...तो भारत की इकोनॉमी से ज्यादा हो जाएगी Apple की मार्केट वैल्यू, AI का मिल रहा फायदा
एप्पल कंपनी के शेयर ने नवंबर से अब तक 16 प्रतिशत तक की उछाल देखी है. इस कारण कंपनी की मार्केट वैल्यू भी 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े के बेहद करीब है. आपको बता दें कि ये आंकड़ा भारत की अर्थव्यवस्था को टक्कर देने वाला है. भारत दुनियाभर में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है.;
प्रीमियम स्मार्टफोन कंपनी एप्पल ने अपने AI की मदद से 16 प्रतिशत तक की जंप देखी गई है. इस कारण कंपनी का स्टॉक मार्केट वैल्युएशन 4 ट्रिलियन यानी लगभग 340 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को हासिल करने के करीब है. आपको बता दें कि ये आंकड़ा भारत की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने वाला है. भारत दुनियाभर की चौथी बड़ी इकोनोमी बनने के लिए तैयार है.
वहीं टेक कंपनी एप्पल ने इस सफलता के साथ दिग्गज एआई एनवीडिया और माइक्रोसॉफ्ट को भी पीछे छोड़ दिया है. इस कारण से नंवबर से कंपनी के शेयर्स में 16 प्रतिशत तक की जंप देखी गई. इस पर मैक्सिम ग्रुप के एनालिस्ट टॉम फोर्टे ने कहा कि एप्पल के शेयर में आई उछाल एआई के प्रति इंवेस्टर्स के उत्साह और आईफोन सुपरसाइकिल के अपग्रेड की उम्मीद को दर्शाती है.
AI के कारण हुई आलोचना
बीते कुछ सालों से AI ने लोगों को आकर्षित किया है. ऐसे में एप्पल ने अब तक इसे अपने डिवाइस में इंटिग्रेट नहीं किया था. इस कारण कई सालों से कंपनी को इस पर धीमी रफ्तार से काम करने को लेकर कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. लेकिन इस रेस में माइक्रोसॉफ्ट, अल्फाबेट, मेटा प्लेटफॉर्मस काफी आगे बढ़ गए हैं. AI के कारण एनवीडिया के शेयर्स में 800 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई है. जबकी जबकि इसी अवधि के दौरान एप्पल के शेयरों में लगभग दोगुनी वृद्धि हुई है.
कब बनाया AI का प्लान
कंपनी ने साल 2023 दिसंबर में अपने डिवाइस में ओपनएआई चैटजीपीटी को इंटीग्रेट करने का फैसला किया था. इसका एलान भी जून में हुुआ. मोर्गन स्टेनली ने कहा कि आईफोन की डिमांड अभी भी धीमी है. इसके पीछे का कारण AI फैसिलिटी का परिणाम है. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे दोनों का विस्तार होगा वैसे ही आईफोन की डिमांड में सुधार लाने में मदद करेगा.
माइक्रोसॉफ ने किया शानदार परफॉर्म
आपको बता दें कि ऐआई के कारण सिर्फ एप्पल ही नहीं माइक्रोसॉफ्ट ने भी शानदार परफॉर्म किया है. साल 2022 में एप्पल ने 3 ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप के निशान तक पहुंचने के बाद 3.2 ट्रिलियन पर बना था. लेकिन अपने शानदार प्रदर्शन से माइक्रोसॉफ्ट ने एप्पल को पीछे छोड़ दिया था.