भारत को दोतरफा घेरने की तैयारी में चीन और पाकिस्तान, बांग्लादेश बना पुल; क्या कश्मीर के बाद अब पूर्वोत्तर निशाने पर?

चीन-पाकिस्तान का रणनीतिक गठबंधन अब कश्मीर से आगे बढ़कर भारत की पूर्वी सीमा पर दबाव बना रहा है, जिसमें बांग्लादेश की भूमिका महत्वपूर्ण हो रही है. बांग्लादेश के अस्थायी नेता मोहम्मद युनुस ने इसे 'भारत के सात बहन राज्यों के लिए महासागर का रक्षक' बताया, जो चीन और पाकिस्तान के हितों के साथ मेल खाता है. चीन पाकिस्तान के माध्यम से बांग्लादेश को व्यापार और राजनीतिक फायदे की पेशकश कर रहा है, जिससे भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव आ सकता है. पाकिस्तान की ISI बांग्लादेश के सेना प्रमुख को हटाने की कोशिश कर रही है, जो लोकतंत्र की बहाली के पक्षधर हैं. इसके साथ ही, पाकिस्तान बांग्लादेश में भारत विरोधी प्रचार को बढ़ावा दे रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है.;

China-Pakistan alliance, Bangladesh geopolitical shift: चीन और पाकिस्तान का रणनीतिक गठबंधन, जो पहले कश्मीर तक सीमित था, अब भारत की पूर्वी सीमा की ओर बढ़ रहा है. बांग्लादेश, जो पहले इस खेल में एक हिचकिचाता हुआ साथी था, अब आर्थिक दबाव और इस्लामिक कट्टरपंथीकरण के कारण बाहरी हस्तक्षेप के लिए तैयार हो रहा है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद युनुस ने हाल ही में बांग्लादेश को 'सात बहन राज्यों के लिए महासागर का एकमात्र रक्षक' कहा और इसे चीनी अर्थव्यवस्था के विस्तार के रूप में प्रस्तुत किया, जिससे बांग्लादेश का चीन और पाकिस्तान के रणनीतिक हितों से जुड़ने का संकेत मिला है.

युनुस ने बांग्लादेश के प्रमुख समुद्री बंदरगाहों, जैसे चिटगांव और मोंगला, के महत्व पर जोर दिया, जो चीन के लिए भारत के क्षेत्रीय प्रभुत्व को दरकिनार करने का एक अवसर हो सकते है. इस प्रकार, पाकिस्तान और चीन दोनों की योजनाएं बांग्लादेश को अपनी रणनीतिक मुहिम का हिस्सा बनाने की हैं, ताकि भारत को कश्मीर से ध्यान भटकाकर पूर्वी सीमा पर भी दबाव डाला जा सके.

बांग्लादेश के सेना प्रमुख को हटाना चाहती है पाकिस्तान की ISI

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI बांग्लादेश के सेना प्रमुख को हटाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि वे बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली के पक्षधर हैं. हालांकि, सेना के ज्यादातर उच्च अधिकारी सेना प्रमुख का समर्थन कर रहे हैं. पाकिस्तान इस संघर्ष का लाभ उठाकर चीन के साथ अपने गठबंधन को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है, जिससे भारत को एक साथ कई मोर्चों पर संघर्ष करना पड़े.

बांग्लादेश में भारत विरोधी असंतोष को बढ़ावा दे रहा ISI

पाकिस्तान की ISI पर बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामिक समूहों जैसे हिफाजत-ए-इस्लाम को वित्तीय सहायता देने का आरोप है, जो भारत के खिलाफ प्रचार करने में लगे हुए हैं.यह पाकिस्तान का एक और प्रयास है, जिससे वह बांग्लादेश में भारत विरोधी असंतोष को बढ़ावा दे सके. सीमावर्ती क्षेत्रों में इस गतिविधि के प्रमाण सामने आए हैं, जहां कट्टरपंथी संगठन नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) जैसे मुद्दों पर लोगों को लामबंद कर रहे हैं.

बांग्लादेश को लुभाने की कोशिश कर रहे चीन औऱ पाकिस्तान

चीन, पाकिस्तान के माध्यम से बांग्लादेश को लो-कोस्ट चीनी उत्पादों की पेशकश कर रहा है, जैसे कि कपड़े और मशीनरी, ताकि भारत के साथ बांग्लादेश के व्यापारिक रिश्तों को कमजोर किया जा सके. इस रणनीति का उद्देश्य 2023 में भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय व्यापार में 14.2 बिलियन रुपये के व्यापार प्रभुत्व को कमजोर करना है. यह रणनीति बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का हिस्सा है, जिससे पाकिस्तान चीन के साथ मिलकर भारत-बांग्लादेश आर्थिक संबंधों को कमजोर करना चाहता है. यह पूरी स्थिति दर्शाती है कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश का गठबंधन भारत के खिलाफ रणनीतिक दबाव बनाने के लिए काम कर रहा है, जो भारत के लिए एक गंभीर भूराजनीतिक चुनौती है.

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