चीन-पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश की बढ़ती नजदीकी पर भारत के लिए क्यों बज रही है खतरे की घंटी?
क्या बांग्लादेश का बदला हुआ सुर महज़ आंतरिक राजनीति का नतीजा है या इसके पीछे चीन-पाकिस्तान की गहरी रणनीतिक चाल छिपी है? क्या बीजिंग और इस्लामाबाद भारत से सीधे टकराव की स्थिति में अब ‘तीसरे मोर्चे’ को सक्रिय करने की तैयारी कर रहे हैं? और क्या भारत को आने वाले पांच वर्षों में अपनी सैन्य और कूटनीतिक रणनीति को उसी तरह नए सिरे से गढ़ना होगा, जैसा इतिहास में जर्मनी के उभार और हिटलर की आक्रामक नीतियों से सबक लेकर किया जा सकता है? इन तमाम गंभीर सवालों के स्पष्ट, तथ्यपरक और रणनीतिक जवाब पाने के लिए स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर (क्राइम इन्वेस्टिगेशन) संजीव चौहान ने जियो-पॉलिटिक्स, सैन्य रणनीति और विदेश नीति के विशेषज्ञ, भारतीय सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल जसिंदर सिंह सोढ़ी (ले. कर्नल जे.एस. सोढ़ी) से एक्सक्लूसिव बातचीत की.