अमेरिका का यू-टर्न, ट्रंप-जेलेंस्की में तकरार... रूस-यूक्रेन जंग के तीन साल में अब तक क्या-क्या हुआ?

आज के ही दिन 24 फरवरी 2022 को रूस और यूक्रेन के बीच जंग की शुरुआत हुई थी. यह युद्ध यूक्रेन के नाटो में शामिल होने की योजना के विरोध में हुआ. आज जंग के तीन साल पूरे हो गए हैं. यूक्रेन और रूस के बीच जंग को खत्म करने की कवायद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से शुरू कर दी गई है, जिसे लेकर उनका जेलेंस्की के साथ तकरार भी देखने को मिल रहा है.;

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Russia Ukraine War 3 Years: भारत और यूक्रेन के बीच जारी जंग को आज तीन साल पूरे हो रहे हैं. इस जंग से यूक्रेन को बहुत नुकसान पहुंचा है. उसके सैकड़ों नागरिकों और सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि तीन साल की लड़ाई में 43 हजार यूक्रेनी सैनिक, जबकि 1 लाख 98 हजार रूसी सैनिक मारे गए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन में तीन साल के दौरान 1 लाख 74 हजार से लेकर 4 लाख 20 हजार लोग मारे गए हैं. कहा जा रहा है कि युद्ध के चलते 10 मिलियन लोग यानी एक करोड़ लोग घर छोड़कर दूसरी जगह चले गए हैं.

बता दें कि जंग के दौरान नवंबर 2024 तक 2 लाख 36 हजार आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इनमें 2 लाख 9 हजार निजी घर, 27 हजार अपार्टमेंट बिल्डिंग और 600 शयनगृह हैं. कल यानी 23 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया. इस दौरान उसने 267 ड्रोन यूक्रेन की तरफ दागे. रूस ने यूक्रेन के 13 क्षेत्रों को निशाना बनाया. इस दौरान तीन लोग मारे गए. यूक्रेनी वायुसेना के मुताबिक, यूक्रेन ने 138 ड्रोनों को मार गिराया.

रूस-यूक्रेन जंग में अब तक क्या-क्या हुआ?

  1. रूस ने आज के ही दिन 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर हमला शुरू किया. इससे 2024 में क्रीमिया पर रूस के अवैध कब्जे के साथ दोनों देशों के बीच शुरू हुआ संघर्ष और बढ़ गया. रूस ने यह हमला यूक्रेन के नाटो की सदस्यता लेने की योजना पर किया.
  2. रूस-यूक्रेन जंग में हजारों सैनिक और आम लोग मारे गए. डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान इस जंग को खत्म करने का वादा किया, लेकिन वे फिलहाल रूस के पक्ष में नजर आ रहे हैं. उन्होंने सार्वजनिक तौर यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की पर हमला बोला है. इससे यूक्रेन का अमेरिका, जो उसका सबसे बड़ा सैन्य समर्थक था, के साथ संबंध तेजी से खराब हो रहे हैं.
  3. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रूसी अधिकारियों के साथ बातचीत की है. यूक्रेन की सहमति के बिना जंग को खत्म करने के मकसद से रूस के साथ अमेरिका की शांति वार्ता ने दुनिया भर के नेताओं को परेशान कर दिया है. जेलेंस्की का कहना है कि ट्रंप के दबाव के कारण यूक्रेन को उसके क्षेत्रों को रूस के हाथों खोना पड़ेगा. इससे भविष्य में रूस के आक्रमण का खतरा बना रहेगा. हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया है कि शांति वार्ता में जेलेंस्की भी शामिल होंगे.
  4. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने पिछले साल यूक्रेन से करीब 1500 वर्ग मील जमीन छीन ली है, लेकिन वह अभी भी चार यूक्रेनी क्षेत्रों का पूरा क्षेत्र नहीं ले सकता है, जिसे उसने 2022 में औपचारिक रूप से अपने में मिला लिया था.
  5. रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस को यूक्रेन जंग से हर दिन 1000 से 1500 लोगों की मौत और घायल होने का नुकसान उठाना पड़ रहा है. उसकी अर्धव्यवस्था भी इससे प्रभावित नजर आ रही है. मुद्रास्फीति 10 प्रतिशत हो गई है, जबकि ब्याज दरें आसमान छू रही हैं.
  6. इंडिया टुडे के मुताबिक, यूक्रेन के लगभग पांचवें हिस्से पर रूस का नियंत्रण है. उसने डोनेट्स्क, जापोरीज्जिया और खेरसॉन क्षेत्रों के 75 फीसदी, जबकि लुहांस्क क्षेत्र के 99 फीसदी हिस्से पर कब्जा कर लिया है.ट्रंप और पुतिन के बीच 12 फरवरी को संबंधों को सुधारने और युद्ध को खत्म करने के बारे में बातचीत हुई. इसके बाद 18 फरवरी को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में अमेरिकी और रूसी अधिकारियों के बीच बैठक हुई.
  7. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिका और रूस के बीच हुई बातचीत के नतीजों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि कीव की पीठ पीछे कोई बातचीत नहीं होगी. इससे ट्रंप और उनके बीच तकरार शुरू हो गई. जेलेंस्की ने ट्रंप को रूसी दुष्प्रचार के बुलबुले में रहने वाला व्यक्ति बताया, जबकि ट्रंप ने उन्हें तानाशाह और मामूली सफल हास्य अभिनेता बताया.
  8. जेलेंस्की ने 23 फरवरी को घोषणा की कि वे शांति के बदले में अपना राष्ट्रपति पद छोड़ देंगे. उन्होंने कहा, मैं यूक्रेन के लिए नाटो सदस्यता के बदले में अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा.
  9. यूक्रेन और अमेरिका के बीच बदलते राजनीतिक परिदृश्य के बीच यूरोपीय संघ के नेता सोमवार को कीव जाएंगे. यहां वे अमेरिका से मदद बंद होने की स्थिति में यूक्रेन के प्रति अपना समर्थन बनाए रखने का प्रयास करेंगे.
  10. ब्रिटेन ने एलान किया है कि वह रूस के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाएगा. विदेश सचिव डेविड लैमी ने कहा कि इसका मकसद रूस की सैन्य मशीन को कमजोर करना और यूक्रेन में विनाश की आग को भड़काने वाले राजस्व को कम करना होगा. ब्रिटेन के प्रधआनमंत्री कीर स्टारमर और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इस हफ्ते अमेरिका का दौरा करने वाले हैं.
  11. रूस-यूक्रेन जंग में चीन और उत्तर कोरिया भी अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं. चीन रूस का सपोर्ट कर रहा है, जबकि उत्तर कोरिया वहां अपनी सेना भेज रहा है.
  12. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक, जंग के शुरुआती साल में रूस की जीडीपी -1.3 फीसदी तक गिर गई थी. हालांकि, अगले दो साल में यह 3.6 फीसदी तक बढ़ गई. दूसरी तरफ यूक्रेन की जीडीपी 2022 तक 36 फीसदी गिर गई थी, जबकि 2023 में यह 5.3 फीसदी और 2024 में 3 फीसदी तक बढ़ गई.
  13. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि रूस ने तेल, गैस, निकेल और प्लेटिनम की अवैध बिक्री के जरिए जंग लड़ने के लिए कलपुर्जे और कच्चा माल हासिल किया. भारत ने उसके साथ तेल खरीदना जारी रखा. चीन ने भी उसकी मदद की. इन दोनों देशों की बदौलत रूस अपनी राष्ट्रीय आय बढ़ाने में कामयाब रहा.


रूस यूक्रेन जंग की प्रमुख घटनाएं

  • यूक्रेन ने अगस्त 2024 में रूस के कुर्स्क ओब्लास्ट में घुसपैठ करते हुए 250 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया. इस दौरान यूक्रेनी सेना 10 किमी रूसी क्षेत्र में दाखिल हो गई.
  • रूसी सेना ने जून और जुलाई 2022 में लुगांस्क क्षेत्र में सेवेरोडोनेत्स्क और लिसिचांस्क शहरों पर कब्जा जमाने के बाद डोनेट्स्क क्षेत्र में बखमुट पर हमला करना शुरू किया.
  • रूस ने कीव के प्रमुख प्रवेश द्वार माने जाने वाले इरपिन पर भारी गोलीबारी की. इससे अधिकांश आवासीय क्षेत्र और बुनियादी ढांचे बर्बाद हो गए. जवाब में, 25 फरवरी को यूक्रेन ने इरपिन नदी पर बने पुल को जानबूझकर नष्ट कर दिया, ताकि रूसी सेना आगे न बढ़ सके.
  • बुचा में रूस के हमले में कई लोगों की मौत हो गई. इस शहर पर कई हफ्तों तक रूस का कब्जा था. रूसी सेना के यहां से जाने के बाद सड़कों पर लोगों की लाशें बिखरी हुई मिलीं. इनमें से कई के हाथ बंधे थे.
  • रूसी सेना ने हमले के पहले दिन ही यूक्रेन के प्रमुख दक्षिणी बंदरगाह और औद्योगिक केंद्र मारियुपोल की घेराबंदी शुरू की. मार्च की शुरुआत में शहर को पूरी तरह से घेर लिया गया. इससे लोग फंस गए. रूसी सेना ने 16 मार्च को नागरिकों के आश्रय स्थल मारियुपोल ड्रामा थिएटर को एयर स्ट्राइक में नष्ट कर दिया. मई 2022 में इस पर रूसी सेना का नियंत्रण हो गया. इस दौरान हजारों लोग मारे गए.
  • रूसी सेना ने मार्च 2022 में यूरोप के सबसे बड़े जापोरिजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर कब्जा कर लिया. हालांकि, रिएक्टरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. इसके बावजूद इसमें गोलीबारी से आग लग गई. सहायक इमारतों को भी नुकसान पहुंचा. तब से रूस ने इस पर अपना नियंत्रण बरकरार रखा है. उसने इसे सैन्य गढ़ में बदल दिया है. अप्रैल तक रूस ने यूक्रेन के 27 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर लिया था.
  • यूक्रेनी सेना ने सितंबर 2022 की शुरुआत में इजियम और कुपियांस्क को मुक्त करा लिया. ये प्रमुख रसद केंद्र थे. इस हमले ने रूस को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया.
  • यूक्रेन ने अगस्त 2022 में रूस द्वारा कब्जा किए गए महत्वपूर्ण शहर खेरसॉन को वापस लेने के लिए हमला किया. रूस ने 9 नवंबर को अपनी वापसी की घोषणा की और 11 नवंबर तक वापसी पूरी की. खेरसॉन एकमात्र क्षेत्रीय राजधानी थी, जिस पर रूस नेक ब्जा किया था.


रूस-यूक्रेन जंग पर भारत का क्या है रुख?

रूस-यूक्रेन जंग पर भारत का हमेशा से यही कहना रहा है कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है. हमें हर समस्या को बातचीत के जरिए हल करना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले साल यूक्रेन और रूस का दौरा दिया था. इस दौरान उन्होंने युद्ध पर भारत के रुख के बार में दोनों देशों को अवगत कराया था.

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