भारत के दोस्‍त से भी ट्रंप मिलाएंगे हाथ, टैरिफ पर अमेरिका-ब्राजील के बीच बढ़ गई थी दुश्मनी, अब लूला डा सिल्वा से...

डोनाल्ड ट्रंप और ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला डा सिल्वा के बीच रिश्ते टैरिफ को लेकर बढ़ी तल्खी के बाद अब दोस्ती में बदलने की ओर इशारा कर रही है. बहुत जल्द ही दोनों नेताओं की मुलाकात होने वाली है, जिससे अंतरराष्ट्रीय राजनीति और व्यापार समीकरणों पर बड़ा असर पड़ सकता है. इस बात की जानकारी ट्रंप ने खुद यूएन असेंबली में स्पीच के दौरान दी थी.;

Edited By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 26 Sept 2025 9:54 AM IST

टैरिफ के जरिए अमेरिकी समस्या का समाधान निकालने में विफल रहे ट्रंप अब भारत के मित्र देशों से दोस्ती की पींग बढ़ाने में जुट गए हैं. इसी प्रयास के तहत उन्होंने यूएन जनरल असेंबली में भाग लेने पहुंचे ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा मुलाकात की. साथ ही पूछा कि क्या आप से एक सप्ताह के अंदर बातचीत संभव है, तो लूला ने कहा कि क्यों नहीं, आप जब चाहें, मुलाकात कर लेंगे. इस बात की जानकारी खुद यूएन जनरल असेंबली को अपने स्पीच के दौरान ट्रंप ने दी थी.

अगले सप्ताह हो सकती है दोनों की मुलाकात

यूएन जनरल असेंबली में अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, "ब्राजील पर अमेर‍िकी प्रशासन ने जो टैर‍िफ लगाया है, वह इस देश के अमेरिकियों के अधिकारों में दखल देने के अभूतपूर्व प्रयासों का जवाब है. भाषण से पहले जब मैं हॉल में प्रवेश कर रहा था, तो मेरी मुलाकात ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा से हुई. हमने एक-दूसरे को गले लगाया और मैंने लूला से कहा, क्या आप यकीन कर सकते हैं कि मैं दो मिनट में यही बात कहने वाला हूं? ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि दोनों नेताओं की अगले हफ्ते मुलाकात की योजना बनी है."

दरअसल, टैरिफ के चक्कर में अमेरिका के रिश्ते केवल भारत से ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों से खराब चल रहे हैं. ब्राजील भारत का करीबी राष्ट्र है और वहां के राष्ट्रपति और पीएम मोदी के बीच रिश्ते भी आपसी समझ पर आधारित हैं. इस बात का जिक्र खुद लूला ने ट्रंप की टैरिफ नीतियों से नाराजगी पर कही भी थी. दरअसल, स्टील और एल्युमिनियम पर अमेरिकी टैरिफ से दोनों देशों के बीच दूरी बढ़ गई थी, लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि ट्रंप पुराने मतभेद भुलाकर लूला से हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं. माना जा रहा है कि दोनों के बीच मुलाकात सिर्फ अमेरिका-ब्राजील रिश्तों को ही नहीं बल्कि वैश्विक राजनीति और व्यापार जगत को भी नई दिशा दे सकती है.

लूला ने क्या कहा था?

ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने ट्रंप की नीति से नाराज होकर यहां तक कह डाला था क‍ि ‘मैं ट्रंप से क्‍यों बात करूं, मैं मोदी से बात करूंगा, जिनपिंग से बात करूंगा.’ उनका ये बयान अगस्त महीने में दुनिया भर में सुर्खियों में रहा था. बता दें कि ब्राजील पर अमेर‍िका ने भारत की तरह ही 50% टैरिफ लगाए हैं. इसकी आलोचना करते हुए लूला दा सिल्वा ने कहा था क‍ि ब्राजील एक संप्रभु और स्वतंत्र देश है और वह अपने न्यायिक फैसलों या नीतियों के लिए किसी दूसरे देश के सामने झुकने वाला नहीं है.

उन्होंने ये भी कहा था कि ब्राजील की अदालतें निष्पक्ष हैं और वहां के निर्णयों पर राजनीतिक दबाव डालने की कोशिश अस्वीकार्य है. लूला ने अमेरिका को चेतावनी दी कि यदि वाशिंगटन अपनी टैरिफ नीति वापस नहीं लेता तो ब्राजील भी जवाबी कार्रवाई करेगा.

मजबूरी या दबाव में नहीं बन सकता सहयोगी

लूला ने यह भी कहा था कि ब्राजील अमेरिका के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन अपमान या मजबूरी की स्थिति में नहीं. उन्होंने कहा कि बातचीत तभी संभव है जब दोनों देश सम्मान और बराबरी के साथ बैठें. उन्होंने स्पष्ट किया कि ब्राजील अमेरिका का सहयोगी बनना चाहता है लेकिन मजबूरी या दबाव में किसी तरह की डील स्वीकार नहीं करेगा.

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