दर्द में अफगानिस्तान! भूकंप से मचा हाहाकार, अब तक 800 से अधिक लोगों की मौत; देखिए तबाही का खौफनाक मंजर
अफगानिस्तान एक बार फिर भीषण त्रासदी से जूझ रहा है. तेज़ भूकंप ने कई इलाकों को हिला कर रख दिया, जिसमें अब तक 800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों घायल हैं. सबसे ज़्यादा तबाही ग्रामीण इलाकों में हुई है, जहां घर पूरी तरह ढह गए और लोग मलबे में दब गए. राहत और बचाव टीमें लगातार मलबा हटाने और फंसे लोगों को निकालने का प्रयास कर रही हैं.;
अफगानिस्तान एक बार फिर भूकंप की विनाशलीला से दहल गया है. तालिबान प्रशासन के गृह मंत्रालय के मुताबिक, देश के पूर्वी हिस्से में आधी रात को आए शक्तिशाली भूकंप में अब तक कम से कम 800 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1000 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन लगातार मिल रही नई जानकारियों से मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. इस बीच सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीर दर्दनाक वायरल हो रही है जो की कितनी दर्दनाक हो सकती है इसका अंदाजा वीडियो और तस्वीरों से लगाया जा सकता है.
भूकंप का झटका इतना जोरदार था कि इसका असर न सिर्फ अफगानिस्तान बल्कि पाकिस्तान और उत्तरी भारत तक महसूस किया गया. दिल्ली-एनसीआर समेत कई शहरों में लोगों ने देर रात तक तीव्र झटके महसूस किए और घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ पड़े.
कहां था भूकंप का केंद्र?
भूकंप का केंद्र पूर्वी अफगानिस्तान में अक्षांश 34.50N और देशांतर 70.81E पर, 160 किलोमीटर की गहराई में स्थित था. इसके बाद लगातार कई आफ्टरशॉक्स भी दर्ज किए गए जिनकी तीव्रता 4.3 से 5.0 के बीच रही.
कुनार प्रांत में तबाही
अफगान स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कुनार प्रांत के तीन गांव पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत ज़मान ने कहा, "सिर्फ कुछ क्लीनिकों के आंकड़े ही अब तक 400 से ज्यादा घायलों और दर्जनों मौतों की पुष्टि कर रहे हैं.
कुनार प्रांत की सूचना प्रमुख नजीबुल्लाह हनीफ ने बताया कि शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, "कम से कम 250 लोगों की मौत और 500 लोग घायल हुए हैं," हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह आंकड़े अभी अस्थायी हैं। एक गांव से ही 30 मौतों की पुष्टि हुई है।
जर्जर मकान बने मौत का कारण
अफगानिस्तान का बड़ा इलाका अब भी कच्चे और मिट्टी-पत्थर के मकानों पर निर्भर है, जो भूकंप के झटकों में आसानी से ढह जाते हैं। इसी वजह से मरने वालों की संख्या इतनी अधिक हो रही है. अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'अब तक किसी भी विदेशी सरकार ने औपचारिक रूप से राहत या मदद की पेशकश नहीं की है.' यह बयान उस वक्त आया है जब लोग खुले आसमान के नीचे मदद का इंतजार कर रहे हैं.
भूकंप प्रवण इलाका है अफगानिस्तान
अफगानिस्तान का अधिकांश हिस्सा हिंदूकुश पर्वत श्रृंखला में आता है, जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टॉनिक प्लेट्स टकराती हैं। यही कारण है कि यह इलाका एशिया के सबसे भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में से एक माना जाता है. अक्टूबर 2023 में भी अफगानिस्तान ने एक भयंकर आपदा देखी थी जब 6.3 तीव्रता वाले भूकंप ने हजारों जिंदगियां छीन ली थीं. AP के मुताबिक, उस आपदा में कम से कम 4,000 लोगों की मौत हुई थी, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने आंकड़ा 1,500 बताया था.