी गई है. भारत से आने वाले नए care workers को अब यह विकल्प नहीं मिलेगा, जिन्हें पहले से वीजा है, वे शायद बदलावों के बीच अपना काम काम जारी रख सकेंगे, लेकिन बड़ी सैलरी या क्वालिफाइड लोगों की डिमांड बढ़ जाएंगी.

अब वीजा धारक अपने ऊपर लोगों को ब्रिटेन नहीं ले जा पाएंगे. कुछ मामलों में परिवार का वीजा या तो बंद कर दिए गए हैं या सीमित किया गया है. भारत से आने वाले केयर वर्कर के लिए वर्कर्स के लिए काम छोड़ने और आने-जाने की योजनाएं और पारिवारिक जिम्मेदारियों की स्थिति मुश्किल हो सकती है.

नियोक्ता लाइसेंस (employee sponsor license) की सख्ती कंपनियों को विदेशी कामगारों को स्पॉन्सर करने का लाइसेंस बहुत मुश्किल से मिलेगा. कुछ कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. नियमों का उल्लंघन करने पर रोक लगा दी गई है.

भारतीयों को नौकरी मिलने वाले अवसरों की संख्या कम हो सकती है, क्योंकि नियोक्ता अब विदेशी वर्कर्स रिप्लेसमेंट ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं या भर्तियों में जोखिम लेना नहीं चाहेंगे.

वर्ष 2021 में भारतीयों को ब्रिटेन में Skilled Worker के रूप में सबसे ज्यादा 65 हजार लोगों को वर्क वीजा मिले थे. सितंबर 2023 तक Skilled Worker श्रेणी में भारतीयों के लिए अवसर बढ़े हैं. 2022 में भारतीयों को 22,138 वीजा और 2023 में 38,866 वीजा 2023 वीजा हेल्थ और केयर श्रेणी में मिले थे.

8. कम सैलरी वाले 50 फीसदी कामगारों पर होगा असर

कम सैलरी वाले नौकरियों की श्रेणी में भारतीयों को मिलने वाले वर्क वीजा 2024 में लगभग 81,463 थे, जो 2023 के मुकाबले लगभग 50% कम थे. इसका मतलब है कि पिछले साल जितने भारतीय स्किल, हेल्थ और ब्रिटेन में काम करने के लिए गए थे उनमें से लगभग आधे संभवतः नए नियमों से प्रभावित होंगे या उन्हें वीजा नहीं मिलेगा.

9. किन क्षेत्रों में नौकरी पाना मुश्किल

केयर वर्कर्स, एल्डरली केयर और सोशल केयर के क्षेत्र में नए नियमों के मुताबिक आवेदन बंद कर दिए गए हैं. कम वेतन वाले स्किल्ड जॉब जो नई न्यूनतम वेतन या कौशल स्तर की मांग पूरी नहीं करते, जैसे कुछ स्वास्थ्य, हाउसकीपिंग वर्क, डोमेस्टिक हेल्प, नॉन ग्रैजुएट टेक्निकल लेवल को ब्रिटेन के लिए वीजा नहीं मिलेगा. इसके लिए अब उन्हें स्पॉन्सरशिप भी नहीं मिलेगा.

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