और कितना जलेगा बांग्लादेश? पड़ोसी देश में नहीं थम रही हिंसा, उस्मान हादी के बाद NCP नेता मोतालेब सिकदार के सिर में मारी गोली
बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा लगातार गहराती जा रही है. छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद अब नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) के खुलना डिविजनल चीफ और केंद्रीय आयोजक मोतालेब सिकदार को सिर में गोली मार दी गई है. गंभीर हालत में उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अंतरिम सरकार पहले ही दबाव में है और हादी हत्या मामले में पुलिस के हाथ खाली बताए जा रहे हैं.;
बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या से देश पहले ही उबाल पर था कि अब एक और हाई-प्रोफाइल नेता पर जानलेवा हमला सामने आया है. इस ताजा वारदात ने अंतरिम सरकार, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की क्षमता पर नए सिरे से सवाल खड़े कर दिए हैं.
खुलना डिविजन में प्रभावशाली भूमिका निभाने वाले NCP नेता मोतालेब सिकदार के सिर में गोली मारी गई है. इस हमले ने यह साफ कर दिया है कि हालात सिर्फ बिगड़े नहीं हैं, बल्कि हिंसा का दायरा भी बढ़ रहा है. राजनीतिक हत्याओं और हमलों की यह कड़ी बांग्लादेश की कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर चेतावनी मानी जा रही है.
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मोतालेब सिकदार पर जानलेवा हमला
National Citizen Party (NCP) के खुलना डिविजनल चीफ और केंद्रीय आयोजक Motaleb Sikdar को अज्ञात हमलावरों ने सिर में गोली मार दी. घटना के तुरंत बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है.
हमले से दहशत, सुरक्षा पर सवाल
इस हमले ने न सिर्फ NCP कार्यकर्ताओं में डर पैदा किया है, बल्कि आम लोगों के बीच भी असुरक्षा की भावना बढ़ी है. खुलना जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में खुलेआम गोलीबारी ने यह दिखा दिया कि राजनीतिक नेताओं तक भी हमलावर आसानी से पहुंच पा रहे हैं.
उस्मान हादी हत्या की कड़ी
इससे पहले छात्र नेता और इंकलाब मंच के प्रवक्ता Usman Hadi की 12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर इलाके में चुनावी अभियान के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सिंगापुर में इलाज के दौरान उनकी मौत हुई, जिसके बाद देशभर में हिंसा, तोड़फोड़ और झड़पें देखने को मिलीं.
अंतरिम सरकार पहले से दबाव में
हादी की हत्या के बाद कट्टरपंथी समूहों ने अंतरिम सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था और आरोपियों की गिरफ्तारी में “स्पष्ट प्रगति” की मांग की थी. लेकिन बांग्लादेश पुलिस ने स्वीकार किया कि मुख्य संदिग्ध के ठिकाने को लेकर उनके पास कोई ठोस जानकारी नहीं है, जिससे सरकार पहले ही बैकफुट पर आ गई थी.
नया हमला, बढ़ता राजनीतिक दबाव
मोतालेब सिकदार पर हमले ने अंतरिम सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. विश्लेषकों का मानना है कि अगर दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो हिंसा की आग दोबारा भड़क सकती है और राजनीतिक अस्थिरता और गहराएगी.
देशभर में हिंसा की घटनाएं
उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश के कई हिस्सों में हमले, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं. राजनीतिक दलों के दफ्तरों और सार्वजनिक संपत्तियों को निशाना बनाया गया, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए.
शेख हसीना का गंभीर आरोप
इसी बीच, पूर्व प्रधानमंत्री Sheikh Hasina ने ANI को दिए ईमेल इंटरव्यू में आरोप लगाया कि Muhammad Yunus की अंतरिम सरकार में अराजकता कई गुना बढ़ गई है. उन्होंने दावा किया कि चरमपंथियों को कैबिनेट में जगह दी गई, दोषी आतंकियों को रिहा किया गया और कट्टरपंथी समूहों को सार्वजनिक जीवन में भूमिका निभाने दी गई.
कानून-व्यवस्था की अग्निपरीक्षा
लगातार हो रहे राजनीतिक हमले बांग्लादेश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बन चुके हैं. मोतालेब सिकदार पर हमला यह संकेत देता है कि यदि हिंसा पर तुरंत लगाम नहीं लगी, तो देश एक और बड़े राजनीतिक संकट की ओर बढ़ सकता है. आने वाले दिन यह तय करेंगे कि अंतरिम सरकार हालात संभाल पाती है या नहीं.