शादी और बच्चे पैदा करने से दूर क्यों भाग रहीं चीनी महिलाएं? सामने आई यह बड़ी वजह
चीन में बुजुर्गों को संख्या बढ़ती जा रही है, जबकि युवाओं की संख्या कम होती जा रही है. यहां की महिलाओं का शादी करने और बच्चे पैदा करने में कोई दिलचस्पी नहीं रह गई है. इससे चीनी सरकार काफी चिंतित है. पिछले साल सबसे कम बच्चे पैदा हुए. जब इसके पीछे की वजह का पता लगाया गया तो हैरान कर देने वाली जानकारी मिली.;
China News In Hindi: चीन में लड़कियां शादी नहीं करना चाहतीं. उनका बच्चे पैदा करने में भी कोई इंटरेस्ट नहीं रह गया है. इससे जन्मदर में काफी गिरावट आई है. चीनी सरकार ने युवाओं को समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है.
बात 2018 की है. 30 साल की एक महिला टेरेसा शू ब्रेकअप होने के बाद अपने करियर में सफलता की सीढ़ियां चढ़ रही थीं. एक दिन वह एग फ्रीजिंग यानी अंडालु संरक्षित करने के बारे में जानकारी हसालि करने के लिए बीजिंग के एक अस्पताल में गईं. वह बच्चे तो चाहती थीं, लेकिन शादी नहीं करना चाहती थीं.
जन्म दर में 1988 की तुलना में 68 फीसदी गिरावट
बता दें कि चीन में जन्म दर 1988 की तुलना में 68 फीसदी गिर चुकी है. ऐसे में सरकार ने इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) और अन्य प्रजनन सेवाओं को अधिक किफायती बनाने के प्रयास किए हैं, ताकि कपल्स को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. फिर भी, शू के अनुरोध को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया गया कि यह सुविधा केवल विवाहित महिलाओं के लिए है.
शू ने दायर किया मुकदमा
हालांकि, एक साल बाद, शू ने अपने अधिकारों के उल्लंघन का दावा करते हुए मुकदमा दायर किया, लेकिन बीजिंग की तीसरी इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट ने अस्पताल के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि चीनी कानून केवल विवाहित जोड़ों को ही इस प्रक्रिया की अनुमति देता है.
तेजी से बूढ़ी हो रही चीन की जनसंख्या
शू का मामला चीनी महिलाओं के सामने आने वाली व्यापक दुविधा को उजागर करता है और चीन के लिए एक चुनौती पेश करता है. बिना पर्याप्त जन्म वृद्धि के चीन को अपने कार्यबल को बनाए रखने और तेजी से बूढ़ी होती जनसंख्या का प्रबंधन करने में कठिनाई हो सकती है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने विवाहित जोड़ों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन एकल व्यक्तियों को गोद लेने, प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने और मातृत्व लाभ प्राप्त करने से रोका है.
विवाह दर में 40 फीसदी की गिरावट
चीनी महिलाओं की शादी करने में कोई दिलचस्पी नहीं रह गई है. सरकारी जनगणना के आंकड़े के मुताबिक, 2013 से 2020 के बीच विवाह दर में 40 फीसदी की गिरावट आई है. हालांकि सांस्कृतिक मानदंड, आर्थिक दबाव, और एकल बच्चा नीति को इसकी वजह माना जाता है. महिलाएं अपनी स्वायत्तता को फिर से परिभाषित कर रही हैं, पारंपरिक पितृसत्तात्मक संरचनाओं का विरोध कर रही हैं और अनजाने में CCP के जनसांख्यिकीय उद्देश्यों को चुनौती दे रही हैं.
चीन में शादी की पारंपरिक प्रथा पितृसत्ता में निहित सदियों पुरानी कन्फ्यूशियस संस्कृति का प्रतीक है. सीसीपी ने इस परंपरा को जारी रखा है. उसने शादी को देशभक्ति कर्तव्य के रूप में पेश किया है. सीसीपी के अध्यक्ष, शी जिनपिंग ने बार-बार महिलाओं से पारिवारिक सभ्यता को बनाए रखने और उचित आयु में बच्चे पैदा करने का आग्रह किया है.
पत्रकार लेटा होंग फिंचर ने अपनी किताब लेफ्टओवर वुमेन (2014) में लिखा है कि 26 साल से अधिक उम्र की अविवाहित महिलाओं को 'शेंगनू' कहा जाता है, जिसका अर्थ है- बची हुई महिलाएं. इस प्रकार, चीनी महिलाओं के लिए शादी और बच्चे पैदा न करने के पीछे कई कारण हैं. इनमें सरकारी नीतियां, सामाजिक दबाव और व्यक्तिगत स्वायत्तता की खोज प्रमुख हैं.