Google ने भारतीय कोडिंग स्टार्टअप Windsurf के मालिक के साथ मिलाया हाथ, जानें कंपनी के CEO Varun Mohan के बारे में

Who Is Varun Mohan: गूगल ने भारतीय AI कोडिंग स्टार्टअप विंडसर्फ (Windsurf) के साथ बहुत बड़ी डील की है. कंपनी ने Windsurf के को-फाउंडर और सीईओ वरुण मोहन अपनी टीम में करने के लिए करीब 206 अरब रुपये की डील की.;

( Image Source:  @HydUrbanRealty )

Who Is Varun Mohan: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI ने हमारी जिंदगी को पहले आसान बना दिया है. कुछ ही सेकंड में कठिन से कठिन सावालों के जवाब हमें मिल जाते हैं. एआई की युग में टैलेंटेड लोगों की किस्मत भी चमक रही है. हाल ही में गूगल ने AI कोडिंग स्टार्टअप विंडसर्फ (Windsurf) के को-फाउंडर और सीईओ वरुण मोहन को बड़ा ऑफर दिया है.

गूगल ने वरुण मोहन को अपनी टीम में शामिल करने के लिए उनके साथ बहुत बड़ी डील की है. अब विंडसर्फ भारतीय युवाओं को भी नौकरी देगा. इसमें रिसर्च जैसी बड़ी पोस्ट शामिल होंगी. अब भारतीय स्टार्टअप के साथ इतनी बड़ी कंपनी की डील चर्चा में है. आगे हम आपको विंडसर्फ मालिक वरुण मोहन के बारे में बताएंगे.

कौन हैं वरुण मोहन?

वरुण मोहन AI स्टार्टअप Windsurf के को-फाउंडर और CEO हैं. वरुण का जन्म कैलिफोर्निया में हुआ था. वरुण ने San Jose के Harker School से पढ़ाई की. फिर MIT से कंप्यूटर साइंस में BS और MEng की डिग्रियां प्राप्त कीं. उन्होंने ऑपरेटिंग सिस्टम, मशीन लर्निंग एवं प्रदर्शन इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.

वरुण ने Nuro, Quora, LinkedIn, Databricks, Samsung जैसी बड़ी कंपनियों में GPU वर्चुअलाइजेशन और सिस्टम इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम किया है. बता दें कि वरुण के माता-पिता भारतीय हैं लेकिन वह अमेरिका में जाकर बस गए हैं.

कब हुई विंडसर्फ की स्थापना?

उन्होंने साल 2021 में MIT के क्लासमेट डगलस चेन के साथ मिलकर 'Codeium' नाम के स्टार्टअप की शुरुआत की, जिसका नाम बाद में बदलकर Windsurf कर दिया गया. साथ ही AI-संचालित कोडिंग IDE विकसित करने का लक्ष्य रखा. विंडसर्फ इस साल वाइब कोडिंग के लिए चर्चा में है.

बता दें कि इस तरह की कोडिंग लिखने के लिए एआई टूल की मदद ली जाती है. वाइब कोडिंग को आम लोग भी लिख सकते हैं. कई एआई सर्विस प्रोवाइडर कंपनी इस टूल को खरीदने पर विचार कर रही हैं. कई कंपनियां है जो इस वाइड कोडिंग को खरीद रही हैं.

इतने में हुई गूगल-विंडसर्फ की डील

गूगल ने विंडसर्फ के साथ करीब 206 अरब रुपये की डील की है. इस लाइसेंस और कर्मचारियों तो अपने साथ जोड़ने के उद्देश्य से यह डील की गई. हैरानी की बात यह है कि गूगल वरुण की विंडसर्फ में कोई इनवेस्ट नहीं कर रहा है. वह विंडसर्फ की कुछ खास टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगा. वरुण मोहन और अन्य इंजीनियर अब गूगल में Gemini AI प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, विशेष रूप से 'Agentic Coding'तकनीक विकसित करने में.

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