Brigitte Macron नहीं हैं औरत... अफवाहों पर फुल स्टॉप लगाने के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति की पत्नी देंगी साइंटिफिक सबूत
Brigitte Macron को लेकर कहा गया है कि वह एक महिला नहीं हैं. अब इस पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति की पत्नी साइंटिफिक प्रूफ देंगी, ताकि इन अफवाहों पर फुल स्टॉप लग जाए. यह दावा कैंडेस ओवेन्स ने किया था, जो अभी भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.;
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और उनकी पत्नी ब्रिजिट मैक्रों इन दिनों एक बेहद असामान्य लेकिन गंभीर विवाद के केंद्र में हैं. यह विवाद किसी राजनीतिक मुद्दे से नहीं, बल्कि ब्रिजिट की पहचान पर लगाए गए आरोपों से जुड़ा है. अमेरिकी राइट-विंग पॉडकास्टर कैंडेस ओवेन्स ने बार-बार दावा किया कि फ्रांस की फर्स्ट लेडी का जन्म पुरुष के रूप में हुआ था.
इस बेबुनियाद आरोप ने न केवल ब्रिजिट को आहत किया, बल्कि राष्ट्रपति मैक्रों के लिए भी यह एक बड़ी चुनौती बन गया है. अब कपल अदालत में मानहानि का मुकदमा लड़ रहे हैं और "वैज्ञानिक व फोटोग्राफिक सबूत" पेश करने की तैयारी कर रहे हैं.
ब्रिजिट मैक्रों पर आरोप
कैंडेस ओवेन्स अमेरिका की कंजर्वेटिव मीडिया कंपनी डेली वायर से जुड़ी रही हैं. उन्होंने सोशल मीडिया और अपने प्लेटफॉर्म्स पर लगातार यह दावा दोहराया कि ब्रिजिट मैक्रों महिला नहीं हैं. मार्च 2024 में तो उन्होंने यह तक कह दिया कि वह अपने "पूरे पेशेवर करियर की साख" इस दावे पर दांव पर लगाने को तैयार हैं.
ब्रिजिट के लिए यह हमला बेहद अपमानजनक साबित हुआ. उनके वकील टॉम क्लेयर ने बीबीसी के पॉडकास्ट Fame Under Fire में कहा कि ये आरोप न केवल झूठे हैं, बल्कि बेहद तकलीफदेह भी हैं. उन्होंने कहा कि 'जब आपका परिवार निशाने पर होता है, तो चाहे आप कोई भी हों, यह आपको भीतर से थका देता है. राष्ट्रपति भी इससे अछूते नहीं हैं.'
अदालत में सबूत पेश करने की तैयारी
मैक्रों कपल ने जुलाई 2025 में डेलावेयर की अदालत में मानहानि का मुकदमा दर्ज किया. मुकदमे में कहा गया है कि कैंडेस ओवेन्स ने 'जानबूझकर साजिश रचने वालों और झूठ फैलाने वालों' के साथ मिलकर ऐसे दावे किए, जबकि उनके पास इसे खारिज करने वाले पुख्ता सबूत मौजूद थे. अब मैक्रों परिवार अदालत में एक्सपर्ट गवाही, वैज्ञानिक विश्लेषण और फोटो सबूत पेश करने को तैयार है.
कैंडेस ओवेन्स का अडिग रवैया
हालांकि मुकदमे के बावजूद कैंडेस ओवेन्स अपने दावों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने अदालत की कार्रवाई को मजाक बनाते हुए कहा कि 'मामले के डिस्कवरी फेज़ तक पहुंचने से पहले ही मैक्रों की मौत फर्जी तरीके से घोषित कर दी जाएगी.' उन्होंने यूट्यूब वीडियो में यह भी कहा कि उन्होंने मैक्रों कपल को कई बार सफाई देने का मौका दिया, लेकिन उनकी ओर से कोई रिएक्शन नहीं आया. उनकी कानूनी टीम ने भी मुकदमा खारिज करने की अर्जी दी है, यह तर्क देते हुए कि डेलावेयर मुकदमे के लिए सही जगह नहीं है और वहां मुकदमे की पैरवी करना उनके लिए भारी फाइनेंशियल और ऑपरेशनल बोझ होगा.
इमैनुएल मैक्रों का निजी आघात
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस विवाद को महज अफवाह नहीं माना, बल्कि अपनी "इज्जत और सम्मान" का सवाल बताया है. Paris Match को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने साफ कहा 'यह मेरी ख्याति की रक्षा का मामला है. यह बकवास है. यह कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसे पता था कि उसके पास झूठी जानकारी है और उसने जानबूझकर इसे फैलाया, ताकि नुकसान पहुंचाया जा सके. यह सब एक विचारधारा और चरमपंथी राजनीति की सेवा में किया गया.'
राजनीति और निजी जीवन की टकराहट
फ्रांस के राष्ट्रपति के लिए यह मामला केवल कानूनी लड़ाई नहीं है, बल्कि निजी और राजनीतिक जीवन के बीच टकराव का प्रतीक भी है. एक ओर वे देश की नीतियों और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को संभाल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अपनी पत्नी की गरिमा पर लगे सवालों से जूझ रहे हैं. उनके वकील टॉम क्लेयर का कहना है कि यह "डिस्ट्रैक्शन" है, लेकिन फिर भी मैक्रों पूरी मजबूती से इसका सामना करने को तैयार हैं.
पहचान और सम्मान की लड़ाई
यह पूरा विवाद दिखाता है कि डिजिटल युग में फेक न्यूज़ और साजिशी थ्योरी किस हद तक व्यक्तिगत जीवन और राजनीतिक छवि को प्रभावित कर सकती है. ब्रिजिट मैक्रों के मामले में यह केवल एक महिला की गरिमा पर हमला नहीं है, बल्कि यह भी सवाल है कि क्या सच और झूठ के बीच फर्क मिटाने के लिए अदालतों और वैज्ञानिक सबूतों का सहारा लेना ही एकमात्र रास्ता बचा है. मैक्रों कपल अब अदालत में साबित करना चाहते हैं कि उनकी लड़ाई महज व्यक्तिगत नहीं, बल्कि उस सम्मान और सच्चाई की रक्षा के लिए है, जो किसी भी झूठे प्रचार से कहीं ज्यादा मजबूत है.