मोदी खामोश हैं कमजोर नहीं, बांग्लादेश-यूनुस की उल्टी गिनती शुरू : शबनम खान
बीते लगभग एक साल से भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश सिर्फ एक संप्रभु राष्ट्र नहीं, बल्कि पाकिस्तान और चीन की रणनीतिक कठपुतली बनता नजर आ रहा है. इस भू-राजनीतिक खेल की सबसे बड़ी कीमत चुका रहा है वहां का हिंदू समुदाय - जिन पर हमले, हत्याएं, मंदिरों की तोड़फोड़ और जबरन पलायन की घटनाएं अब किसी से छिपी नहीं हैं. दुनिया के कई मंचों पर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि भारत जैसे विशाल लोकतंत्र की सत्ता और उसके कथित बड़े राजनीतिक दलों की जुबान पर इस मुद्दे पर अब तक खामोशी छाई हुई है. सवाल उठता है - क्या बांग्लादेश में हिंदुओं का कत्ल-ए-आम भारतीय राजनीति की संवेदना से बाहर हो चुका है? इन्हीं तीखे सवालों को ज़मीन पर लाने के लिए स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर (इन्वेस्टिगेशन) संजीव चौहान ने नई दिल्ली में मौजूद बेबाक और निर्भीक महिला नेता शबनम फाजिल खान से विस्तार से बातचीत की.