मिस्र में मिला शराब का खजाना! रानी की कब्र से निकली सील बंद मटकी में 5000 साल पुरानी वाइन
मिस्र के ऐतिहासिक शहर अबीडोस में पुरातत्वविदों ने एक चौंकाने वाली खोज की है, जिसने हजारों साल पुराने इतिहास की परतों को फिर से जीवंत कर दिया है. यहां खुदाई के दौरान रानी मेरेत-नीथ की भव्य कब्र से करीब 5000 साल पुरानी वाइन से भरी सैंकड़ों मिट्टी की जारें बरामद हुई हैं। इनमें से कई आज भी सील की हुई हैं और इनमें अंगूर के बीज समेत वाइन के रासायनिक अवशेष मौजूद हैं.;
ज़रा कल्पना कीजिए रेत से भरी ज़मीन के नीचे, हजारों साल से छिपी हुई एक गुप्त दुनिया, जो धीरे-धीरे खुद को इतिहास के पन्नों में दोबारा दर्ज करवा रही है. यह कोई काल्पनिक कथा नहीं, बल्कि मिस्र के प्राचीन शहर अबीडोस (Abydos) में हुई एक असाधारण खोज है, जिसने पुरातत्त्व की दुनिया को चौंका दिया है.
यहां खुदाई के दौरान रानी मेरेत-नीथ (Meret-Neith) के मकबरे से ऐसी सैंकड़ों पुरानी शराब की जारें मिली हैं, जो करीब 5000 साल पुरानी हैं. दिलचस्प बात यह है कि इन जारों में से कई अब तक सील बंद हैं, जैसे वक़्त ने खुद इन्हें सुरक्षित रखने की कसम खाई हो. हालाँकि इस असाधारण खोज में सबसे पहला सवाल उठता है है कि आखिर रानी मेरेत-नीथ कौन थी? और उनकी कब्र में इतनी शराब की बोतले भला क्या कर रही थी.
कौन थीं रानी मेरेत-नीथ?
रानी मेरेत-नीथ कोई साधारण महिला नहीं थी, वह लगभग 3000 ईसा पूर्व मिस्र की पहली महिला शासकों में से एक मानी जाती हैं. इतिहास में उन्हें कभी-कभी राजा के रूप में भी जिक्र किया गया है, जो बताता है कि उनकी शक्ति और मान-सम्मान किस स्तर की रही होगी. उनका मकबरा, जो अबीडोस में खोजा गया है, उतना ही भव्य है जितना किसी बड़े राजा का होता है और शायद उतना ही रहस्यमय भी.
एक जार... और उसमें बंद समय
जब पुरातत्वविदों ने इन जारों को खोजा, तो यह केवल मिट्टी के बर्तन नहीं थे. ये थे बीते ज़माने की भावनाओं, रस्मों और सभ्यता का आइना है. इन जारों में अब भी कुछ अंगूर के बीज सुरक्षित हैं, ढक्कन सही सलामत हैं, और अंदर की शराब शायद आज भी किसी रॉयल भोज की कहानी कहने को तैयार है. इन जारों की खोज वियना यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर क्रिस्टियाना कोहलर और उनकी टीम ने की है. उनका कहना है कि यह खोज सिर्फ शराब तक सीमित नहीं है, यह मिस्र की वाइनमेकिंग परंपरा, रॉयल रस्मों और व्यापारिक तकनीक को समझने की एक नई खिड़की खोलती है.
वाइन से जुड़ी परंपरा
इन शराब के जारों का रानी के मकबरे में पाया जाना यह साबित करता है कि शराब सिर्फ एक पीने की वस्तु नहीं थी, बल्कि सम्मान, आध्यात्मिकता और जीवन-मरण के चक्र से जुड़ी हुई चीज थी. माना जाता है कि प्राचीन मिस्र में वाइन को अंतिम संस्कार की रस्मों में शामिल किया जाता था. यह रिवायत सिर्फ जीवन के जश्न तक सीमित नहीं थी, बल्कि मृत्यु के बाद की यात्रा में भी एक साथी मानी जाती थी, तो सोचिए एक विदाई समारोह, जहां हजारों दीप जलाए गए होंगे, रानियों और पुजारियों ने प्रार्थना की होगी, और उन्हीं रश्मों के बीच इन वाइन जारों ने भी एक 'आख़िरी घूंट' के रूप में विदाई दी होगी.
पाई गई जारों में पर होगी रिसर्च
इन जारों की बनावट खुद में एक बड़ा साइंस है, कैसे हजारों साल पहले लोगों ने फर्मेंटेशन की प्रोसेस समझा? कैसे उन्होंने मिट्टी के बर्तनों को सील किया ताकि उनमें शराब हजारों साल तक सुरक्षित रह सके? यह सब दर्शाता है कि मिस्र की सभ्यता केवल वास्तुकला या पिरामिड्स तक सीमित नहीं थी, बल्कि उसमें विज्ञान, स्वाद और जीवन के प्रति समझदारी भी थी. पुरातत्त्वविद अब इन जारों की रासायनिक जांच करेंगे ताकि यह जान सकें कि वाइन में किन तत्वों का उपयोग हुआ था, कौन से अंगूर की किस्में इस्तेमाल हुईं, और क्या उसमें आयुर्वेदिक या खुशबूदार जड़ी-बूटियाँ मिलाई गई थीं?. ये रिसर्च न केवल इतिहास को समझने में मदद करेंगे, बल्कि आज के जैविक वाइन निर्माताओं के लिए एक प्रेरणा बन सकते हैं.